Stretching in winter : जानिए क्यों आपके लिए जरूरी है ठंड के मौसम में स्ट्रैचिंग एक्सरसाइज

कुछ मिनटों की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को बर्न करने में मदद मिलती है, जिससे वेटगेन से राहत मिलती है। साथ हीं जोड़ों में लचीलापन बढ़ता है और सर्दी में चोटिल होने का खतरा कम होने लगता है।
streching se stress kaise release hota hai
व्यायाम से पहले शरीर को एक्टिव करने के लिए वॉर्म अप करें। इससे आपकी मांसपेशियों को राहत मिलेगी और बॉडी के मूवमेंट से शरीर में गरमाहट भी बनी रहेगी। चित्र : शटरस्टॉक
Published On: 7 Jan 2025, 08:00 am IST
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ठिठुरती ठंड में जहां शारीरिक अंगों में ऐंठन बढ़ने लगती है, तो वहीं आलस्य का भी सामना करना पड़ता है, जो वेटगेन का कारण साबित होता है। इबढ़ती सर्दी के कारण वर्कआउट रूटीन बाधित होने लगता है। ऐसे में शरीर का फिट और एक्टिव रखने के लिए व्यायाम आवश्यक है। दरअसल, बॉडी स्ट्रेचिंग के ज़रिए शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है, जिससे शारीरिक अंगों की मोबिलिटी में सुधार होता है और आलस दूर हो जाता है। जानते हैं कुछ ऐसी आसान स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ (Stretching in winter) जिससे वेटलॉस में मिलती है मदद।

इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट गरिमा भाटिया बताती हैं कि कुछ मिनटों की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज (Stretching in winter) से शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को बर्न करने में मदद मिलती है, जिससे वेटगेन से राहत मिलती है। साथ हीं जोड़ों में लचीलापन बढ़ता है और सर्दी में चोटिल होने का खतरा कम होने लगता है। इससे तनाव व डिप्रेशन के खतरे को कम करने में भी मदद मिलती है। बॉडी स्ट्रेचिंग करने से फैट बर्निंग कपेसिटी में सुधार आने लगता है। शुरूआत में सप्ताह में 2 से 3 दिन स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ करने से शरीर को फायदा मिलता है।

Back stretch ke fayde
गर्दन दर्द के लिए इस एक्सरसाइज़ के ज़रिए स्टिफनेस को दूर करने में मदद मिलती है। चित्र: अडोबी स्टॉक

इन एक्सरसाइज़ से सर्दियों में वेटलॉस में मिलेगी मदद (Stretching in winter)

1. फुल बॉडी रोल

शरीर में लचीलेपन को बढ़ाने और ऐंठन का कम करने के लिए फुल बॉडी रोल की मदद ली जा सकती है। इससे पेट पर जमा चर्बी को दूर करने में मदद मिलती है और टांगों में बढ़ने वाले दर्द को भी कम किया जा सकता है।

जानें इसे करने की विधि

  • सबसे पहले मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों बाजूओं को उपर की ओर लेकर जाएं और कोहनियों से सीधा कर लें।
  • उसके बाद घुटनों को बैंड करते हुए बाजूओं को धीरे धीरे नीचे लाएं और दोनों हथेलियों को जमीन से छुएं। गर्दन को घुटनों से टच करें
  • नियमित रूप से इसका अभ्यास शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरीज़ को बर्न करता है। शरीर की क्षमता के अनुसार इसका अभ्यास करें।

2. कॉफ स्ट्रेच

कॉफ स्ट्रेच से मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ने लगता है और शरीर दिनभर एक्टिव रहता है। इससे टांगों की मसल्स को भी मज़बूती मिलती है और शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से नर्वस की स्टिफनेस को दूर किया जा सकता है।

जानें कॉफ स्ट्रेच करने की विधि

  • इसे करने के लिए दीवार के सामने खड़े हो जाएं और दोनों पैरों में दूरी बनाकर रखें। इसके बाद एड़ी के सहारे खड़े हो जाएं।
  • दोनों हाथों को दीवार रखें और शरीर को आगे की ओर झुकाएं। 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इसी पोज़िशन में रहें।
  • इससे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है।
Calf muscles ko kaise majboot banayein
एड़ी को उचां उठाने से काफ मसल्स की मज़बूती में सुधार आने लगता है। इससे पैरों में नसों में ब्लड का फ्लो उचित बना रहता है। चित्र:अडॉबीस्टॉक

3. कोबरा स्ट्रेच

पेट के मसल्स में बढ़ने वाले खिंचाव से वेटलॉस में मदद मिलती है। इससे कंधों को मज़बूती मिलती है और शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है। शरीर के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से इसका अभ्यास फायदेमंद साबित होता है।

जानें इसे करने की विधि

  • इसे करने के लिए मैट पर पेट के बल लेट जाएं। उसके बाद टांगों को एकदम सीधा कर लें। अब पैरों को जमीन पर लगाकर रखें।
  • शरीर के उपर हिस्से को आगे से उंचा उठाएं और दोनों बाजूओं को जमीन पर टिका लें। इस दौरान कोहनियों को एकदम सीधा रखें।
  • अब गहरी सांस लें और छोडें। इस दौरान गर्दन को भी उपर रखें। 30 सेकण्ड तक इसी पोज़िशन में शरीर को रखें।

4. हिप स्ट्रेच

इस एक्सरसाइज़ को करने के दौरान हिप्स और इन्नर थाइज़ में खिंचाव आने से स्क्वाट पोज़िशन में सुधार आने लगता है। इससे उठने बैठन में होने वाली तकलीफ से भी बचा जा सकता है। साथ ही शारीरिक तनाव को दूर किया जा सकता है।

जानें इसे करने की विधि

  • इस एक्सरसाइज़ को करने से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। इसे करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं।
  • अब दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ते हुए आपस में पैरों को जोड़ लें। दोनों हथेलियों से पैरों को पकड़कर रखें।
  • शरीर को आगे की ओर झुकाएं और पैरों को उपर से नीचे की ओर लेकर जाएं। इससे घुटनो ंकी मोबिलिटी में सुधार आने लगता है।
Hip stretch ke fayde
इस एक्सरसाइज़ को करने के दौरान हिप्स और इन्नर थाइज़ में खिंचाव आने से स्क्वाट पोज़िशन में सुधार आने लगता है।

5. लॉन्ग स्ट्रेच

सर्दी में आलस्य को दूर करने के लिए इस व्यायाम का अभ्यास करें। इससे शरीर में जमा कैलोरीज़ को भी बर्न किया जा सकता है। शरीर का लचीलापन बढ़ने लगता है और थकान भी कम होती है।

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  • इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों बाजूओं को कानों को छूते हुए उपर की ओर उठाएं।
  • अब एड़ियों को उपर उठाएं और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। शरीर को स्ट्रेच करें और सामने की ओर देखें।
  • शरीर की क्षमता के अनुसार इस पोज़िशन में बने रहें। इससे शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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