भारतीय घरों में लोग आयुर्वेद पर काफी ज्यादा भरोसा करते हैं और इन्हीं विश्वसनीय आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में से एक “त्रिफला” है। त्रिफला के औषधीय गुणों की चर्चा हमेशा से होती आ रही है। वहीं इसके इन्हीं चिकित्सीय गुणों की वजह से लोग इसे पाचन संबंधी समस्या, डायबिटीज, इम्यूनिटी बूस्ट करने से लेकर त्वचा की समस्याओं से निजात पाने के लिए इस्तेमाल करते चले आ रहे हैं। परंतु इसके फायदे यही तक सीमित नहीं हैं, यह आजकल की सबसे सामान्य समस्या यानी कि मोटापे की स्थिति में भी बेहद कारगर हो सकता है।
तीन महत्वपूर्ण फलों के गुणों से भरपूर त्रिफला को डाइट में शामिल कर आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकती हैं। हमने वेट लॉस पर त्रिफला के प्रभाव की अधिक जानकारी के लिए साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ विमल छाजेड़ से बात की। तो चलिए जानते हैं त्रिफला किस तरह वेट लॉस में मददगार हो सकता है (triphala for weight loss)।
त्रिफला आयुर्वेदिक चूर्ण है जिसे सालों से इसके चिकित्सीय गुणों के लिए तमाम प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे अमलकी (आंवला), बिभीतक (बहेड़ा) और हरितकी (हरड़) जैसे तीन महत्वपूर्ण फलों से तैयार किया जाता है।
पहले इन फलों के बीज को निकाल कर इन फलों सुखाया जाता है, और उसके बाद 1:2:3 की माप से यानी की 1 भाग हरड़, 2 भाग बहेड़ा और 3 भाग में आंवला लेकर इन्हें पिसा जाता है, जब तक ही यह चूर्ण न बन जाएं। इस प्रकार त्रिफला चूर्ण को तैयार किया जाता है।
कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, हेल्दी फैट और डाइटरी फाइबर जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ यह सेहत संबंधी तमाम समस्याओं से निपटने में उचित योगदान देता है। अमलकी में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है, वहीं यह कई महत्वपूर्ण मिनरल्स और प्लांट कंपाउंड से भरपूर होती हैं।
बिभीतक की एस्ट्रिंजेंट प्रॉपर्टी इसे बॉडी टॉक्सिंस को रिमूव करने में मदद करती हैं। इसके साथ ही इसमें मौजूद दो फाइटोकेमिकल एलेजिक एसिड और गैलिक एसिड बॉडी वेट को मेंटेन करते हुए ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करती है।
जब आप खाद्य पदार्थों का सेवन करती हैं, तो वे शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए ग्लूकोस में टूट जाते हैं। वहीं इंसुलिन का सेक्रेशन यह सुनिश्चित करता है कि शरीर में पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोस अवशोषित हो जये। कई बार हाई कार्ब और शुगर युकी फूड्स की वजह से इंसुलिन ग्लूकोस के अवशोषण को पूरी तरह से पूर्ण नहीं कर पाता जिसकी वजह से बचे हुए ग्लूकोज फैट बनकर बॉडी में स्टोर हो जाते हैं। ऐसे में त्रिफला में मौजूद फाइटोकेमिकल ब्लड ग्लूकोज लेवल को संतुलित रखते हैं। इस स्थिति में बॉडी में एक्स्ट्रा फैट जमा नहीं होता और आपको वेट मैनेजमेंट में मदद मिलती है।
यह भी पढ़ें : एनीमिया और डायबिटीज से बचाती है बेबी कॉर्न, इन 2 स्वादिष्ट रेसिपीज के साथ करें इसे डाइट में शामिल
त्रिफला में पॉलीफेनॉल मौजूद होता है जो एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है। यह फ्री रेडिकल्स से लड़ता है और आपके शरीर को प्रोटेक्ट करता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार एंटीऑक्सीडेंट फैट बर्न करने और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद करते हैं। साथ ही साथ यह फैट से प्रोड्यूस हुए टॉक्सिंस को भी शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं। इस प्रकार यह वेट लॉस में आपकी सहायता कर सकता है।
नियमित रूप से त्रिफला का सेवन कोलन टिशू को मजबूत बनाता है और आपके कमर और पेट के आसपास के हिस्से में जमी एक्स्ट्रा चर्बी को कम करने में मदद करता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंत्रिफला नेचुरल लैक्सेटिव की तरह काम करते हुए आपके बॉवेल मूवमेंट को स्टिम्युलेट करने में मदद करता है। साथ ही शरीर से पानी को स्मॉल इंटेस्टाइन में ट्रांसफर करता है ताकि आपका स्टूल मुलायम हो जाए और आराम से बाहर निकल आये। इस प्रकार यह आपके पेट को पूरी तरह से साफ रखता है जिससे कि ब्लोटिंग की समस्या नहीं होती और आपका पाचन क्रिया भी पूरी तरह से स्वस्थ रहता है। एक हेल्दी वेट मैनेजमेंट के लिए पाचन क्रिया का सक्रिय और स्वस्थ होना बेहद महत्वपूर्ण है।
1/4 चम्मच त्रिफला पाउडर और 1 इंच इलायची को लगभग 250 एमएल पानी में डाल दें।
फिर इनमें कुछ देर तक उबाल आने दें और इन्हें किसी कप में छान कर निकाल लें।
अब त्रिफला की चाय में लगभग 1 चम्मच शहद मिलाएं और इसे एन्जॉय करें।
एक चम्मच त्रिफला पाउडर को लगभग एक गिलास पानी में अच्छी तरह मिलाकर रात भर के लिए ढक कर छोड़ दें। सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
त्रिफला टेबलेट आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगा। यदि आप चाहें तो इसे घर पर भी तैयार कर सकती हैं। नियमित रूप से रोज रात सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ त्रिफला का टेबलेट लें।
यह भी पढ़ें : खराब गट हेल्थ भी हो सकती है स्किन की अर्ली एजिंग के लिए जिम्मेदार, स्किन फ्रेंडली फूड्स को करें आहार में शामिल