अपने आप को स्वस्थ रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। आप जिन स्वस्थ आदतों को आज अपनाएंगी, उनका कल आपके समग्र स्वास्थ्य और शारीरिक क्षमता पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। मगर स्वस्थ रहने और इस लक्ष्य को पूरा करना काफी मुश्किल होता है। इसके लिए आपको हर रोज़ कुछ सचेत प्रयास करने होंगे और अच्छी आदतों को अपनाना होगा।
यदि आप आने वाले नए साल 2022 में 40 की होने वाली हैं, तो स्वस्थ आदतों को अपनाना और भी ज़्यादा महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए क्योंकि 40 का दशक जीवन में कई मानसिक (Mental Changes) और शारीरिक (Physical Changes) बदलाव लेकर आता है। जिससे गुजरने के लिए आपको अभी से तैयारी करनी चाहिए।
भले ही आप अभी खुद को एकदम स्वस्थ महसूस कर रही हों, मगर इस उम्र में होने वाले छोटे – छोटे परिवर्तन आप पर आगे चलकर असर डाल सकते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institute of health) के अनुसार आपका चयापचय बढ़ती उम्र के साथ 2% धीमा हो जाता है इसलिए हर दिन नाश्ता करना आवश्यक है। क्यों? क्योंकि दिन की शुरुआत में मेटाबॉलिज्म सबसे अच्छा होता है और आपको पूरे दिन के लिए ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
अध्ययनों से पता चला है कि जो महिलाएं नाश्ता करती हैं, उनका वजन कम रहता है। इसलिए भले ही आप कितनी भी व्यस्त क्यों न हो नाश्ता ज़रूर करें, इसे स्किप न करें।
दिन में सिर्फ 30 मिनट की एक्सरसाइज़ आपके मेटाबॉलिज्म (Metabolism) को बूस्ट कर सकती। बस कम से 30 मिनट कसरत करें, जो भी आपकी मर्ज़ी हो। आप चाहें तो स्क्वैट्स भी कर सकती हैं, क्योंकि उम्र के साथ हड्डियां कमजोर (Weak Bones) पड़ने लगती हैं। जांघों और पेट की ऐंठन के लिए साधारण स्क्वैट्स आपकी हड्डियों को ऊपर उठाने, संतुलन बनाए रखने और चोट से बचने में मदद करेंगे।
हड्डियों को मजबूत रखना आवश्यक है, इसलिए उन्हें कैल्शियम और विटामिन डी के साथ बढ़ावा दें। यह आप दूध और डेरी खाद्य पदार्थों से स्वाभाविक रूप से प्राप्त कर सकती हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि चालीस वर्ष की उम्र में महिलाओं को प्रतिदिन 1000 मिलीग्राम कैल्शियम और 800 विटामिन डी का सेवन करना चाहिए, यदि आवश्यक हो तो सप्लीमेंट भी ले सकती हैं।
यदि आप नौकरी के साथ-साथ परिवार की देखभाल कर रही हैं, तो तनाव शरीर में अस्वास्थ्यकर परिवर्तनों को ट्रिगर कर सकता है। जैसे कि रक्तचाप में वृद्धि, कम कामेच्छा और प्राकृतिक हृदय गति को बाधित करना। आप तनाव करने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ कर सकती हैं। यह तंत्रिका को सक्रिय करेगा जो मस्तिष्क से श्रोणि तक जाती है और हृदय, मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं को आराम देती है।
यदि आप लो मूड से ग्रस्त हैं, तो अपने प्रोटीन का सेवन बढ़ाने का प्रयास करें। दिन में कम से कम दो बार संपूर्ण प्रोटीन बनाने के लिए आवश्यक अमीनो एसिड वाले खाद्य पदार्थ खाने से मस्तिष्क में मूड-लिफ्टिंग न्यूरोट्रांसमीटर का स्तर बढ़ जाता है। यह बदले में अवसाद और खराब स्मृति के लक्षणों में मदद कर सकता है। मछली, अंडे और क्विनोआ प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।
तो लेडीज नए साल में इन आदतों को ज़रूर अपनाएं और एक स्वस्थ जीवन जिएं!
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