तन और मन को हेल्दी बनाए रखने के लिए योग एक बेहतरीन विकल्प है। दिनों दिन बढ़ रहे वर्कलोड (workload) और अनियमित खानपान के चलते शरीर में ऐंठन और तनाव (stress) की स्थिति बनी रहती है। इससे न केवल शारीरिक समस्याएं बढ़ती हैं बल्कि काम पर फोकस भी नहीं कर पाते हैं। ऐसे में स्ट्रेस (stress) कम करने, शारीरिक क्षमता (body stamina) को बढ़ाने और खुद को हेल्दी बनाए रखने के लिए शशांकासन का अभ्यास करना बेहद ज़रूरी है। इससे शरीर को कई फायदे मिलते है और स्ट्रेस लेवल को भी कम किया जा सकता है। जानते हैं शशांकासन के फायदे (benefits of shashankasana) और इसे करने की विधि भी।
इस बारे में योग विशेषज्ञ भावना जपत्यानी बताती हैं कि शशांकासन को करने से आज्ञा चक्र एक्टिव होता है, जिसे आसइब्रो चक्र भी कहा हैं। इससे तनाव कम होने लगता है। बार बार गुस्सा आना और इगो की समस्या भी हल हो जाती है। इसके अलावा शशांकासन के नियमित अभ्यास से पेट की मांसपेशियों को सुकून मिलता है और वो रिलैक्स हो जाती है, जिससे पेट संबधी समस्याओं से राहत मिलती है। इसके अलावा हृदय से जुड़े रोगों का खतरा भी टल जाता है। दिनभर में 2 से 3 बार इस योगासन का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है।
शशांकासन को रेबिट पोज़ के नाम से भी जाना जाता है। इसके नियमित अभ्यास से ब्लड प्रेशर नियमित बना रहता है और हार्ट रेट भी उचित रहता है। इससे हृदय संबधी समस्याओं का खतरा टल जाता है। रोज़ाना दिन में 2 से 3 बार इस योगाभ्यास से हाई कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) की समस्या से भी बचा जा सकता है।
दिनभर चिंता में घिरे रहने के चलते मानसिक स्वस्थ्य पर उसका गहरा प्रभाव दिखने लगता है। ऐसे में मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए शशांकासन को नियमित तौर पर करें। सिर को जमीन से छूने के चलते मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने लगता है, जिससे आपको फ्रेशनेस महसूस होती है।
वज्रासन में बैठकर किए जाने वाले इस योग से पेट की मांसपेशियों पर खिंचाव आता है। इससे बॉवल मूवमेंट नियमित रहती है और कब्ज की समस्या से राहत मिल जाती है। रोज़ाना सुबह किए जाने वाले इस योग से पेट में होने वाली ऐंठन, अपच और एसिडिटी की समस्या से भी राहत मिल जाती है।
सुबह उठकर शशांकासन का अभ्यास करने से शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है। इससे शरीर का पोश्चर बेहतर हो जाता है। रोज़ाना कुछ देर तक इस योग मुद्रा में रहने से सांस पर नियंत्रण रहता है और श्वसन रोगों से भी मुक्ति मिल जाती है। इस योग मुद्रा से शारीरिक अंगों में होने वाली स्टिफनेस से राहत मिलती है।
अक्सर थाइज़ और बट्स पर जमा फैट्स को बर्न करने के लिए कई प्रकार के व्यायाम किए जाते हैं। खुद को फिट बनाए रखने और वेटगेन से बचने के लिए शशांकासन का अभ्यास करें। इससे टांगों पर जमी चर्बी अपने आप बर्न होने लगती है। इससे आपका शरीर हेल्दी और एक्टिव बना रहता है।
इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। पीठ को एकदम सीधा रखें।
गहरी सांस लें और फिर दोनों एड़ियों को हिप्स के नीचे दबाते हुए उंगलियों को बाहर की ओर निकालें।
दोनों बाजूओं को उपर की ओर उठाएं और सांस छोड़ें व कमर को आगे की ओर झुकाएं।
अब दोनों हथेलियों और सिर को मैट पर टिका लें। आप चाहें, तो सिर के नीचे तकिया भी रख सकते हैं।
30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इसी मुद्रा में रहने के बाद दोबारा से वज्रासन में बैठ जाएं और शरीर को ढ़ीला छोड़ें।
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