ये एक प्राणायाम इस चिलचिलाती गर्मी में आपको प्राकृतिक शीतलता प्रदान कर सकता है
प्राणायाम आपको सिर्फ स्वस्थ ही नहीं रखते, बल्कि मौसम के अनुकूल बदलाव के लिए भी तैयार करते हैं। ऐसा ही एक प्राणायाम है शीतली प्राणायाम। आइए जानते हैं इसे करने का सही तरीका और स्वास्थ्य लाभ।
योग जहां आपके शरीर में लचीलापन बढ़ाने में मदद करता है, वहीं प्राणायाम आपको इसके लिए तैयार करते हैं। श्वास संतुलन हो या मानसिक स्वास्थ्य, प्राणायाम आपको स्वस्थ और एनर्जेटिक बनाए रखने में मदद करते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि प्राणायाम आपको मौसमी परिवर्तन के लिए भी तैयार करते हैं। जी हां, ऐसा ही एक प्राणायाम है शीतली प्राणायाम। जो आपको गर्मियों में प्राकृतिक शीतलता प्रदान करने में मदद करता है।
शीतली प्राणायाम करने का सही तरीका
किसी भी आरामदायक आसन में बैठ जाएं।
जीभ के टिप को नीचे वाले होंठ पर रख लें और उसे रोल करें।
मुंह से सांस लें और सांस को रोककर रखें।
अब मुंह को बंद कर लें और नाक से सांस बाहर निकाल दें।
ये एक राउंड हुआ। शुरुआत में दो से तीन राउंड कर सकते हैं।
बाद में इसे 15 तक बढ़ाया जा सकता है।
शीतली प्राणायाम के लाभ
इस प्राणायाम को नियमित रूप से करने पर शरीर में ठंडक मिलती है और मन और शरीर शांत रहता है।
अगर आपको गुस्से की समस्या है, तो ये प्राणायाम आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इसे नियमित रूप से करने पर आप अपने गुस्से पर काबू भी पा सकती हैं।
ये प्राणायाम एसिडिटी और हाइपरटेंशन को ठीक करने में सहायक है।
ये प्राणायाम साइकोसोमेटिक डिजीज से ग्रसित लोगों के लिए काफी लाभकारी है। शीतली प्राणायाम के अभ्यास से इस बीमारी से राहत पाई जा सकती है।
वैसे जो व्यक्ति शीतली प्राणायाम को नियमित रूप से करते हैं, उन्हें त्वचा संबंधी परेशानियां नहीं होती है।
इस प्राणायाम को करने से शरीर का खून साफ होता है। ऐसे में शरीर के तमाम अंग सुचारू रूप से काम करते हैं।
अगर आप मानसिक तनाव से पीड़ित रहती हैं तो ये प्राणायाम आपको नियमित करना चाहिए। ये प्राणायाम आपकी नींद में भी सुधार लाता है।
इस प्राणायाम को करने से उच्च रक्तचाप की समस्या भी दूर होती है, ये प्राणायाम आपके रक्तचाप को कम करने में सहायक है।
अगर आपकी आंखें कमजोर हैं तो ये प्राणायाम आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
शीतली प्राणायाम करते समय इन बातों का रखें ध्यान
अगर आपका रक्तचाप निम्न स्तर में रहता है तो आपको इस प्राणायाम से बचना चाहिए क्योंकि
ये आपके रक्तचाप के स्तर को और भी निम्न कर सकता है।
ये प्राणायाम गर्मियों में आपको शीतलता प्रदान करता है, इसलिए इसे सर्दियों में भूलकर भी न करें।
अगर प्राणायाम के दौरान आपको चक्कर आ रहे हैं, तो आपको ये प्राणायाम उसी वक्त रोक देना चाहिए।
जिन लोगों को ठंड से संबंधित कोई बीमारी है उनको भी ये प्राणायाम नहीं करना चाहिए।