हम सभी के पास एक आरामदायक मुद्रा में बैठने का अपना एक अलग तरीका है, लेकिन सिर्फ इसलिए कि हम उसमें आरामदायक महसूस करते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि यह वास्तव में हमारे लिए अच्छा है। वास्तव में क्रॉस-लेग्ड मुद्रा, बैठने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है। हम में से अधिकांश लोग यह नहीं जानते कि इस मुद्रा में बैठने से हमारे ऊपर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं और हमें इसे रोकने के लिए गंभीरता से प्रयास करना चाहिए।
हर समय सीधी मुद्रा में बैठना सीखना महत्वपूर्ण है। यह न केवल पूरे शरीर के लिए अच्छा है, बल्कि इससे आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
हम आपके स्वास्थ्य की देखभाल करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए हम आपको 5 कारण बताना चाहेंगे कि आपको क्रॉस-लेग पोजीशन में बैठने से क्यों बचना चाहिए।
जब आप लंबे समय तक क्रॉस-लेग मुद्रा में बैठते हैं, तो यह तंत्रिका पक्षाघात नामक स्थिति का कारण बन सकता है। इस दौरान, आप अपने पैर को उठाने में असमर्थ होते हैं, इससे मांसपेशियों में सुन्नता हो सकती है और यहां तक कि पेरिनियल तंत्रिका को भी चोट लग सकती है।
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इस संदर्भ में हुए अध्ययन के अनुसार, घुटने पर से पैरों को क्रॉस मुद्रा में रखकर बैठने से ब्लड प्रेशर में काफी वृद्धि होती है।
यह भी पुष्टि की गई कि टखनों पर से पैरों को क्रॉस मुद्रा में रखकर बैठते समय ब्लड प्रेशर में कोई स्पाइक नहीं देखी गई। सौभाग्य से, हमारे लिए, ये रक्त स्पाइक केवल अस्थायी थे। हालांकि, जिन लोगों को हाई बीपी की समस्या है उनको क्रॉस लैग मुद्रा में बैठने से बचना चाहिए।
इस अध्ययन के अनुसार, दिन में 3 घंटे से अधिक समय तक क्रॉस-लेग पोजीशन में बैठना, सिर और श्रोणि के पार्श्व झुकाव का कारण बन सकता है। यह रीढ़ की गलत स्थिति का कारण भी बन सकता है और गलत मुद्रा के कारण मांसपेशियों में दर्द और कठोरता हो सकती है।
क्रॉस लेग पोजिशन में बैठना न केवल आपके आसन के लिए बुरा है, बल्कि इससे जोड़ों का दर्द भी हो सकता है। यह आपकी गर्दन, श्रोणि, पीठ के निचले हिस्से और घुटनों को नुकसान पहुंचा सकता है। आपको अपने पैरों को पार करने से बचना चाहिए, खासकर अगर आपको पहले से ही घुटने में दर्द है।
गर्भावस्था के दौरान अपने पैरों को क्रॉस करके बैठना हालांकि गर्भस्थ शिशु के लिए बुरा नहीं है, लेकिन इससे टखने में सूजन और पैर में ऐंठन हो सकती है।
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बीएमआई चेक करेंयदि आप इनमें से किसी भी प्रभाव का अनुभव करती हैं, तो जमीन पर दोनों पैरों की पालथी मारकर यानी पद्मासन में बैठने की कोशिश करें।
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