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5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज जिन्हें आपको हर रोज़ करना चाहिए, नहीं होगी स्टिफनेस और थकान

दिनभर बैठकर कंधों, कमर और पीठ में बढ़ने वाली स्टिफनेस को दूर करने में स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ फायदेमंद साबित होती हैं। इसे रोज़मर्रा की गतिविधि में शामिल करके शरीर को स्वस्थ बनाया जा सकता है।
Published On: 6 Mar 2025, 08:00 am IST
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stretching exercise apki muscles ko relax karti hai
स्ट्रेचिंग और रिलैक्सिंग एक्सरसाइज़ शरीर को रिलैक्स करती है। चित्र: शटरस्टॉक

रोज़मर्रा के जीवन में जहां कुछ लोग वेटगेन की समस्या से दो चार हो रहे हैं, तो कुछ देर तक बैठकर काम करने से ऐंठन की शिकायत करते हैं। ऐसे में अपने शरीर को संतुलित बनाए रखना आवश्यक है और उसके लिए रूटीन में बॉडी स्ट्रेचिंग करना बेहतरीन विकल्प है। वे लोग जो आमतौर पर जिम जाना अवॉइड करते हैं, उनके लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ बेहद ज़रूरी है। दरअसल, सुबह उठकर कुछ वक्त स्ट्रेचिंग करने से दिनभर शरीर एक्टिव और हेल्दी बना रहता है। जानते हैं स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ के फायदे और कुछ एक्सरसाइज़ (Stretching Exercise)।

इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि स्ट्रेचिंग (Stretching Exercise) से शरीर में खिंचाव आने लगता है और दर्द का अनुभव होता है। मगर नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से शरीर की मूवमेन्ट में सुधार आने लगता है। साथ ही कार्यक्षमता भी बढ़ जाती है। वे लोग जिन्हें उठने बैठने में तकलीफ बढ़ जाती है। उनके लिए ये बेहद कारगर विकल्प है। इससे रोज़मर्रा की गतिविधि में शामिल करके शरीर को स्वस्थ बनाया जा सकता है।

stretching exercise se karein laziness dur
स्ट्रेंचिंग एक्सरसाइज गर्दन मे दर्द दूर करने में ज्यादा असरदार साबित होंगी।चित्र: शटरस्टॉक

जानते हैं स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ के फायदे (Benefits of Stretching Exercise)

1. स्टिफनेस होगी दूर

दिनभर बैठकर कंधों, कमर और पीठ में बढ़ने वाली स्टिफनेस को दूर करने में ये व्यायाम फायदेमंद साबित होते हैं। इससे जॉइंट्स की मोबिलिटी बढ़ने लगती है और ऐंठन से राहत मिल जाती है। रोज़ाना इसका अभ्यास करने से शरीर में लचीलापन बढ़ जाता है।

2. मसल्स की मज़बूती बढ़ाए

नियमित रूप से स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियों की मज़बूती बढ़ने लगती है। इससे मसल्स ग्रोथ में फायदा मिलता है और थकान से भी राहत मिल जाती है। नियमित रूप से इसका अभ्यास मसल्स के चोटिल होने के खतरे को भी कम करता है। साथ ही विकास में भी बढ़ोतरी होती है।

3. हेल्दी वेट मैनेजमेंट में मददगार

रोज़ाना वर्कआउट करने से शरीर में बढ़ने वाली कैलोरीज़ को जमा होने से रोका जा सकता है। ऐसे में सप्ताह में 5 दिन 150 मिनट वर्कआउट शरीर के वज़न को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा पेट पर जमा चर्बी और बैक बल्ज की समस्या को भी दूर किया जा सकता है। इससे शरीर में एनर्जी का स्तर बना रहता है।

Stretching se kai fayde milte hain.
स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों की स्टिफनेस खत्म हो जाती हैं। इससे शरीर अधिक लचीला हो जाता है। चित्र : शटरस्टॉक

4. बॉडी पोश्चर में लाए सुधार

इससे कोर मसल्स की स्ट्रेंथ व मज़बूती बढ़ने लगती हैं। वे लोग जो देर तक बैठकर कार्य करते है। उसका असर कंधों, गर्दन और पीठ पर दिखने लगता है। ऐसे में शरीर के पोश्चर में सुधार लाने के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ से फायदा मिलता है।

इन स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से बनाएं शरीर को संतुलित (Stretching Exercises)

1. स्टैटिक हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच (Static Hamstring Stretch)

कमर के निचले हिस्से की मांसपेशियों की मज़बूती के लिए स्टैटिक हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच से फायदा मिलता है। इससे हिप्स की मज़ूबती बढ़ती है। साथ ही शरीर स्ट्रेच होने लगता है। पीठ के बल लेटकर की जाने वाली इस एक्सरसाइज़ में एक पैर उपर उठाएं और दूसरा जमीन पर टिकाकर रखें। इस मूवमेंट में शरीर को 15 से 30 सेकंड तक बनाए रखें और फिर पैर बदल लें। इसे 2 से 3 बार दोहराएं।

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2. काफ स्ट्रेच (Calf Stretch)

इस एक्सरसाइज़ से टखने और टखने को स्थिर करने में मदद करने वाली कई छोटी मांसपेशियों को चोट लगने से बचा हैने में मदद मिलती है। इसके लिए दीवार की ओर एक हाथ की दूरी पर खड़े हो जाएं। अब एक घुटने को मोड़ें और अपना पैर आगे की ओर रखें। ध्यान रखें इस दौरान घुटने खिंचे हुए हों। अपने हाथों का इस्तेमाल करके खुद को दीवार से सटाएं और पेट को मजबूती से टिकाएं और तब तक झुकें जब तक आपको अपने पिछले पैर की पिंडली की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस न हो। इसे 20 से 30 सेकंड तक रखें और साइड बदल लें।

Calf muscles ko kaise majboot banayein
एड़ी को उचां उठाने से काफ मसल्स की मज़बूती में सुधार आने लगता है। इससे पैरों में नसों में ब्लड का फ्लो उचित बना रहता है। चित्र:अडॉबीस्टॉक

3. हिप फ्लेक्सर्स स्ट्रेच (Hip Flexors Stretch)

हिप्स के लचीलेपन को बनाए रखने के लिए हिप फ्लेक्सर्स बहुत जरूरी हैं। इसे करने के लिए दाहिने पैर को दीवार के सहारे और बाएं पैर को ज़मीन पर रखकर शुरुआत करें। हिप्स को तब तक नीचे करना सुनिश्चित करें जब तक कि अपने बाएं कूल्हे के सामने की ओर खिंचाव महसूस न करें। ध्यान रखें दाहिना घुटना सीधे आपके टखने के ऊपर हो। सांस पर नियंत्रण बनाए रखें और फिर दूसरे पैर से ये प्रक्रिया दोहराएं।

4. अपर बैक स्ट्रेच (Upper Back Stretch)

ये खिंचाव उन लोगों के लिए अच्छा है जो अपनी ऊपरी पीठ में गतिशीलता बढ़ाना चाहते हैं। दीवार की ओर मुँह करके सीधे खड़े होकर शुरुआत करें। अब अपनी पीठ और पैरों को सीधा रखते हुए आगे की ओर झुकें। तब तक झुके रहें जब तक छाती ज़मीन के समानांतर न हो जाए। अपने हाथों का उपयोग करके दीवार से दूरी बनाकर रखें और अपने हिप्स को पीछे की ओर खींचें। 30 सेकंड तक उसी मुद्रा में बने रहें।

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5. फुल बॉडी स्ट्रेच (Body full stretch)

शरीर को एकि्अव रखने के लिए इस स्ट्रेच से शरीर दिनभर एक्टिव बना रहता हे। फुल बॉडी स्ट्रेच एक्सरसाइज़ को करने के लिए अपनी दोनों बाजूओं को ऊपर की ओर लेकर जाएं और उंगलियों से लेकर पंजों तक फैलाएं। कुछ सेकंड के लिए रुकें और फिर छोड़ दें।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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