जोड़ों की मज़बूती को बनाए रखने के लिए दौड़ते समय इन 5 गलतियों को करने से बचें

रनिंग के दौरान कुछ सामान्य गलतियां भी जोड़ों के दर्द का कारण साबित होती है। कई बार मांसपेशियों पर बढ़ने वाला तनाव बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को भी बढ़ा देता है। जानते हैं रनिंग के दौरान किन गलतियों को करने से बचना चाहिए
Running ke ghutno ko hone wale fayde
दौड़ते समय घुटनों में होने वाला दबाव जोड़ों में अधिक तरल पदार्थ की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे चिकनाई मेंटेन रहती है और जोड़ों से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं। । चित्र शटरस्टॉक
Published On: 10 Jun 2024, 08:00 am IST
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वेटलॉस के लिए अक्सर लोग सुबह उठकर वॉक, रनिंग और जॉगिंग के लिए निकल पड़ते हैं। देर तक दौड़ लगाने के बाद कुछ लोगों में घुटनों का दर्द और ऐंंठन की समस्या बढ़ने लगती है। हांलाकि उम्र के साथ जोड़ों के स्वास्थ्य पर उसका प्रभाव नज़र आने लगता है। मगर रनिंग के दौरान कुछ सामान्य गलतियां भी जोड़ों के दर्द का कारण साबित होती है। कई बार मांसपेशियों पर बढ़ने वाला तनाव बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को भी बढ़ा देता है। जानते हैं रनिंग के दौरान किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।

रनिंग के दौरान की जाने वाली कुछ सामान्य गलतियां फायदों की जगह नुकसान का कारण बन जाती है। इसके चलते न केवल वर्कआउ्ट रूटीन बाधित होने लगता है बल्कि थकान और कमज़ोरी का भी सामना करना पड़ता है। इस बारे में लाइफस्टाइल कोच पूजा मलिक बताती हैं कि शरीर की क्षमता के अनुसार दौड़ना या वॉक करना फायदेमंद साबित होता है। रनिंग को फायदेमंद बनाने के लिए बार बार पानी पीने से बचें। इसके अलावा सही जूतों का चुनाव करें। साथ ही भागने के दौरान दर्द महसूस होने पर कुछ देर के लिए रूक जाएं।

दौड़ते वक्त घुटनों को रिलैक्स रहने दें। इससे रनिंग में आसानी होगी और गति भी बढ़ने लगती है। इसके अलावा जोड़ों में तरल पदार्थ उचित बना रहता है। इसके अलावा दौड़ते वक्त सामने देखें। इससे शरीर को पोश्चर उचित बना रहता है और घुटनों का लचीलापन मौजूद रहता है।

Joint pain se kaise bachein
दौड़ते वक्त घुटनों को रिलैक्स रहने दें। इससे रनिंग में आसानी होगी और गति भी बढ़ने लगती है। चित्र शटरस्टॉक।

जोड़ों के दर्द से बचने के लिए दौड़ने के दौरान इन 5 गलतियों को करने से बचें

1. ओवरस्ट्राइडिंग

दौड़ते समय व्यक्ति जब पूरा वज़न एंड़ी पर नहीं दे पाता है, वो ओवरस्ट्राइडिंग कहलाता है। लंबे लंबे कदमों से दौड़ने पर चोटिल होने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा एनर्जी का स्तर भी तेज़ी से कम होने लगता है। जल्दी चलने की आदत से व्यक्ति थकान का अनुभव करने लगता है। दौड़ने के दौरान स्पीड और एफिशेंसी को बढ़ाने के लिए ओवर स्ट्राइडिंग (over striding) से बचना ज़रूरी है।

2. दर्द की परवाह न करना

देर तक दौड़ने से टांगों की मांसपेशियों में तनाव बढ़ने लगता है। इससे टांगों में दर्द व ऐंठन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में तनाव को रिलीज़ करने के लिए कुछ देर बैठकर आराम करना आवश्यक है। मगर लगातार रनिंग करने से क्रॉनिक ज्वाइंट पेन (chronic joint pain) का खतरा बना रहता है।

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देर तक दौड़ने से टांगों की मांसपेशियों में तनाव बढ़ने लगता है। इससे टांगों में दर्द व ऐंठन का सामना करना पड़ता है। चित्र- शटरस्टॉक

3. वॉर्म अप करना

रनिंग से पहले वॉर्मअप ने करने की आदत शरीर में रक्त के प्रवाह को अनियमित कर देती है। इससे मसल स्टिफनेस और जोड़ों में ऐंठन बढ़ने लगती है। ऐसे में रनिंग को शरीर के लिए फायदेमंद बनाने के लिए दौड़ने से पहले 10 मिनट वॉर्मअप सेशन के लिए निकालें। इसमें शरीर को स्ट्रेच करना बेहद ज़रूरी है। इसके अलावा वॉकिंग, जॉगिंग और लाइट एरोबिक्स एक्सरसाइज़ (light aerobic exercise) करने से मांसपेशियों का स्वास्थ्य उचित बना रहता है।

4. सही जूते न चुनना

दौड़ने के लिए स्पीड के अलावा जूतों का ख्याल रखना भी ज़रूरी है। गलत और टाइट जूते चुनने से पैरों और जोड़ों पर स्ट्रेन महसूस होने लगता है। इससे दौड़ने के अलावा चलने फिरने में भी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इससे मसल्स पुल हो जाते हैं और शरीर थकान महसूस करने लगता है। मोटे तलवों के साथ डिज़ाइन किए जाने वाले इन जूतों को वॉकिंग के दौरान भी प्रयोग किया जाता है। इससे घुटने के दर्द का खतरा भी कम होने लगता है।

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गलत और टाइट जूते चुनने से पैरों और जोड़ों पर स्ट्रेन महसूस होने लगता है।। चित्र शटरस्टॉक

5. लंबी दूरी तय करना

शुरूआत में देर तक दौड़ मसल्स को कमज़ोर बना सकता है। इसके अलावा दर्द का कारण साबित होने लगता है। ऐसे में शारीरिक तौर पर मज़बूती बढ़ाने के लिए दौड़ने के दौरान इंटरवेल्स लें और दूरी की समय सीमा कम तय करें। इससे दौड़ने की क्षमता का धीरे धीरे विकास होने लगता है और शरीर हेल्दी बना रहता है। इंटरवेल्स से स्टेमिना बूस्ट होने लगता है और दर्द व ऐंठन से राहत मिल जाती है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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