डियर बिगिनर्स, योग के इन 5 आसनों को भूल कर भी घर में अकेले न करें ट्राय

योग मन, शरीर और आत्मा के लिए सर्वश्रेष्‍ठ अभ्यास है। जो भी इसे करना चाहें, वह इसे कर सकता है। परंतु, सभी हर आसन शुरुआत के लिए उपयुक्त नहीं होता और कोई भी योगासन उचित मार्गदर्शन के साथ ही किया जाना चाहिए, जिससे आपको किसी प्रकार की चोट न लगे।
योग के कुछ आसनों को आपको शुरूआत में ट्राय नहीं करना चाहिए। चित्र: शटरस्‍टॉक
योग के कुछ आसनों को आपको शुरूआत में ट्राय नहीं करना चाहिए। चित्र: समीक्षा शेट्टी
Samiksha Shetty Updated: 29 Apr 2022, 18:14 pm IST
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यह एक सर्वविदित तथ्य है कि योग हमारे शरीर, मस्तिष्क और आत्मा के लिए अत्यंत लाभदायक है। नियमित योगाभ्यास से आपकी नींद बेहतर हो सकती है, आप कम तनाव महसूस करेंगे, रक्तचाप में कमी होगी, शरीर में लचीलेपन तथा शक्ति में वृद्धि होगी।

हालांकि, कुछ गलतियां जैसे किसी आसन का गलत तरीके से अभ्यास करना, गलत तरीके से खिंचाव, बिना बिल्डिंग की स्थिरता के ओवरस्ट्रेच करना या गलत तरीके से सांस लेना हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। गलत आसन बनाने से कलाई, पीठ के निचले हिस्से, कंधे, कोहनी, घुटने, हैमस्ट्रिंग और गर्दन में तेज दर्द हो सकता है।

तो इसलिए अगर आप अभी हाल ही में योगाभ्‍यास शुरू कर रहे हैं, तो आपको इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है: –

1. हमेशा धीमी शुरुआत करें और पूरे शरीर को वार्म अप करें

2. अपने सारे जरूरी कामों को योगा करने से पहले खत्म कर लें ।

3. हम जानते हैं कि कई लोगों को दूसरों को कठिन आसन करते देख कर बहुत अच्छा लगता है और मन करता है कि हम भी उन्हें करें, परंतु शुरुआत में हम सभी को अपने कोर मसल्‍स को मजबूत बनाने पर ध्‍यान देना चाहिए।

4. किसी भी आसन को ट्राय करने से पहले हमें अपने ध्यान को केंद्रित करना चाहिए। साथ ही यह भी जरूरी है कि आपका होल्‍ड और स्‍ट्रेंथ दोनों मजबूत हों।

5. हमें अपनी कलाइयों को मजबूत करना चाहिए। बहुत सारे योगासनों में कलाइयों का बहुत उपयोग होता है, सामान्‍यत: हमारे शरीर को इसकी आदत नहीं होती। इसलिए जरूरी है कि हम अच्छे तरीके से वार्म अप करें। अपनी कलाइयों पर पूरे शरीर का भार एक साथ डालने से बचना चाहिए। वरना हथेलियां सुन्‍न हो सकती हैं।

योगाभ्‍यास शुरू करने से पहले खुद को वॉर्मअप करना जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक
योगाभ्‍यास शुरू करने से पहले खुद को वॉर्मअप करना जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

6. अपने शरीर को किसी भी आसन में मोड़ने से पहले हमें अपने पेट को एक स्थिर केंद्र में रखना चाहिए। अपनी रीढ़ को कूल्‍हों से दूर ऊपर की तरफ खींच कर रखना चाहिए।

7. किसी भी आसन को करते समय अगर आपको दर्द होता है, तो आपको तुरंत रुक जाना चाहिए। अगर आपका शरीर किसी एक आसन को करने में असमर्थ हो रहा है तब आपको वह आसन नहीं करना चाहिए। अपने शरीर को ज्यादा दबाने से या खींचने से स्थिति और खराब हो सकती हैं। इसलिए अपने शरीर की सुनें।

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8. अपने इंस्‍ट्रक्‍टर के निर्देशों की ओर पूरी तरह ध्‍यान दें।

9. अपने जोड़ों को कभी भी लॉक ना करें। अपने हाथों या घुटनों को ज्यादा न खींचे और स्थिरता बनाने की कोशिश करें।

10. कुछ आसन जैसे कि सामने झुकना, पीछे झुकना, अपनी कमर को मोड़ना, यह सब तभी संभव है जब आपका शरीर इसके लिए तैयार हो।

11. अपने शरीर को अच्छी तरीके से समझना सीखें। अपने शरीर की सीमा और प्रतिबंध को जानिए और उनको सम्मान दीजिए। अर्थात उन आसनों को करने की कोशिश मत कीजिए जिसमें आपका शरीर असमर्थ है।

यदि आपने अभी हाल ही में योगाभ्‍यास शुरू किया है, तो बिना किसी इंस्‍ट्रक्‍टर के इन आसनों को अकेले ट्राय न करें –

1. शीर्षासन: जब भी आप किसी योगासन में अपनी गर्दन पर दबाव डालते हैं, जैसे शीर्षासन या सर्वांगासन (कंधे के बल खड़े होना), हलासन या उर्ध्‍व पद्मासन आदि आसन बिना किसी अभ्‍यास के ट्राय करना शुरू कर देते हैं, तो आपकी गर्दन को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

शीर्षासन। चित्र : समीक्षा शेट्टी
शीर्षासन। चित्र : समीक्षा शेट्टी

2.चक्रासन और उष्ट्रासन: बिना देखरेख के घर पर अत्यधिक बैकबेंड में जाने की कोशिश न करें। चक्रासन (पहिया मुद्रा) या उष्ट्रासन (ऊंट मुद्रा) जैसे आसन में रीढ़ की हड्डी को बहुत ज्‍यादा पीछे झुकना पड़ता है।

चक्रासन। चित्र : समीक्षा शेट्टी
चक्रासन। चित्र : समीक्षा शेट्टी

3. पद्मासन : – ध्यान केंद्रित करने का यह एक बहुत बढ़िया आसन है, परंतु बहुत ज्यादा उत्सुक होकर अपने ऊपर शारीरिक दबाव नहीं डालना चाहिए और सबसे पहले हमें अपने कूल्हों आउटवार्ड रोटेशन के लिए तैयार करना चाहिए।

पद्मासन जितना आसान दिखता है, उतना है नहीं। चित्र: शटरस्‍टॉक
पद्मासन जितना आसान दिखता है, उतना है नहीं। चित्र: शटरस्‍टॉक

4. हाथों का संतुलन : – हाथों के संतुलन के लगभग हर आसन में मजबूत और स्थिर कलाइयों, कंधों और कोर की जरूरत होती है।

हाथों पर संतुलन बनाने वाले आसन बहुत अभ्‍यास मांगते हैं। चित्र: समीक्षा शेट्टी
हाथों पर संतुलन बनाने वाले आसन बहुत अभ्‍यास मांगते हैं। चित्र: समीक्षा शेट्टी

5. हनुमानासन : – यह आसन स्‍पलिट के नाम से भी जाना जाता है, क्‍योंकि यह आपके पैरों को फैला देता है। यह जांघ, कमर, हैमस्ट्रिंग में मांसपेशियों में अत्यधिक खिंचाव देता है और कूल्हे-फ्लेक्सर्स पर बहुत अधिक भार डालता है।

यह काफी जटिल आसन है।चित्र: समीक्षा शेट्टी
यह काफी जटिल आसन है।चित्र: समीक्षा शेट्टी

अगर सही तरीके से किया जाए तो यह एक शक्तिशाली एनर्जाइज़र हो सकता है।

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Samiksha Shetty is a Mumbai-based celebrity fitness instructor, a mental health advocate, and a lawyer. ...और पढ़ें

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