तनाव, चिंता और उदासी से निजात दिलाने में मददगार हो सकते हैं ये 5 आसन

एंग्जायटी की समस्या आपके लिए कई स्वस्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का कारण बन सकती है। किसी भी तरह के तनाव से बचने में योगासन आपकी मदद कर सकते हैं।
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एंग्जायटी में योग की मदद ले सकती हैं. चित्र शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 29 Oct 2023, 20:08 pm IST
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इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में तनाव (Stress) और एंग्जायटी (Anxiety) की समस्या बहुत आम हो गयी है। छोटी-छोटी बातों पर दिल घबराना, सांस फूलना, बेचैनी होना, धड़कनों का तेज रहना, रात को कम नींद आना इत्यादि यह सभी एंग्जाइटी के लक्षण हो सकते हैं। यह जानना आपके लिए जरूरी है कि गलत व्यवहार, अनियमित दिनचर्या, रिश्तों में तनाव और विवाद, एक- दूसरे से आगे निकलने की दौड़, असुरक्षित महसूस करना, लड़ाई-झगड़ा, समाज से दूर रहना और अपनी ही जिंदगी में लीन रहने जैसे कुछ कारणों तनाव, गुस्सा, एंग्जायटी और अवसाद को जन्म दिया है। समस्या चाहें जितनी गंभीर लगे, पर लाइलाज नहीं है। यहां हम कुछ योगासनों (yoga for stress relief) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको इन सभी समस्याओं से निजात दिला सकते हैं। 

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चिंता और एंग्जायटी में फर्क है, यह समझना जरूरी है। चित्र- शटरस्टॉक।

महिलाओं को ज्यादा होता है तनाव

एंग्जायटी की समस्या ज्यादातर युवाओं में देखने को मिल रही है। पुरुषो की तुलना में एंग्जायटी महिलाओं को अधिक और जल्द प्रभावित करती है। पिछले कुछ सालों में देखा गया की महिलाओं की एंग्जायटी रेट पुरुषो की तुलना में 1.5 गुना ज्यादा है। 3 से 17 साल उम्र के कुल बच्चों में से 7.1% बच्चे एंग्जायटी की समस्या से पीड़ित हैं, वहीँ 18 साल से ऊपर के युवाओं में से 18% युवा इस समस्या से परेशान हैं। कोवीड के बाद हुए एक स्टडी में कुल 74% भारतीय एंग्जायटी से पीड़ित पाए गए। 

एंग्जायटी की समस्या को समय रहते कंट्रोल कर लेना चाहिए वरना बाद में यह डिप्रेशन और एंग्जायटी अटैक जैसी समस्याओं में बदल जाती है। जिसका सीधा असर आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। यही नहीं, यह आपके निजी जीवन और कार्य को भी प्रभावित कर सकती है। एंजाइटी किसी शारीरिक बीमारी का नाम नहीं है, वल्कि यह केवल हमारी एक मानसिक नकारात्मकता है। कुछ लोग अपनी मानसिक चिंताओं को कंट्रोल नहीं कर पाते ऐसे में उन्हें एंग्जाइटी की समस्या का सामना करना पड़ता है।

लाइलाज नहीं है एंग्जायटी और तनाव 

क्या आप जानती है अपनी दिनचर्या में कुछ जरूरी बदलाव करने से आप एंजाइटी की समस्या से दूर रह सकती हैं। हम बताएंगे आपको इस समस्या से दूर रहने के कुछ महत्वपूर्ण उपाय। हालांकि, हेल्दी डाइट, सकारात्मक विचार, आत्मविश्वास और पसंदीदा कामों को करने से आपको इस समस्या से राहत मिल सकती है। यही नहीं कुछ महत्वपूर्ण योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से एंग्जायटी की समस्या में मदद मिलेगी। रोजाना कम से कम 40 से 50 मिनट का समय योग को देने की कोशिश करें, यह आपको मानसिक रूप से शांत और संतुलित रहने में मदद करेगा।

तनाव, उदासी और चिंता के कारण 

  1. अधिक नशा करना

आजकल के युवा एंग्जायटी और स्ट्रेस के दौरान शराब, सिगरेट जैसी कई नशीले पदार्थों का प्रयोग करते हैं। परंतु आपको बता दें कि ऐसा करना समस्या को कम करने की जगह उसे बहुत ज्यादा बढ़ा देता है। नशे का असर खत्म होते ही आपका तनाव और ज्यादा बढ़ने लगता हैं। 

आज ही स्मोकिंग छोड़ें। चित्र: शटरस्‍टॉक
एंग्जायटी से है परेशान तोआज ही स्मोकिंग छोड़ें। चित्र: शटरस्‍टॉक
  1. तनावपूर्ण घटनाएं

कार्य का बोझ, निजी जीवन में परिवारिक कलह, लव लाइफ की समस्या और भी कई तनावपूर्ण घटनाओं के कारण आपको एंग्जाइटी की समस्या हो सकती है।

  1. स्वास्थ्य समस्याएं

स्वास्थ्य संबंधी किसी तरह की समस्याओं को लेकर अधिक चिंतित रहना,  आपको एंजायटी डिसऑर्डर का शिकार बना सकता हैं। ऐसे में यह आपके लाइफ और वर्क दोनों को प्रभावित करेगा। 

  1. पर्सनेलिटी संबंधी डिसऑर्डर

कुछ लोग खुद को परफेक्ट दिखाना चाहते हैं। ऐसे में कभी-कभी ऐसा न कर पाने के कारण वह अत्यधिक शर्मिंदगी महसूस करने लगते है। ऐसे में अधिक तनाव के कारण मानसिक तौर पर अशांत और एंग्जायटी से ग्रषित हो सकते हैं।

लक्षण 

  1. किसी चीज से अधिक घबराहट, डर और बेचैनी होना।
  2. नींद संबंधित समस्याओं का उत्पन्न होना, जैसे कि रात को कम नींद आना।
  3. हार्ट बीट का बढ़ जाना और पसीना आने लगना।
  4. थोड़ी-थोड़ी देर पर मुंह सूखना और चक्कर आने की समस्या।
  5. किसी कार्य को करते वक्त अधिक कमजोरी और सुस्ती महसूस होना।
  6. लोगों से हटकर अकेले रहना।
  7. लूज मोशन और उल्टी आने जैसी समस्याएं।
  8. मांसपेशियों में ऐंठन और हाथ पैर का ठंडा पढ़ना साथ ही झुनझुनाहट महसूस होना।
  9. सांस लेने में परेशानी और सांस फूलने की समस्या।
  10. सर भारी लगना और किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित न रख पाना।

योग कर सकता है इसमें आपकी मदद

डॉ मालविका अठावले के अनुसार योग, ध्यान और प्राणायाम किसी भी तरह के तनाव, उदासी और चिंता से उबरने में आपकी मदद कर सकते हैं। आपको अपने डेली रुटीन में कम से कम 40 से 50 मिनट योग और प्राणायाम के लिए निकालने हैं। हालाँकि हेल्दी डाइट लेने और साफ़ सुथरे वातावरण में रहने से आप एंग्जायटी की समस्या से दूर रह सकती हैं।  

योग विशेषज्ञ ग्रैंड मास्टर अक्षर के अनुसार शारीरिक गतिविधिया जैसे योग और व्यायाम का अभ्यास (yoga for stress relief) आपको मानसिक रूप से संतुलित रहने में मदद कर सकते हैं। आपकी मानसिक शांति एंग्जायटी की समस्या को दूर रखने के लिए अधिक महत्वपूर्ण है। तनाव मुक्त रहने के लिए रात को सोने से पहले थोड़ी देर मेडिटेशन जरूर करें। साथ ही मेडिटेशन आपकी एंग्जायटी को भी कम करने में मदद करेगी।

वहीं मालविका अठावले कहती हैं कि एंग्जायटी से दूर रहने के लिए कम से कम दिन के 30 मिनट खुद के साथ बिताने का प्रयास करें। साथ ही अपनी हॉबी जैसे की पेंटिंग, डांसिंग, पोएट्री, किताबें पढ़ना इत्यादि को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल कर सकती हैं। वहीं शारीरिक गतिविधियां जैसे खेलकूद में भाग लेने से भी मदद मिलेगी।

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एंग्जायटी की समस्या से परेशान हैं तो, यह 5 आसन आपके लिए फायदेमंद रहेंगे

  1. बद्ध कोणासन

यह जांघ और गुप्तांग के आसपास के हिस्सों के स्ट्रेच के लिए फायदेमंद होता है। रीढ़ की हड्डी को सीधा करने के साथ जांघ के मसल्स को भी रिलैक्स करने में मदद करता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास आपके डिप्रेशन, टेंशन और तनाव को कम करने में मदद करता है।

yoga anxiety me kar sakti hai aapki madad
एंग्जायटी में योग हो सकता है मददगार। चित्र : शटरस्टॉक
  1. पश्चिमोत्तानासन

बैठ कर आगे की ओर झुकें और अपने पैर के उंगलियों को छूने का प्रयास करें। यह मसल्स को मजबूत करने के साथ-साथ ब्लॉकेज को खोलने का काम करता है। इस आसन को करते वक्त लंबी सांस खींचने और छोड़ने से आपके दिमाग को शांत रहने में मदद मिलती है। 

  1. दंडासन

रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा करके बैठे और पैरों को सामने की ओर फैला लें। लंबी सांस लेकर थोड़ी देर रोकें और फिर छोड़ दे। इस अभ्यास को करने से आपकी रीड की हड्डी मजबूत होती है और आप रिलैक्स महसूस कर सकती हैं। साथ ही यह योग आपके तनाव के स्तर को भी कम करता है। 

  1. उष्ट्रासन

उष्ट्रासन का अभ्यास आपके शरीर में ब्लड सरकुलेशन को बढ़ाता है। ब्लड सरकुलेशन के बढ़ने से शरीर को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होता है। यह आपके मानसिक तनाव को कम करने के साथ आपको रिलैक्स रहने में मदद करता है।

  1. सेतु बंधासन

यह आपके शरीर में ब्लड सरकुलेशन को बढ़ाने का काम करता है। साथ ही हार्ट ब्लॉकेज को खोलने में भी मददगार होता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से अपने दिमाग को शांत और खुदको तनावमुक्त रख सकती हैं।

तो डियर गर्ल्स, तनाव से घबराएं नहीं, न ही किसी तरह की शेमिंग का शिकार हों। बस अपने डेली रुटीन में योग को शामिल करें और तनाव मुक्त रहें। 

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लेखक के बारे में

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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