एक थकान भरे दिन के बाद करें इन 5 एक्सरसाइज का अभ्यास, तन-मन हो जाएगा रिलैक्स

खास कर ग्रोइंग एज में ब्रेन पावर को बूस्ट करने पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। कुछ रिलैक्सिंग एक्सरसाइज इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
exercises to relax yourself
यहां हैं कुछ खास रिलैक्सिंग ब्रेन बूस्टिंग एक्सरसाइज। चित्र : एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 13 Apr 2024, 17:00 pm IST
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मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे कि अल्जाइमर, डिमेंशिया, मेमोरी लॉस, ब्रेन इन एक्टिविटी, आदि बहुत कॉमन हो चुकी है, जो हमें अपने मस्तिष्क के प्रति सचेत होने का संकेत देती है। शुरुआत से यदि मेंटल हेल्थ के प्रति ध्यान दिया जाए और इसकी उचित देखभाल की जाए तो इस प्रकार की मानसिक स्थितियों से बचा जा सकता है। खास कर ग्रोइंग एज में ब्रेन पावर को बूस्ट करने पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। कुछ रिलैक्सिंग एक्सरसाइज इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। इन एक्सरसाइज को आप और आपका ग्रोइंग किड एक साथ इंजॉय कर सकते हैं। जिससे कि दोनों की मानसिक क्षमता में वृद्धि होगी।

ब्रेन बूस्टिंग एक्सरसाइज के फायदे से जुड़ी जरूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए हेल्थ शॉर्ट्स ने पीएमसी ट्रेनिंग और फिट इंडिया मूवमेंट एम्बेसडर, फिटनेस एक्सपर्ट मुकुल नागपाल से सलाह ली। तो चलिए जानते हैं, कुछ खास ब्रेन बूस्टिंग एक्टिविटीज जो मेंटल हेल्थ को बरकरार रखने में आपकी मदद कर सकती हैं।

यहां है कुछ खास ब्रेन बूस्टिंग एक्सरसाइज

1. एरोबिक एक्सरसाइज

एरोबिक एक्सरसाइज आपके ब्रेन पावर को बूस्ट करने में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करता है। स्विमिंग, जंपिंग, वॉकिंग और साइकिलिंग जैसी गतिविधियां इसमें शामिल हैं। नियमित रूप से एरोबिक एक्सरसाइज में भाग लेने से ब्रेन एजिंग की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और आप समय से पहले इसकी शिकार नहीं होती।

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व्यायाम को एक आदत बनने में समय लगता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

इसके अतिरिक्त, ये वर्कआउट आपके मूड, याददाश्त, प्रतिरक्षा प्रणाली, कॉग्निटिव कार्य और फोकस को बढ़ा देते हैं। ये मस्तिष्क में मौजूदा न्यूरोनल कनेक्शन को मजबूत कर सकते हैं, और स्ट्रेस की वजह से होने वाले नुकसान को भी रोकते हैं। जिससे कि आपका ब्रेन पूरी तरह से स्वस्थ रहता है और आपको किसी भी प्रकार से परेशानी नहीं होती।

2. ब्रीदिंग एक्सरसाइज

डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइ से आपकी बॉडी और मस्तिष्क दोनों को फायदा होता है, इसके अलावा यह भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है। यह आपकी बॉडी को आराम पहुंचता है साथ ही साथ आपकी मांसपेशियों के कार्य को बढ़ावा देता है, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के साथ ही, हार्टबीट को नियंत्रित करने और ब्लड में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करता है।

ब्रेन पावर को बूस्ट करने के लिए धीरे धीरे गहरी, धीमी सांस लेने का अभ्यास करें। इसे नियमित रूप से दोहराने से ध्यान एकाग्रित करने में मदद मिलेगी, साथ ही कार्य शक्ति और मेमोरी बूस्ट होगा और ब्रेन फोग जैसी समस्याएं आपको परेशान नहीं करेंगी।

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सांस लेने वाले योग से आपके श्वासन मार्ग भी साफ होता है । चित्र-अडोबी स्टॉक

3. डांसिंग

मूड और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए डांस सबसे अच्छे मस्तिष्क व्यायामों में से एक है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार, डांस डिमेंशिया के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, यह लय और संतुलन से संबंधित मस्तिष्क क्षेत्रों को उत्तेजित करता है। खासकर ग्रोइंग एज में ब्रेन डेवलपमेंट के लिए डांसिंग जैसी ब्रेन बूस्टिंग एक्टिविटी में पार्टिसिपेट करना बहुत जरूरी है।

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4. मेडिटेशन

मेडिटेशन स्पष्टता और फोकस बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है। मेडिटेशन आपके दिमाग को शांत और साफ़ करने में मदद करता है। इसके नियमित अभ्यास से, आपकी मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है और आप किसी भी चीज को लेकर अधिक फोकस्ड रह पाती हैं। जब आपका दिमाग शांत होता है, तो आपका ध्यान अधिक तीव्रता से काम करता है।

मेडिटेशन आपकी ब्रेन प्रोडक्टिविटी में भी सुधार करता है, जिससे आपका मन खुश रहता है और तनाव से होने वाली मस्तिष्क क्षति का खतरा कम हो जाता है। इसलिए, मजबूत दिमाग के लिए सचेत अभ्यास और ध्यान का प्रयास करें।

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साइनस से बचाव में हलासन लाभ देता है। चित्र: शटरस्टॉक

5. हलासन में भाग लें

हलासन एक ब्रेन बूस्टिंग योग मुद्रा है, जो आपके ब्रेन पावर को बूस्ट करने में आपकी मदद कर सकता है। यह आपके मूड को बढ़ावा देता है और टेंशन रिलीज करने में मदद करता है। जिससे कि आपका ब्रेन शांत रहता है, इसके अलावा यह योगासन मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा देता है। जिससे ब्रेन को भरपूर ऑक्सीजन मिलता है और वे सही से कार्य कर पाता है।

जानें इसे करने का सही तरीका

अपनी पीठ के बल लेट जाएं, फिर अपनी हथेलियों को अपने शरीर के बगल में फर्श पर रखें।
अपने पैरों को ऊपर उठाएं और अपने पंजों को अपने पीछे रखने के लिए अपनी पीठ के निचले हिस्से को दोनो हाथों से सहारा दें।
कुछ देर तक इसी मुद्रा में बनी रहें फिर सामान्य मुद्रा में लौट आएं।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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