Fitness and Body positivity : फिटनेस के लिए सिर्फ वेट लॉस करना काफी नहीं है, बॉडी पाजिटिविटी को बढ़ावा देना भी जरूरी

फिटनेस के लिए स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन रहना बहुत जरूरी है। गलत तरीके से घटाया गया वजन मेंटल हेल्थ, फिजिकल हेल्थ और स्किन हेल्थ तीनों के लिए नुकसानदायक होता है। शोध बताते हैं कि फिटनेस हमेशा बॉडी पाजिटिविटी से जुड़ा होता है।
anshula fit hain
फिल्म प्रोडूसर बोनी कपूर की बेटी और स्टेज एक्ट्रेस अंशुला कपूर की तरह बॉडी पाजिटिविटी को बढ़ावा दें।
Updated On: 18 Oct 2023, 03:28 pm IST
  • 125

इन दिनों फिल्म प्रोडूसर बोनी कपूर की बेटी और स्टेज एक्ट्रेस अंशुला कपूर इन्स्टाग्राम पर कई सारे फोटोज डालती हैं। एक फोटो में अंशुला स्वीमिंग कॉस्ट्यूम में हैं और वे मोटी दिख रही हैं। फिटनेस मानदंड पर उनके शरीर का शेप पूरी तरह खरा नहीं उतरता है। लेकिन वे दावा करती हैं कि वे स्वस्थ महसूस करती हैं। वे पूरी तरह फिट भी हैं। वे आगे कुछ किलो वजन घटाने के लिए स्वेयर भी करती हैं। हालांकि इंस्टाग्राम पर कुछ ऐसे स्टेटमेंट भी आये, जिनमें उन्हें अस्वास्थ्यकर जीवन शैली को बढ़ावा देने वाला माना गया। अंशुला की तरह भारती सिंह भी फैटी शरीर वाली हैं, लेकिन वे स्वस्थ हैं। शोध बताते हैं कि जरूरी नहीं है कि थोड़े बहुत मोटे होने का मतलब आपका अस्वस्थ होना है। फिटनेस का संबंध शरीर की सकारात्मकता (Fitness and body positivity) से है। यदि आपकी सोच अपने शरीर को लेकर सकारात्मक है, तो इसका मतलब है कि आप फिट हैं।

मोटे लोग भी हो सकते हैं फिट

अमेरिका की ईस्ट टेनेसी स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा बॉडी पाजिटिविटी पर एक अध्ययन किया गया। इसके निष्कर्ष के अनुसार दुनिया के ज्यादातर देशों के लोग मानते हैं कि अधिक वजन वाली महिलायें अस्वास्थ्यकर जीवन शैली (Unhealthy Lifestyle) को बढ़ावा दे रही हैं। सोशल मीडिया पर अधिक वजन वाली महिलाओं के लिए ऑनलाइन टिप्पणियां और फब्तियां खूब कसी जाती हैं। यह इस विचार पर आधारित होता है कि अधिक वजन वाले लोग स्वाभाविक रूप से अस्वस्थ होते हैं, जो सच नहीं है। अलग-अलग प्रकार के शरीर होने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। जरूरी नहीं है कि सभी के पीछे आलस्य ही कारण हो। फिटनेस स्तर की परवाह किए बिना सभी शेप और साइज़ के लोगों के प्रति सम्मान होना चाहिए। उनके प्रति भेदभाव नहीं करना चाहिए।

सेल्फ रेस्पेक्ट के लिए फिटनेस मानक (Self Respect)

बीएमसी न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, रैम्प पर जो महिलाएं कैट वाक करती हैं (Ramp Catwalk), वे बहुत अधिक दुबली-पतली होती हैं। वे भूखी नजर आती हैं। सामान्य जीवन में इस मानक का पालन करना असंभव है। दुबला-पतला रहना चाहिए, लेकिन इतने भी दुबले नहीं हो कि अस्वस्थ दिखा जाये। हमारा स्टमक और बैक सुडौल होना चाहिए, लेकिन मसल्स हेल्थ (Muscles Health for Fitness) का ख्याल रखना भी जरूरी है। स्लिम और यंग का मतलब हमेशा स्वस्थ होना ही नहीं होता है। कभी-कभी यह आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला, बॉडी डिस्मॉर्फिया और यहां तक कि खाने के विकारों (Eating Disorder) के साथ भी आ सकता है।

सेल्फ रेस्पेक्ट सबसे अधिक जरूरी है।  चित्र : शटर स्टॉक

मेंटल हेल्थऔर स्किन हेल्थ हो सकती है प्रभावित (Side effect of instant Weight loss on mental, physical and skin health)

इन्टरनेशनल जर्नल ऑफ़ एनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, नेगेटिव बॉडी इमेज मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक है। स्वस्थ रहने के लिए सिर्फ तेजी से वजन घटाना जरूरी नहीं है। इससे दिखने में बॉडी शेप अच्छा लग सकता है। लेकिन डिप्रेशन और एंग्जायटी से प्रभावित होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि वजन कम करने की बजाय बॉडी बिल्डिंग (Body Building) और स्वस्थ शरीर (Healthy Body) पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है। गलत तरीके से घटाया गया वजन मेंटल हेल्थ, फिजिकल हेल्थ और स्किन हेल्थ तीनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। वर्कआउट करना जरूरी है। वजन के अनुसार फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है, लेकिन सभी स्वास्थ्य नियमों को फ़ॉलो करते हुए यह करना चाहिए। फिटनेस पर बॉडी पोजिटिविटी के साथ ख्याल रखना जरूरी है

physical exercise apko achchi sehat dene me madadgar hai
वजन के अनुसार फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है, लेकिन सभी स्वास्थ्य नियमों को फ़ॉलो करते हुए यह करना चाहिए। चित्र : अडोबी स्टॉक

बॉडी पॉजिटिविटी का प्रमोशन जरूरी (Body Positivity Promotion)

बीएमसी न्यूरोलॉजी जर्नल की स्टडी के अनुसार, 60 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने माना कि उनके वजन और आकार जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। हाई बीएमआई वाली महिलाएं अपने वजन को लेकर अधिक चिंतित रहती हैं। जबकि कम बीएमआई वाली महिलाएं अपनी त्वचा को लेकर अधिक चिंतित रहती हैं
शरीर की सकारात्मकता (Body Positivity) के अनुसार, सभी लोग पॉजिटिव बॉडी इमेज डिजर्व करते हैं। उनके आसपास रहने वाला समाज उन्हें शेप, साइज़ और अपीयरेंस के आधार पर तौलने की बजाय योग्यता के आधार पर मापे। बॉडी पॉजिटिविटी को प्रमोट करने के लिए समाज में इसकी स्वीकृति को बढ़ावा देना चाहिए।

यह भी पढ़ें :- Junk food addiction : पानी पुरी को देखकर मुंह में आ जाता है पानी, तो यह है जंक फ़ूड एडिक्शन कुछ ट्रिक्स अपनाकर इस पर पा सकती हैं काबू

पोल

नवरात्रि उपवास वेट लॉस में मददगार हो सकते हैं?

लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

अगला लेख