वेटलॉस के लिए अधिकतर लोग खानपान के लिए हेल्दी विकल्पों की तलाश किए बगैर मील स्किप करने लगते है, जिससे शरीर में पोषण की कमी बढ़ने लगती है, मगर वज़न ज्यों का त्यों बना रहता है। ऐसे में ब्रेड, पास्ता और पोहे को क्विनोआ से रिप्लेस करके न सिर्फ कैलोरीज़ को एकत्रित होने से रोका जा सकता है बल्कि उससे शरीर को भी पोषण की प्राप्ति होती है। क्विनोआ में मौजूद प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन की मात्रा के अलावा ये न केवल ग्लूटेन मुक्त है बल्कि इससे प्लांट प्रोटीन की प्राप्ति होती है। ऐसे में इसे ब्रेकफास्ट और लंच के अलावा डिनर के लिए हेल्दी विकल्प है। जानते है क्विनोआ के फायदे और इसे आहार में शामिल करने के विकल्प भी (Quinoa for weight loss) ।
इस बारे में डायटीशियन केजल शाह बताती हैं कि क्विनोआ एक सुपरफूड है, जिसे सूडोसीरियल भी कहा जाता है। दरअसल, इसके बीज स्टार्च से भरपूर होते हैं और इसमें प्रोटीन की उच्च मात्रा पाई जाती है। आहार में इसे शामिल करने से शरीर में अमीनो एसिड का सही संतुलन बना रहता है। इससे शरीर को मिनरल, विटामिन, पॉलीफेनोल और फ्लेवोनोइड जैसे कंपाउड की प्राप्ति होती हैं। एक्सपर्ट के अनुसार इसके सीड्स घुलनशील होते हैं और पानी को सोख लेते हैं। इसमें ओमेगा 6 और विटामिन ई है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार क्विनोआ में चावल, मक्की और साबुत गेहूं की तुलना में अधिक प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है, जिससे वेटलॉस में मदद मिलती है (Quinoa for weight loss) । इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और देर तक पेट भरा हुआ महसूस होता है। इससे मोटापे की समस्या भी हल होने लगती है और आंत के स्वास्थ्य में भी सुधार होने लगता है।
क्विनोआ में सभी नौ अमीनो एसिड की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इससे कोशिकाओं की मज़बूती बढ़ने लगती है और मसल्स को फायदा मिलता है। इसमें मौजूद प्लांट बेस्ड प्रोटीन की उचित मात्रा से एपिटाइट को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और कैलोरीज़ को एकत्रित होने से रोका जा सकता है, जिससे शरीर में मोटापा कम होने लगता है।
क्विनोआ में मैग्नीशियम, आयरन, जिंक, पोटैशियम और विटामिन बी की उच्च मात्रा पाई जाती है। विटामिन और मिनरल से भरपूर होने के अलावा इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो है, जिससे डायबिटीज़ से ग्रस्त लोग इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा फाइबर की उच्च मात्रा के चलते पाचन क्रिया धीमी गति से होती है, जिससे शुगर स्पाइक का खतरा कम होने लगता है।
क्विनोआ को आहार में शामिल करने से शरीर को उच्च मात्रा में फाइबर की प्राप्ति होती है, जो पाचन में सहायता करता है। इससे शरीर में स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बढ़ावा मिलता है और वेटलॉस में भी मदद मिलती है। इसके नियमित सेवन से ब्लोटिंग, अपच और कब्ज की समस्या भी हल हो जाती है।
क्विनोआ में पॉलीफेनोल, फ्लेवोनोइड और फाइटोस्टेरॉल जैसे कंपाउड पाए जाते हैं जिनमें एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। ये यौगिक शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से बचाने में मदद करते हैं।
सबसे पहले क्विनोआ को उबालकर छान लें। अब पके हुए क्विनोआ को एक पौष्टिक सलाद के लिए इस्तेमाल कर सकते है। इसके लिए क्विनोआ में स्वादानुसार नमक मिलाएं और उसके बाद सब्जियाँ, फल, मेवे और बीज के साथ सर्व करें। इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए नींबू का रस, काली मिर्च और धनिया पत्ती को शामिल कर सकती हैं।
रास्ट की हुई सब्जियाँ, ग्रिल्ड चिकन या टोफू जैसे प्रोटीन के स्रोतों के साथ क्विनोआ को मिलाकर हेल्दी वन पॉट मील के रूप में सर्व कर सकते हैं। इससे संतुलित भोजन का सेवन किया जा सकता है और पेट देर तक भरा हुआ महसूस होता है।
क्विनोआ को दूध या किसी प्लांट बेस्ड विकल्प के साथ पकाएँ और पौष्टिक नाश्ते के रूप में सेवन करें। इसमें मेवे, बीज और शहद या मेपल सिरप की कुछ बूंद शामिल कर सकती है और अपनी पसंदीदा टॉपिंग डालें।
पके हुए क्विनोआ को स्टिर- फ्राइड सब्जियाँ, प्रोटीन और एक स्वादिष्ट सॉस में मिलाएँ और इस्टेंट फूड का विकल्प बनाएँ। इसे ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर किसी भी वक्त अपनी मील में शामिल कर सकते है। इससे शरीर को पोषण की प्राप्ति हो सकती है।
मील को हेल्दी बनाने और वेटगेन की समस्या को हल करने के लिए क्विनोआ को सूप और स्टू में शामिल कर लें। इससे शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है और निर्जलीकरण की समस्या से भी बचा जा सकता है। आमतौर पर सर्दियों में टमाटर या मिक्स वेजिटेबल सूप में इसे मिलाकर सेवन करने से फायदा मिलता है।
कुकीज़, मफ़िन और केक जैसी बेकिंग रेसिपी में क्विनोआ आटा या पका हुआ क्विनोआ इस्तेमाल कर सकते है। इससे डेजर्ट की क्रेविंग को पूरा किया जा सकता है और हेल्दी मील्स का सेवन किया जा सकता है।
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