बिगड़ती जीवनशैली और वर्क फ्रॉम होम कल्चर (Work From Home Culture) की वजह से कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं। घर पर पूरा दिन काम करने की वजह से जो सबसे ज्यादा प्रभावित होता है वह है हमारा पॉस्चर (Posture)। खराब पॉस्चर की वजह से कई समस्याएं हो सकती हैं। जिनमें सबसे आम हैं – हमेशा पीठ में दर्द रहना और मांसपेशियों में अकड़न।
सेलेब्रिटी पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर ने मंगलवार को अपना एक वीडियो साझा किया, जिसमें वे पीठ और रीढ़ की हड्डी की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ (Stretching Exercise) करती हुई नज़र आ रही हैं। इस वीडियो में उन्होनें तीन अलग – अलग स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ के बारे में बात की, जो पीठ दर्द या रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेच करने के लिए सबसे सही हैं।
उनके द्वारा बताई गई एक्सरसाइज़ इतनी आसान हैं कि आप उन्हें कहीं भी कर सकते हैं। कभी कभी काम के बीच में भी इन एक्सरसाइज़ का अभ्यास किया जा सकता है। जिससे आप इंस्टेंटली चुस्त – दुरुस्त महसूस करेंगी।
रुजुता ने अपने वीडियो के कैप्शन में लिखा – “3 easy stretches to release the back and spine,” यानी बैक और स्पाइन को सही करने के लिए 3 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़।
वीडियो के पहले भाग में, रुजुता को एक कुर्सी पर अपनी बाहों को फैलाए बैठे देखा जा सकता है। जिसमें वे सामने रखी कुर्सी के आर्मरेस्ट को पकड़ती हुई नज़र आ रही हैं। उनके मुताबिक इस मुद्रा को करने से पूरी बैक को एक अच्छा स्ट्रेच मिलता है। हालांकि, पोषण विशेषज्ञ ने यह भी बताया कि हमें बहुत अधिक झुकना नहीं है।
वीडियो के दूसरे भाग में, रुजुता कुर्सी के एक तरफ बैठी हैं। इसके बाद वे कुर्सी के दोनों छोर को अपनी हथेलियों से पकड़े हुए हैं। फिर उन्हें अपनी पीठ और कंधों को फैलाने के लिए अपने कंधे के ब्लेड और अपनी बाहों को धीरे-धीरे हिलाते हुए देखा जा सकता है।
वीडियो के तीसरे पार्ट में रुजुता को बर्ड डॉग एक्सरसाइज (Bird Dog Exercise) करते हुए देखा जा सकता है। इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए आप फर्श पर डॉग पोज़ में बैठ सकती हैं। इसके बाद अपनी रीढ़ की हड्डी को एक अच्छा स्ट्रेच देने के लिए सबसे पहले दाएं हाथ को ऊपर उठाएं फिर साथ ही बाएं को भी एक सीध में उठाएं। इसी स्टेप को बारी – बारी से हर तरफ से करें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंयह आपकी पीठ और रीढ़ को स्ट्रेच करने में मदद करती हैं, जिससे पीठ का दर्द और अकड़न से राहत मिल सकती है।
यह मांसपेशियों के तनाव को कम करने और गति की सीमा में सुधार करने में मदद करती हैं।
इन एक्सरसाइज़ को रोज़ करने से गतिशीलता में वृद्धि होती है। यह पीठ दर्द के कारण होने वाली विकलांगता के जोखिम को भी कम करता है।
यह भी पढ़ें : इंटरमिटेंट फास्टिंग रोक सकती है विंटर वेट गेन, डायटीशियन समझा रहीं हैं दोनों का संबंध