कुछ लोग विपरीत परिस्थितियों में भी फिटनेस वर्कआउट नहीं छोड़ते हैं। शिल्पा शेट्टी कुंद्रा इसकी सबसे बढ़िया उदाहरण हैं। पैर में चोट लगने के बावजूद अभिनेत्री और फिटनेस प्रेमी शिल्पा लगातार वर्कआउट करती रहीं। उन्होंने ह्वीलचेयर (Shilpa Shetty yoga on wheelchair) पर बैठे हुए ही लोगों को घुटने या बैक पेन के लिए कुछ योगासन बताए।
सोशल मीडिया पर शिल्पा अपने फैंस और फॉलोअर्स को योग और फिटनेस के प्रति प्रति प्रेरित करने का एक भी मौका नहीं छोड़ती हैं। अभिनेत्री पिछले 10 दिनों से आराम कर रही हैं। लेकिन वे कहती हैं कि बहुत लंबे समय तक बेकार रहना अच्छी बात नहीं है।
शिल्पा ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया “शरीर को स्ट्रेच करने से रूकने के लिए कोई भी भी कारण पर्याप्त नहीं हो सकता है। भले ही चोट के कारण मुझे कुछ हफ्तों तक आराम करना पड़े, लेकिन निष्क्रियता आपको बोर कर सकती है”।
वे लोगों को मोटिवेट करते हुए कहती हैं, “किसी भी चीज़ को अपनी दिनचर्या के के आड़े न आने दें। आप यदि चीजों को बदलने की इच्छा रखती हैं, तो उस पर विश्वास करके सभी बाधाओं को दूर कर सकती हैं।”
शिल्पा की हेल्थ रूटीन से बिल्कुल नया 3 योग स्ट्रेच सामने आया है, जो रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों के लचीलेपन को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए की जा सकती हैं। ये योग पाचन तंत्र के लिए भी मददगार हो सकते हैं।
पर्वतासन रीढ़ की हड्डी को ऊपर की ओर खींचने के लिए एक आसन है। इसे माउंटेन पोस्चर भी कहा जाता है। इससे स्टेबिलिटी और स्ट्रेंथ मिलती है।
सांस लेते हुए सिर को बाजुओं के बीच रखते हुए दाईं ओर झुकें।
कमर के नीचे बिना झुके रीढ़ की हड्डी को एक साइड की ओर झुकाएं।
सांस छोड़ते हुए तुरंत 3 सेकेंड में सेंटर पॉजिशन की ओर लौट जाएं।
एक चक्कर पूरा करने के लिए तीन सेकंड के लिए सांस लें और फिर बाईं ओर मुड़ जाएं।
एक्सटेंडेड साइड एंगल पोज या उत्थिता पार्श्वकोणासन योग अभ्यासों के दौरान प्रयोग किए जाने वाले आसनों में से एक है। यह पोज कमर, रीढ़, कमर और कंधों को पर्याप्त रूप से फैलाने में सक्षम बनाती है। इससे चेस्ट और लंग्स का विस्तार होता है, और पेट के अंग उत्तेजित होते हैं। यह पैरों, घुटनों और एंकल्स को भी मजबूती और विस्तार देता है। यदि आप अपने शरीर को फैलाना और मजबूत करना चाहती हैं, तो यह योग आसन सबसे अच्छा है।
भारद्वाजासन एक आधुनिक योग मुद्रा है, जिसमें ट्विस्टिंग शामिल है। यदि आप प्रेगनेंट हैं, तो इस ट्विस्टिंग पोज करने से बचें।
दाहिने हाथ को पीठ पर रखें और बाएं हाथ को दाहिने घुटने के नीचे रखें और उंगलियों को अपने घुटने की ओर रखें।
टोरसो को मोड़ते हुए और अपनी बाईं सिटिंग बोन को थोड़ा हैवी रखते हुए सांस छोड़ें।
रीढ़ की हड्डी को फैलाने के लिए श्वास लें।
एक बार फिर अपने टोरसो की तरफ से मुड़ें, अपनी दृष्टि को दाईं ओर रखें।
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