गरुड़ासन दिला सकता है पैरों में होने वाली ऐंठन से छुटकारा, इन आसान स्टेप्स के साथ करें नियमित अभ्यास

लगातार एक स्थान पर बैठने से रक्त प्रवाह नियमित तरीके से नहीं हो पाता है। ऐसे में गरूड़ासन का अभ्यास शरीर को कई समस्याओं से मुक्ति दिलाता है। जानते हैं गरूड़ासन से मिलने वाले लाभ।
Jaanein Garudasaan ke fayde
गरूड़ासन का अभ्यास शरीर को कई समस्याओं से मुक्ति दिलाता है। चित्र अडोबी स्टॉक
Published On: 10 Dec 2023, 09:30 am IST
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प्रतिदिन कुछ देर योगाभ्यास करने से तन और मन को ताज़गी और एनर्जी की प्राप्ति होती है। इससे शारीरिक समस्याओं का समाधान आसानी से होने लगता है। आमतौर पर व्यस्त दिनचर्या के चलते मांसपेशियों में ऐंठन एक आम समस्या है, जो लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुकी है। लगातार एक स्थान पर बैठने से रक्त प्रवाह नियमित तरीके से नहीं हो पाता है। इसके चलते शारीरिक अंगों में दर्द व सूजन की समस्या बढ़ने लगती है। साथ ही वेटगेन भी आज के दौर की एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। ऐसे में गरूड़ासन का अभ्यास शरीर को कई समस्याओं से मुक्ति दिलाता है। जानते हैं गरूड़ासन करने का तरीका और इससे मिलने वाले लाभ भी (benefits of Garudasana)।

गरूड़ासन क्या है (What is Garudasana)

गरूड़ासन यानि ईगल पोज़ का नियमित अभ्यास मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन से राहत दिलाता है। दरअसल, इस योगासन से शरीर पूरी तरह से स्ट्रेच होता है। इस बारे में योग एक्सपर्ट सुमिता गुप्ता बताती हैं कि इससे ब्लड सर्कुलेशन नियमित रहता है, जो शरीर को एक्टिव बनाए रखता है। इससे शरीर को इम्यून सिस्टम मज़बूत होने लगता है। साथ ही पुरूषों में स्पर्म काउंट बढ़ाने में भी मददगार साबित होता है। दिनभर में 3 से 4 बार 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस योग मुद्रा का अभ्यास शरीर को कई फायदे पहुंचाता है।

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गरूड़ासन यानि ईगल पोज़ का नियमित अभ्यास मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन से राहत दिलाता है। चित्र : शटरस्टॉक

जानते हैं गरूड़ासन के लाभ (Benefits of Garudasana)

1. मांसपेशियों को मिलेगी मज़बूती

इसके अभ्यास से शरीर में खिंचाव आता है, जिससे शारीरिक अंगों में होने वाली ऐंठन कम होने लगती है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर के पोस्चर में सुधार आता है और बाजूओं से लेकर टांगों तक की मांसपेशियों में मज़बूती बढ़ती है।

2. शारीरिक संतुलन बनाने में सहायक

इस योगासन को करने से न केवल शरीर के पोस्चर में सुधार लाया जा सकता है बल्कि शरीर का संतुलन भी बना रहता है। शारीरिक संतुलन को मेंटेन रखने के लिए इस योगासन का निरंतर अभ्यास ज़रूरी है।

3. एकाग्रता बढ़ने लगती है

तन और मन दोनों को स्वस्थ रखने वाली इस योग मुद्रा को रोज़ाना दोहराने से मन एकचित्त हो जाता है और किसी भी कार्य को करने के लिए दिमाग पूरी तरह से फोकस्ड रहता है। कुछ भी कार्य करने के लिए मन का एकाग्र होना आवश्यक है। इसके अलावा दुश्चिंताओं और तनाव से भी दूरी बनी रहती है।

4. फैट्स होंगे बर्न

उचित वर्कआउट न करने से थाइज़ और हिप्स पर अतिरिक्त कैलोरीज़ जमा होने लगती हैं, जो वेटगेन का कारण बन जाती हैं। ऐसे में शरीर को हेल्दी बनाए रखने और वज़न घटाने के लिए गरूड़ासन का अभ्यास ज़रूर करें। इसे करने से शरीर के निचले हिस्से में लचीलापन भी बढ़ने लगता है।

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इस योगासन का अभ्यास करने से शरीर में लचीलापन बढ़ता है। जो कैलोरी बर्न करने में मददगार साबित होता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

5. पुरूषों में स्पर्म काउंट को बढ़ाए

वेटलॉस के अलावा इस योगासन को करने से महिलाओं के गर्भाशय को मज़बूती मिलती है और पुरूषों में भी स्पर्म काउंट बढ़ने लगता है। साथ ही प्रोस्टेट ग्रंथि से संबंधित समस्याओं से भी राहत मिल जाती है। वहीं महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव को नियंत्रित करता है। साथ ही पेल्विक मसल्स को स्ट्रांग बनाता है।

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इस योगासन को करने की विधि

इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और पीठ को एकदम सीधा रखें।

इस योग को करने के लिए आप दीवार का सहारा ले सकते हैं।

अब दोनों हाथों को आगे की ओर बढ़ाएं और गहरी सांस लें। इसके बाद दाईं टांग को बाई टांग पर लपेट लें।

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इसी प्रकार से दाई बाजू को बाई बाजू से क्रास की मुद्रा बनाते हुए दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार करें।

30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इसी मुद्रा में रहे और गहरी सांस लें और छोड़े।

अब दोनों हाथों और पैरों को सीधा कर लें और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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