बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। उनसे हर तरह के व्यायाम या उनका मिश्रण कराना चाहिए। हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाली एरोबिक गतिविधियां उनसे कराना चाहिए। इनसे उनका हृदय पंप होता है और फेफड़े फैलते हैं। चलने, दौड़ने, स्वीमिंग, बाइक चलाने और डांस भी उनसे कराया जा सकता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि पहले के समय में सजा के तौर पर उनसे जो उठक-बैठक कराया जा सकता है, वह भी बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बढ़िया (uthak baithak benefits) है।
योग एक्सपर्ट डॉ. स्मृति अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ” बच्चे के संपूर्ण विकास में मदद करता है उठक बैठक। इससे उन्हें कई फायदे मिलते हैं।
1 उठक-बैठक से शरीर की ऊपर और नीचे की गति ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाती है। यह ब्रेन में कोशिका और न्यूरॉन गतिविधि बढ़ाती है।
2 उठक-बैठक में कान के लोब एक्यूप्रेशर बिंदु हैं। इन्हें पकड़ने से ब्रेन में तंत्रिका मार्ग (neural pathways) उत्तेजित होते हैं।
3 दाएं हाथ से बाएं कान को पकड़ने से दायां मस्तिष्क उत्तेजित होता है। बाएं हाथ से दाएं कान को पकड़ने से बायां ब्रेन उत्तेजित होता है।
4 इससे अकादमिक परफॉर्मेंस बढ़िया होता है। एकाग्रता भी बढ़ती है।
5 इससे बच्चों का सोशल स्किल बढ़ता है। बच्चा क्रिएटिव होता है।
योग मैट बिछा लें। इस पर खड़े हो जाएं।
दोनों कान को अपनी-अपनी साइड की हथेलियों से पकड़ लें।
दोनों पैर को एक निश्चित दूरी तक फैला लें।
अब उठक बैठक लगाना शुरू कर देना है।
ध्यान देना है कि ऊपर की ओर जाने पर सांस लें।
नीचे आने पर सांस छोड़ना है।
डॉ. स्मृति बताती हैं, ”सूर्योदय के समय जब पेट खाली हो, इसे किया जा सकता है। उठक-बैठक 2-4 से शुरुआत करनी चाहिए। हर बच्चा 20 तक उठक-बैठक कर सकता है। इससे बच्चा रोग मुक्त रहता है। उसे कंसन्ट्रेशन बनाने में दिक्क्त नहीं होती है।
बच्चे के साथ-साथ बड़े भी उठक-बैठक लगा सकते हैं। इससे वेट लॉस हो पाता है और बैली फैट घटाने में भी मदद मिलती है। चर्बी घटाने के लिए दिन भर में 30 बार उठक-बैठक लगाया जा सकता है। यह प्रक्रिया पेट में जमा चर्बी पर एक प्रकार का प्रेशर क्रिएट करता है। यह तेजी से पूरे शरीर में जमा चर्बी पिघलाने का काम करता है।
उठक-बैठक को हिंदू स्क्वाट्स भी कहा जाता है। इससे थाई फैट घटाया जा सकता है। ये काफी इंटेंस एक्सरसाइज है, जिससे थाई मसल्स पर जोर पड़ता है। इनमें जमी चर्बी पिघलने लगती है। इसलिए रोजाना दिनभर में 10 बार उठक-बैठक जरूर लगाएं। धीमे-धीमे इसे बढ़ा सकती हैं। इसे वर्क आउट के तौर पर भी किया जा सकता है। इसे रोज किया जा सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस एक्सरसाइज के कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं।
स्कूल टीचर सज़ा के तौर पर उठक-बैठक करने को कहते हैं। इसमें सीधी दिशा की ओर के हाथ को कान पर रखने के लिए कहा जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि कान को सीधी हाथ से पकड़ने की बजाय हाथ क्रॉस करना चाहिए। क्रॉस हैंड से कान पकड़कर उठक-बैठक करना चाहिए।
बैठने और खड़े होने के बीच बारी-बारी से हाथों का उपयोग विपरीत कानों को दबाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग मानसिक रूप से ऊर्जावान होने में मदद मिलती है। यह मस्तिष्क की वास्तविक क्षमता को अनलॉक करता है। माइक्रो एनर्जी और ईयर एक्यूपंक्चर के सिद्धांतों पर यह आधारित है। यह अभ्यास मस्तिष्क के बाएं और दाएं हेमिस्फेयर को सिंक्रनाइज़ होने के लिए उत्तेजित करता है। यह दिमाग को आराम देता है और शरीर की दक्षता को अनुकूलित करता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंयह भी पढ़ें :- बच्चों को सिखाएं एनिमल बेस्ड ये 4 मजेदार आसन, खेल-खेल में तन- मन रहेगा स्वस्थ