अस्वस्थ पाचन क्रिया, शारीरिक रूप से कम सक्रिय रहना, डिहाइड्रेशन, स्ट्रेस और गलत खानपान कब्ज की समस्या के प्रमुख कारण होते हैं। जिसकी वजह से हम किसी भी कार्य पर पूरी तरह फोकस नहीं कर पाते। वहीं यह सेहत से जुड़ी कई अन्य समस्याओं का भी कारण बन सकती है। अस्वस्थ पेट नियमित दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी है कि अपने रुटीन में कुछ ऐसी चीजों को शामिल किया जाए, जो पाचन तंत्र को दुरूस्त रखें। योगाभ्यास ऐसा ही एक प्रभावी उपाय है। आइए जानते हैं कब्ज दूर करने वाले ऐसे ही 4 आसनों के बारे में।
हालांकि, कब्ज की समस्या से निजात पाने के कई घरेलू उपचार हैं, परंतु बचाव के लिए योगाभ्यास से बेहतर कुछ भी नहीं है। चलिए जानते हैं, क्या हैं वह योगासन और उन्हें किस तरह करना है।
योगासन के स्ट्रेचे और ट्विस्टिंग पोज डाइजेस्टिव ऑर्गन को मसाज करते हैं। साथ ही ब्लड फ्लो को बढ़ाते हैं और पर्याप्त ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। नियमित रूप से योगासन का अभ्यास आपके डाइजेस्टिव हेल्थ को बनाए रखने में मदद करता है। वहीं यदि आपकी पाचन क्रिया संतुलित रहती है, तो आपको कब्ज जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।
पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार योग का अभ्यास अस्वस्थ पाचन क्रिया से जुड़ी समस्याएं जैसे कब्ज और डायरिया के लक्षण को नियंत्रित रखते हैं। वहीं रिसर्च के अनुसार इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) के लक्षण के तौर पर एंग्जाइटी और थकान जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। ऐसे में योग इन सभी लक्षणों को नियंत्रित रखने में भी आपकी मदद करता है।
कॉन्स्टिपेशन की समस्या में सबसे ज्यादा जरूरी होता है पेट में बनी गैस को रिलीज करना। यदि गैस रिलीज हो जाती है, तो कॉन्स्टिपेशन के कारण हुई ब्लाटिंग से राहत मिलती है। ऐसे में विंड रिलीविंग पोज आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगा। यह गैस रिलीज करने के लिए एक सबसे प्रभावी योगासन है।
सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को छाती की तरफ ऊपर की ओर उठाएं।
अब हाथों को थाई पर या उसके आसपास रखें।
गर्दन को उठाते हुए अपने चेहरे को घुटनों से सटाएं और धीरे से पीठ को फर्श पर दबाएं।
कुछ देर तक इसी मुद्रा में बनी रहें, फिर धीरे से अपने सामान्य पोजीशन में लौट जाएं।
चाइल्ड पोज एक प्रभावी नॉन ट्विस्टिंग पोज है। यह आपके पेट में बनी गैस को रिलीज करने के साथ ही आपके डाइजेस्टिव मसल्स को रिलेक्स करता है। ऐसे में कब्ज से जुड़ी समस्याएं होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंसबसे पहले घुटनों के बल नीचे की ओर लेट जाएं।
अपने शरीर को आगे की ओर झुकाते हुए फोरहेड से जमीन को छूने की कोशिश करें।
ऐसा करते हुए आपको अपनी रीढ़ की हड्डी में खिंचाव महसूस होगा।
अपने हाथों को आगे की ओर स्ट्रेच करें।
अब 1 मिनट तक इसी मुद्रा में बनी रहें।
हाफ स्पाइनल ट्विस्ट आपकी पाचन क्रिया में मूवमेंट पैदा करता है और उन्हें पूरी तरह रिलैक्स रहने में मदद करता है। यदि आप कब्ज से ग्रसित है, तो इस पोस्चर को जरूर ट्राई करें।
पैरों को शरीर के सामने सीधा करके बैठें।
दाहिने पैर को मोड़ें और बाएं पैर के बाहर घुटने के पास जमीन पर रखें।
बाएं पैर को मोड़ें और उसे बटक्स के नीचे या उसके पास रखें।
अब बाएं हाथ या कोहनी को दाहिने घुटने पर रखें और धीरे से अपने चेहरे को दाहिने कंधे की ओर मोड़ें।
कुछ देर इसी मुद्रा में बनी रहें, फिर दूसरी ओर से भी ऐसा ही करें।
कोबरा पोज़ ट्विस्टिंग पोस्चर नहीं है। यह एक प्रकार का स्ट्रेच है, जो कि कब्ज में नजर आने वाले लक्षण जैसे कि गैस को कम करने में मदद करता है। साथ ही डाइजेस्टिव मसल्स को स्ट्रेच करता है, जो कब्ज से राहत पाने का एक प्रभावी तरीका है।
सबसे पहले योग मैट पर पेट के बल सीधी लेट जाएं।
अपनी दोनों हथेलियों को सतह पर रखें।
अब हाथों पर भार देते हुए चेस्ट के हिस्से से खुद को ऊपर की ओर उठाएं।
अपने पेट के निचले हिस्से के मसल्स और पैरों पर भार पड़ने दें।
इसी पोजीशन में कुछ देर बनी रहें, उसके बाद सांस छोड़ते हुए वापस अपनी सामान्य पोजीशन में आ जाएं।
इस प्रक्रिया को 4 बार दोहराएं।
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