अक्सर ऑफिस और घर में वर्क की स्मूद फ्लो के लिए हम व्यर्थ की चिंता मोल ले लेते हैं। इसके कारण हम तनाव में जीने लगते हैं। यह तनाव हमारे बेली फैट को भी बढ़ा सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि तनाव के कारण कोर्टिसोल हॉर्मोन सीक्रेशन बढ़ जाता है। इससे पेट की चर्बी यानी बेली फैट बढ़ने लगती (Stress and Belly fat) है। क्या तनाव कम करने से पेट की चर्बी घट सकती है? क्या इसे रोकने के लिए कुछ उपाय किये जा सकते हैं? जानते हैं एक्सपर्ट से।
मनस्थली संस्था की फाउंडर और सीनियर साइकोलोजिस्ट डॉ. ज्योति कपूर बताती हैं, ‘तनाव के कारण पेट पर चर्बी चढने लगती है, तो यह स्ट्रेस बेली (Stress Belly) कहला सकती है। स्ट्रेस बेली तनाव और तनाव के कारण होने वाले हार्मोन सीक्रेशन के प्रभाव की ओर इंगित करता है। तनाव कई तरह से वजन बढ़ा सकता है। पहला तो यह शरीर के कोर्टिसोल हॉर्मोन (stress trigger cortisol) को ट्रिगर करता है।
बढ़ सकता है कोर्टिसोल लेवल (Stress increase Cortisol Level)
कोर्टिसोल ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने, मेटाबोलिज्म को सक्रिय करने, सूजन को कम करने में मदद करता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूती देने के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है।लंबे समय तक कोर्टिसोल के स्तर में वृद्धि का सीधा संबंध बेली फैट से होता है। यह उन व्यक्तियों में बेली फैट बढ़ा देता है, जो लगातार दबाव और तनाव में रहते हैं। थोड़े समय के तनाव से दस्त और उल्टी भी हो सकती है।’
डॉ. ज्योति कपूर कहती हैं, ‘तनाव के कारण अनियंत्रित खान-पान हो सकता है। यह भी हाई कोर्टिसोल लेवल के कारण होता है। लगातार तनाव की स्थिति में रहने पर अक्सर हम अधिक खाने लगते हैं। भोजन ब्रेन के डोपामाइन लेवल को ट्रिगर करता है। तनाव ब्रेन की भूख को नियंत्रित करने की क्षमता को कम कर सकता है। इससे बहुत भूख लग सकती है। तनाव के कारण क्रोनिक सूजन, इंसुलिन रेसिस्टेंस और नींद में परेशानी होती है। लंबे समय तक नींद की कमी शरीर के चयापचय को कम कर देती है। यह शरीर को फैट बर्न करने से रोकती (Stress and Belly fat) है। इंसुलिन रेसिस्टेंस ब्लड ग्लूकोज लेवल बढ़ा सकती है।‘
डॉ. ज्योति कपूर के अनुसार, घर पर रिलैक्स रहने की कोशिश करें। अपनी पसंदीदा म्यूजिक सुनें। कोई अच्छी किताब पढ़ें। या कोई फ़िल्म देखें। अपने लिए एक रेलैक्सिंग ड्रिंक बनाएं या लंबे समय तक गुनगुने पानी (Lukewarm water bath) से स्नान करें।
समय निकालकर दोस्तों के साथ बातचीत करें और डिनर साथ खाएं। उनके साथ मूवी भी देख सकती हैं। सोशल मीटिंग और गैदरिंग से तनाव दूर हो सकता है।
एक्सरसाइज और योगासन से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बढ़िया होता है। यह शरीर के तनाव हार्मोन को कम करता है और एंडोर्फिन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है। यह पेट की चर्बी सहित तनाव के नकारात्मक दुष्प्रभावों को कम करता है। हर दिन कठिन एक्सरसाइज नहीं, बल्कि 30 मिनट का हल्का व्यायाम पर्याप्त है। काम के दौरान कभी-कभार छोटी ब्रेक लेकर वाक करने से तनाव और बेली फैट दोनों घटता है।
हेल्दी फ़ूड और पोर्शन कंट्रोल पेट की चर्बी से निपटने का सबसे बढ़िया तरीका (Stress and Belly fat)है। जितना हो सके अपने आहार में भरपूर मात्रा में फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें। गहरे पत्तेदार साग तनाव कम करने में मदद करते हैं। स्नैक्स और फास्ट फूड जैसे हाई कैलोरी और प्रोसेस्ड फ़ूड से बचें। सोडा और अन्य एडेड शुगर वाले ड्रिंक की बजाय पानी और कोकोनट वाटर लें।
छह घंटे से कम सोने पर बेली फैट का खतरा अधिक होता है। इसलिए पेट की चर्बी और तनाव को कम करने के लिए हर दिन कम से कम सात से आठ घंटे की नींद लेने की कोशिश करें। सोने के समय की एक सख्त दिनचर्या बनायें और उसका पालन करें। बेड पर फोन या लैपटॉप का उपयोग करने से बचें। इसकी ब्लू लाइट सोने से रोक सकती है।
यह भी पढ़ें :- Yoga For Flexibility : पीठ को मजबूत करना है, तो थोड़ा बेंड करें, यहां हैं 5 बैकबेंड योगा पोज़
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।