बढ़ा हुआ तनाव (Stress), अवसाद (Depression) और चिंता (Anxiety) आधुनिक जीवन शैली की विशेषताएं हैं। चिंता और अवसाद के उपचार में जिन दवाओं का प्रयोग किया जाता है, उनके अपने साइड इफेक्ट्स भी हैं। शोध बताते हैं कि नियमित योग अभ्यासों ने खुद के बारे में बताना (Self Description), मनोवैज्ञानिक स्थिति (Psychological Status) और जीवन की गुणवत्ता (quality of life) में सुधार देखा जाता है। बौद्धिक और मानसिक व्यायाम के रूप में योग तनाव को हटा कर स्वस्थ (How Yoga help to relieve stress) बनाता है।
योग तनाव और नकारात्मक भावनाओं की निगरानी और प्रबंधन के लिए मनोवैज्ञानिक स्थितियों में सुधार कर सकता है। योग सकारात्मक भावनाओं को बढ़ा सकता है और मानसिक संतुलन में मदद कर सकता है। इरान के मेडिकल साइंस कॉलेज के डॉक्टर और शोधकर्ता मासूमेह शोहानी, घोलमरेज़ा बफ़र, मरज़ीह पारिज़ाद आदि की टीम ने तनाव कम करने में कैसे योग मदद कर सकता है। इस पर शोध किया। शोध के निष्कर्ष इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ प्रेवेंटिव मेडिसिन में प्रकाशित हुए।
यह अध्ययन ईरान के इलम में रहने वाली महिलाओं में तनाव, चिंता और अवसाद पर योग के प्रभावों की जांच के लिए किया गया। यह अध्ययन परीक्षण के साथ किया गया। डेटा एकत्र करने के लिए डिप्रेशन एंग्जाइटी स्ट्रेस संबंधी क्वेश्चनेयर का इस्तेमाल किया गया। इसमें महिलाओं ने एक विशेषज्ञ के प्रशिक्षण सत्र में 4 सप्ताह तक हठ योग अभ्यास किया। प्रत्येक सप्ताह आधे-1 घंटे तक उनसे योग कराया गया। 30-65 आयु के लोगों को सत्र में शामिल किया गया। 12 सत्रों के बाद महिलाओं में अवसाद, चिंता और तनाव में काफी कमी देखी गई।
तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में योग की प्रभावी भूमिका है। यह पूरक दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। योग एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ मन और शरीर की एकता है। यह 5000 साल पहले से पूर्वी समाजों में इस्तेमाल किया जा रहा था। हाल में पश्चिमी देशों में यह तेजी से फैला। अध्ययन के अनुसार, मल्टीपल स्केलेरोसिस, अस्थमा, इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम, लिम्फोमा, उच्च रक्तचाप, पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस सहित 10] सहित कई बीमारियों को दूर कर सकता है।
स्वीडन के लुंड यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजी डिपार्टमेंट में हुए शोध बताते हैं, योग तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। यह विश्राम को बढ़ावा देता है। आराम या रिलैक्सेशन तनाव के विपरीत होते है। योग से हमारा शरीर, मन और श्वास प्रभावित होता है। इससे तीनों पहलुओं को लाभ मिल सकता है। स्ट्रेस होने की प्रतीक्षा नहीं करने है। खुद संज्ञान लेकर योग शुरू करना है।
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, किसी भी फॉर्म में एक्सरसाइज किया जाए, यह तनाव निवारक (Stress Reliever) के रूप में कार्य कर सकता है। सक्रिय रहने से फील-गुड एंडोर्फिन बढ़ सकता है। यह दैनिक चिंताओं को कम कर सकता है। यदि घर और ऑफिस के कारण तनाव रहता है, तो जरूर डेली रूटीन में शामिल करें योगासन।
योग प्रशिक्षक डॉ. स्मृति के अनुसार, कुछ योग के नियमित रूप से करने पर तनाव मुक्त हुआ जा सकता है।
घुटनों को सीधे कूल्हों के नीचे रखें। पीठ के निचले हिस्से को मोड़ते हुए सिर को ऊपर लायें। पेल्विस को गाय की तरह झुकाते हुए श्वास लें। गहरी सांस छोड़ें और पेट को अंदर लाएं। रीढ़ की हड्डी को मोड़ें और सिर और पेल्विस को बिल्ली की तरह नीचे लाएं। इसे कई बार दोहराएं।
घुटनों को कूल्हे-चौड़ाई से अलग रखें और सांस लें। आगे की ओर झुकें और सांस छोड़ते हुए धड़ को जांघों के बीच रखें और हाथों को आगे की ओर ले जाएं। इस स्थिति में 2-3 मिनट तक रुकें। अंत में धीरे-धीरे सांस अंदर लेते हुए पहली स्थिति में आ जाएं।
पैरों को ज़मीन पर टिका कर बाईं ओर एक सपाट दीवार के सहारे फर्श पर बैठ जाएं। धीरे-धीरे पीठ को फर्श से उठायें और पैरों को दीवार पर आगे बढायें। धीरे से शरीर को दीवार के करीब ले जाएं। जब तक कि बैठी हुई हड्डियां दीवार के खिलाफ न हों दोनों पैरों के साथ लंबवत बनी रहें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंपीठ के बल सीधे लेट जाएं। बाहों और पैरों को दूर फैलाएं। आंखें धीरे से बंद रखें।
समान रूप से सांस लें और आराम करने का प्रयास करें। सुनिश्चित करें कि आपका शरीर पूरी तरह से शिथिल है। दिमाग पर ध्यान केंद्रित करें। तब तक नियमित रूप से अभ्यास करें जब तक कि आप ध्यान केंद्रित करना न सीख लें। इससे विचारों को शांत करना सीख जाएंगी।
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