घर और ऑफिस में कई ऐसी बातें होती हैं, जिनकी वजह से हम स्ट्रेस में आते हैं। इससे हमारा मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। मेंटल हेल्थ दुरुस्त रहने पर ही हमारा फिजिकल हेल्थ बढ़िया होता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सांस को सही तरीके से लेने पर हमारा तनाव दूर हो सकता है। सांसों पर नियन्त्रण प्राणायाम के माध्यम हो सकता है। जो प्राणायाम की शुरुआत करना चाहते हैं, उनके लिए कौन से प्राणायाम सही (Pranayama for beginners) हैं, इसके लिए हमने बात की योग थेरेपिस्ट डॉ. अमित खन्ना से।
डॉ. अमित बताते हैं, प्राण हवा में मौजूद है जिसे हम सांस लेते हैं। ताजी हवा और ताजा आहार हमें स्वस्थ बनाए रखते हैं। सांस से हम दिन भर एनर्जेटिक बने रहते हैं। सकारात्मक भावनाएं आती हैं। यह हमारे मेंटल हेल्थ में भी योगदान देता है। इससे हमारा जीवन (Pranayama for beginners) चलता है।
भ्रामरी प्राणायाम, जिसे हमिंग बी ब्रीथ के नाम से भी जाना जाता है। सांसों का यह एक ऐसा अभ्यास है जो नर्वस सिस्टम को शांत करता है। तनाव, क्रोध को दूर करने में मदद करता है।
कैसे करें भ्रामरी प्राणायाम (How to do Bhramari Pranayam)
आंखें बंद कर लें। पीठ सीधी रखें। धीरे से अपनी उंगलियों को गाल और कान के मिलने के स्थान पर रखें। उंगलियों से कार्टिलेज को धीरे से अंदर की ओर दबाएं।
एक गहरी सांस लें और मधुमक्खी की तरह गुनगुनाहट की आवाज करते हुए सांस छोड़ें।
गुनगुनाहट की पिच ऊंची रखें। परिणाम बेहतर आयेंगे।
श्वास लें और 5-10 बार इस प्रक्रिया को करें।
सावधानी – इस प्राणायाम को खाली पेट करें।
सांस को तेज गति से शरीर के टोक्सिंस बाहर निकलते हैं। स्वसन प्रणाली साफ़ होता है। तनाव दूर होता है और मन शांत होता है। यह प्राणायाम मेटाबोलिज्म को बढाकर वेट लॉस में भी प्रभावी है।
कैसे करें कपालभाति प्राणायाम (How to do Kapalbhati)
रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठें।
गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए अपने पेट के निचले हिस्से को सिकोड़ें।
सांस को झटके के साथ बाहर निकालें।
पेट को फैलाएं और गहरी सांस लें।
एक बार में आप 20-25 बार कर सकती हैं।
कुछ सेकंड आराम करने के बाद दोबारा 20-25 बार करें।
कम संख्या के साथ इसकी शुरुआत करें।
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बीएमआई चेक करेंसावधानी : हाई ब्लड प्रेशर और बैक पेन होने पर नहीं करें। प्रेगनेंट होने, पीरियड होने और हृदय रोग होने पर कपालभाति नहीं करें। इस प्राणायाम को खाली पेट करें।
यह एक विशिष्ट प्रकार का प्राणायाम है। इसमें नियंत्रित श्वास लिया जाता है। अनुलोम विलोम प्राणायाम से सांस लेने से कई शारीरिक और मनोवैज्ञानिक लाभ होते हैं। इससे श्वास बेहतर होता है। हार्ट हेल्थ बेहतर होता है। ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और तनाव में कमी होती है। यह आपको साउंड स्लीप दिलाने में भी मदद करता है।
कैसे करें अनुलोम विलोम प्राणायाम (How to do Anulom Vilom)
पीठ की हड्डी सीधी रखकर स्ट्रेट बैठें।
दोनों हाथों को दोनों जांघों पर रिलैक्स होकर ओम की मुद्रा में रखें।
मेडिटेशन की मुद्रा में बैठकर आंखें बंद कर लें।
पहले दायें नथुने को बंद कर बाएं नथुने से सांस लें। थोड़ी देर तक सांस रोककर दायें नथुने से सांस छोड़ें।
सांस लेते समय एक नथुने को बंद रखना और फिर सांस छोड़ते समय दूसरे नथुने को बंद रखने की प्रक्रिया को याद रखना है।
फिर प्रक्रिया को उलट कर दोहरायें।
सावधानी : यदि आपको किसी प्रकार की पुरानी सांस की समस्या है या किसी प्रकार की हृदय संबंधी समस्या है, तो अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से पहले डॉक्टर से बात करें। इसे किसी भी समय किया जा सकता है।
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