शिल्पा शेट्टी योगा क्वीन हैं। हम में से ज्यादातर उनके योगा वर्कआउट को फॉलो करने की कोशिश करते हैं। हाल ही में शिल्पा (Shilpa shetty) ने एक योगा वर्कआउट (Yoga workout) वीडियो पोस्ट अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया जो आपके पेट और पीठ के लिए लाजवाब है।
शिल्पा वीडियो में योगा की उन मुद्राओं और आसनों को प्रदर्शित कर रहीं हैं, जो फ्लेक्सिबिलिटी और पोस्चर को बेहतर बनाने और पेट की चर्बी (Belly fat) को कम करने के लिए जाने जाते हैं। इसलिए, हमने आपके लिए वीडियो को छोटे-छोटे रूप में दिखाने का निर्णय लिया, ताकि आप घर पर इन पोज़ का अभ्यास कर सकें:
शिल्पा मार्जरी आसन कर अपने योग मैराथन की शुरुआत करती हैं। यह मुद्रा आपकी पीठ के निचले हिस्से में दर्द, गर्दन, कंधे और रीढ़ पर काम करती है। साथ ही, यह मूवमेंट आपके कूल्हों, पीठ, पेट, छाती और फेफड़ों की मांसपेशियों को भी खोलता है।
वास्तव में, जर्नल ऑफ बॉडीवर्क एंड मूवमेंट थेरपीज में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि यह मुद्रा मासिक धर्म के दर्द को भी दूर करने में मदद करती है।
अपने कोर और पीठ की मांसपेशियों को एंगेज करने के अलावा, यह पोज़ तनाव से राहत के लिए भी बहुत बढ़िया है। यह आपके शरीर को ऊर्जावान बनाता है और आपके हाथ और पैरों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंअगर उन क्रंचेस और सिट-अप्स को करने के बाद भी आपका पेट उतना टाइट नहीं है जितना कि होना चाहिए तो इस पोज़ को आज़माएं। धनुष मुद्रा या बौ पोज़ मुख्य मांसपेशियों को पूरी तरह से खोलता है। जितना अधिक आप इसे करेंगे उतना अधिक आपका कोर टाइट होगा।
यह न केवल आपके कोर को टाइट करेगा, बल्कि यह आपके ग्लूट्स को भी मजबूत बनाएगा। और अगर आपकी टांगों में ताकत की कमी है, तो आपको रोजाना कम से कम 10 से 15 बार इस मुद्रा को करना चाहिए। साथ ही, यह आपके पाचन को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।
यदि आपकी पीठ का निचला हिस्सा आपको तकलीफ दे रहा है तो कोबरा मुद्रा या भुजंगासन आपके लिए राम-बाण का काम करेगा। बेशक यह आपके कोर पर काम करेगा, लेकिन आपकी पीठ के निचले हिस्से पर इसका जो जादुई प्रभाव पड़ता है, वह अभूतपूर्व है। अगर आपकी पीठ आपके दैनिक काम में बाधा बन रही है तो, कोशिश करिए इसे ट्राय करें।
आपको यह पोज़ आसान लग सकते हैं, लेकिन जब आप उन्हें एक साथ करते हैं, तब आपकी सहनशक्ति की अल्टी मेट टेस्टिंग होती है। इसलिए इन्हें धीरे-धीरे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर अपनी सुविधा के अनुसार करें। तो क्या तैयार है आप ?