पर्व -त्यौहार के कारण सबसे कम ध्यान हम अपनी आंखों को दे पाते हैं। आंखें हमारे शरीर की सबसे नाजुक अंग हैं। ये दिन-रात काम करती रहती हैं। मोबाइल ने आंखों का स्ट्रेस और अधिक बढ़ा दिया है। इसलिए इन पर ध्यान देना सबसे अधिक जरूरी है। कई योगासन हैं, जो आंखों को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। योग विशेषज्ञ और डिवाइन सोल योग के संचालक डॉ. अमित खन्ना बता रहे हैं कि आंखों को सुरक्षित रखने के कौन-कौन से योग हैं।
डॉ.अमित खन्ना बताते हैं, “ आंखों के योग बेहद सावधानीपूर्वक करना चाहिए। हर अभ्यास के बाद आंखें बंद कर 1 मिनट का आराम भी करना चाहिए।
पैरों को एक-दूसरे से सटाकर बैठ जाएं। पैर सामने की ओर फैला लें। दोनों हाथों की मुठ्ठियों को बंद कर लें। इन्हें दोनों घुटनों पर रखें। नजरें दायें अगूंठे पर रखें। दायें हाथ को सीधा रखते हुए धीरे-धीरे अंगूठे ऊपर की ओर उठायें। ऊपर तक ले जाने के बाद अंगूठे को नीचे की ओर ले जाएं। इस क्रम में लगातार नजर आंखों पर ही केंद्रित रहनी चाहिए। इस क्रिया को बाईं आंख से दुहरायें। दोनों आंखों से 5 बार करने के बाद आंखों को विश्राम दें।
डॉ.अमित बताते हैं, ‘पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं। सामने देखते हुए बाएं हाथ को बाएं घुटने पर रखें। बाएं हाथ का अंगूठा ऊपर की ओर रखें। दाएं हाथ को दायें ओर और बाएं हाथ को बाएं ओर फैला लें। सिर को बिना घुमाये दोनों ओर बारी-बारी से देखें। दोनों ओर देखते हुए बीच में भौहों के बीच भी नजर केंद्रित करें। इस क्रम को 20 बार किया जा सकता है। फिर आंखों को विश्राम दें।’
इनके अलावा 1 अंगूठा को उसी साइड घुटने पर रखकर और दूसरा अंगूठा उसी ओर थोडा दूर ले जाते हुए ऊपर रखें। फिर दोनों अंगूठों को सिर स्थिर रखते हुए नजर घुमाकर देखें। इस क्रिया को भी 15-20 बार कर सकती हैं। फिर 1 मिनट का आंखों को विश्राम दें।
सूर्योदय होने पर सूर्य की ओर मुंह करके बैठ जाएं। हथेलियों को आपस में तेजी-तेजी रगड़ें। जब हथेलियां गर्म हो जाएं तो उन्हें आंखों पर रखें। 2 मिनट तक रखने बाद फिर हथेलियां गर्म कर आँखों पर रखें।
अनुभव करें कि हथेलियों से ऊर्जा निकलकर आँखों में जा रही है। आंखें बंद ही रखें। ऐसा आप 3-5 बार कर सकती हैं। इससे न सिर्फ आंखें मजबूत होंगी, बल्कि दिमाग शांत और मन ऊर्जा से भरपूर हो पायेगा। इस आसन को सुबह करने से अधिक फायदा मिलेगा।
त्राटक का अर्थ होता है किसी वस्तु को एक लगातार देखना। इस दौरान पलक नहीं झपकना चाहिए। किसी एक वस्तु पर आंखें केंद्रित कर लें। वस्तु बिल्कुल आंखों की सीध में होनी चाहिए। आप चाहें तो कोई मोमबत्ती या दिया भी जला सकती हैं। इस पर बिना पलक झपकाए जितनी देर संभव हो देखें। आप आई ब्रो के बीच में भी ध्यान केंद्रित कर सकती हैं। इससे आंसू के ग्लैंड (lacrimal duct or tears duct)उत्तेजित होते हैं। इससे एकाग्रता भी बढती है। आंखों के योगासन स्वयं के साथ-साथ बच्चों को भी करने कह सकती हैं।
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