“अगर आप एक ग्लास दूध या स्मूदी में एक चम्मच प्रोटीन पाउडर मिला कर पी रहे हैं तो ये आपके स्वास्थ्य को बनाए रखने का आसान और कारगर तरीका हो सकता है क्योंकि अंततः हमारे शरीर को स्वस्थ बनाने का प्रोटीन बहुत कारगर जरिया है और प्रोटीन के जरिए ही हमारी मांसपेशियाँ और हड्डियाँ विकसित और मजबूत रह सकती हैं और शरीर सुचारु रूप से अपना काम करता रहता है। बहुत सारे लोग इसी वजह से कमजोर भी हो जाते हैं क्योंकि उनके खाने में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नहीं होता।
लेकिन रुकिए.. चॉकलेट और वेनीला पाउडर का यही एक चम्मच प्रोटीन पाउडर आपके शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। मैं इस बात की सलाह नहीं दूंंगी कि आप बिना किसी डॉक्टरी सलाह के ऐसा अपनी मर्जी से करें”
ये बयान हमारा नहीं है, ये बयान है रजिस्टर्ड डाइटीशियन और हावर्ड से अधिकृत ब्रिघम एंड वूमेन्स हॉस्पिटल की डिपार्टमेंट ऑफ न्यूट्रिशन की डायरेक्टर कैथी मैकमैनस का। आज हमने इस बयान से इसलिए बात शुरू की है क्योंकि हम आपको बता सकें कि शरीर को फिट रखने के लिए कब ये प्रोटीन जरूरी है और किन परिस्थितियों में ये आपके शरीर के लिए दुश्मन बन सकता है?
बदलती दुनिया में शारीरिक देखभाल का ट्रेंड भी बदला है। जिम जाने का चलन भी बढ़ा और वहीं से ईजाद हुए अलग अलग फ्लेवर में प्रोटीन पाउडरों के इस्तेमाल।
प्रोटीन पाउडर देखने में तो हेल्दी विकल्प लगता है, लेकिन इसके पीछे छिपे खतरे को नजरअंदाज करना सही नहीं। मार्केट के प्रॉडक्ट्स उठा कर और बिना एक्सपर्ट्स की सलाह के इनका इस्तेमाल तो बिल्कुल सही नहीं। इनमें कई बार हानिकारक तत्व, ज्यादा मात्रा में शुगर,या कैमिकल्स भी मौजूद होते हैं जिनका लंबे समय तक इस्तेमाल आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
दाल (मूंग, मसूर, अरहर) और चने प्रोटीन के अच्छे और शाकाहारी स्रोत हैं। अंकुरित चने और मूंग दाल को सुबह नाश्ते में लेने से शरीर में प्रोटीन की कमी नहीं होगी।
दूध, दही, पनीर, और छाछ में प्रोटीन भरपूर होता है। पनीर में प्रोटीन और कैल्शियम अधिक मात्रा में होता है। दही भी न केवल प्रोटीन देता है बल्कि पाचन तंत्र को भी ठीक रखता है।
सोयाबीन, टोफू, और सोया दूध प्रोटीन के अच्छे सोर्स हैं। सोयाबीन में मांसाहार के बराबर प्रोटीन होता है और सोया दूध उन लोगों के लिए अच्छा है जो सामान्य दूध नहीं पीते।
बादाम, मूंगफली, अखरोट जैसे नट्स और सूरजमुखी, चिया, और कद्दू के बीज में अच्छी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। ये हेल्दी स्नैक्स के रूप में खाए जा सकते हैं।
अंडा प्रोटीन का सबसे आसान और सस्ता सोर्स है। एक अंडे में लगभग 6 ग्राम प्रोटीन होता है। मांसाहार में चिकन, मछली और लाल मांस (Red Meat) प्रोटीन से भरपूर होते हैं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंसाल 2021 में एक क्लीन लेबेल प्रोडक्ट नाम के एक NGO ने प्रोटीन में मिले जहरीले पदार्थों के बारे में एक रिपोर्ट जारी की थी। शोधकर्ताओं ने इसके लिए 134 प्रोटीन उत्पादों की टेस्टिंग की थी। रिजल्ट में पाया गया कि कई प्रोटीन पाउडर में भारी धातुएं (सीसा, आर्सेनिक, कैडमियम और पारा), बिस्फेनॉल-ए (बीपीए, जिसका उपयोग प्लास्टिक बनाने के लिए किया जाता है) जैसी चीजें पाई गईं। शोधकर्ताओं ने इस रिजल्ट पर हैरानी भी जताई थी कि प्रोटीन पाउडर में इस मात्रा में ऐसे तत्व कैसे हो सकते हैं।
अधिक मात्रा में प्रोटीन पाउडर लेना आपकी किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, इससे आपके किडनी की फंक्शनिंग कमजोर होगी।
प्रोटीन पाउडर आपको गैस, ब्लोटिंग, और डायरिया जैसी समस्याएं दे सकता है। तब तो और, जब आप लैक्टोज इंटोलरेंट हैं।
कई प्रोटीन पाउडर में सिंथेटिक मिठास, प्रिजर्वेटिव्स(Preservatives) और अन्य हानिकारक तत्व हो सकते हैं,जो आपके सेहत के लिए तो बिल्कुल ठीक नहीं।
अगर इसे जरूरत से ज्यादा लिया जाए, तो यह अतिरिक्त कैलोरी और फैट देगा, जिससे आपका वजन बढ़ सकता है।
बिना डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के ज्यादा प्रोटीन पाउडर अगर आप ले रहे हैं तो इसका आपके लिवर पर बुरा असर होगा।
तो कुल मिला कर खाने में ही प्रोटीन लेना शरीर के लिए ज्यादा बेहतर विकल्प है। फिर भी आप सप्लीमेंट के तौर पर अगर प्रोटीन लेना चाह रहे हैं या आपको ऐसी जरूरत है तो बगैर एक्सपर्ट की देखरेख के ऐसा ना करें।