कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल कर आपके दिल को स्वस्थ रख सकती हैं ये 4 योग मुद्राएं

बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल और फैट आपकी हार्ट हेल्थ के लिए जोखिम बढ़ा सकता है।  ऐसे में हेल्दी डाइट के साथ योग मुद्राओं को डेली रुटीन में शामिल करना आपकी मदद कर सकता है
Pran mudra kyu hai faydemand
छोटी उंगली और अनामिका को अंगूठे से छूएंगें, उसी वक्त शरीर में एनर्जी का प्रभाव बढ़ने लगता है। इसे बैठे हुए, चलते फिरते और वॉक करते वक्त भी कर सकते हैं। चित्र: शटरस्टॉक
शालिनी पाण्डेय Updated: 20 Oct 2023, 09:10 am IST
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दिल को स्वस्थ (Healthy Heart) रखने के लिए ज़रूरी है कि कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को संतुलित रखा जाए। इसके लिए उचित डाइट के साथ-साथ आपकी दिनचर्या में व्यायाम का होना भी बहुत जरूरी है। इसमें योग आपकी मदद कर सकता है। योग में कुछ ऐसी मुद्राएं हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाती हैं। आइए जानते हैं उन योग मुद्राओं (Yoga mudras to control cholesterol) के बारे में। 

हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हमें किन योग मुद्राओं का अभ्यास करना चाहिए, यह जानने के लिए हमने बात की पतंजलि वेलनेस की योग गुरू रूबी दास से। 

यहां हैं वे 4 योग मुद्राएं जो आपके हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं 

1. अपान वायु मुद्रा – हृदय की मुद्रा :

अपने दिल को मजबूत करने और धड़कन को नियमित करने के साथ-साथ, इस मुद्रा के नियमित अभ्यास से गैस्ट्रिक से जुड़ी समस्याएं कम हो जाती हैं। ‘मृत संजीवनी मुद्रा’ के रूप में जानी जाने वाली यह मुद्रा, कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित व्यक्ति को तत्काल राहत प्रदान करती है। एनजाइना अटैक होने पर यह दर्द को कम करती है और ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार करती है।

ye mudra apki gut health ke liye faydemand hai
ये मुद्रा आपकी गट हेल्थ के लिए फायदेमंद है। चित्र: शटरस्टॉक

कैसे करें:

  1. पद्मासन [कमल मुद्रा] में बैठें।
  2. अपने हाथों को बाहर की ओर फैलाएं और उन्हें जांघों पर रखें।
  3. हथेलियों को खोल कर रखें।
  4. अपनी मध्यमा और अनामिका उंगुलियों को हथेली की ओर इस प्रकार मोड़ें कि वे अंगूठे के सिरे को स्पर्श करें।
  5. तर्जनी को अंदर की ओर मोड़ें ताकि वह अंगूठे के आधार को स्पर्श कर सके।
  6. छोटी उंगली को बाहर की ओर फैलाना चाहिए।
  7. अपनी आंखें बंद रखें।

अवधि:

इसके लिए कोई विशिष्ट समय सीमा नहीं है। हालांकि, जिन लोगों को हृदय रोग या उच्च रक्तचाप है, उन्हें दो सेट्स में विभाजित करके दिन में 30 मिनट तक इसका अभ्यास करना चाहिए।

2. प्राण मुद्रा 

जैसा कि नाम से पता चलता है, यह योग मुद्रा आपकी जीवन शक्ति को बढ़ाती है। यह वास्तव में बंद धमनियों को साफ करने में मदद करती है, हृदय संबंधी स्थितियों से जुड़े जोखिम को कम करती है। इस मुद्रा का रोजाना अभ्यास करने से फिटनेस और प्रतिरक्षा स्तर (immunity level) में सुधार होता है।

कैसे करें:

  1. पद्मासन [कमल मुद्रा] में बैठें।
  2. अपने हाथों को बाहर की ओर फैलाएं और उन्हें जांघों पर रखें।
  3. हथेलियों को खोलें।
  4. अपनी छोटी उंगली और अनामिका को हथेली की ओर मोड़ें और उनके सुझावों को अंगूठे की नोक के संपर्क में आने दें।
  5. मध्यमा और तर्जनी को बाहर की ओर फैलाकर रखें।
  6. अपनी आंखें बंद रखें और जब तक चाहें मुद्रा को करें। 

    Linga mudra aapki madad kar sakta hai
    लिंग मुद्रा कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

अवधि:

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इस मुद्रा के अभ्यास के लिए कोई विशिष्ट समय अवधि नहीं है। आप अपनी आवश्यकता के अनुसार दिन में कितनी भी बार इसका अभ्यास कर सकते हैं।

3. सूर्य मुद्रा 

अपने भीतर मौजूद सौर जाल को सक्रिय करने के लिए इस योग मुद्रा में बैठ सकती हैं। यह  आपको ऊर्जा से भरने में सक्षम है। सूर्या मुद्रा थायरॉयड ग्रंथि के कामकाज पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। हाइपोथायरायडिज्म के परिणामस्वरूप होने वाला मोटापा कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है।

इस मुद्रा का अभ्यास करने से थायरॉयड ग्रंथि के कामकाज में सुधार करने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह आपके दिल के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकती है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मददगार है। आपके दिल को उच्च कोलेस्ट्रॉल से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचाती है यह मुद्रा।

कैसे करें:

  1. पद्मासन [कमल मुद्रा] में बैठें।
  2. अपने हाथों को बाहर की ओर फैलाएं और उन्हें जांघों पर रखें।
  3. हथेलियों को खुला रहने दें।
  4. अपनी अनामिका को अंदर की ओर मोड़ें, टिप अंगूठे के आधार के पास टिकाएं।
  5. अनामिका को अपने अंगूठे से दबाएं।
  6. छोटी उंगली, मध्यमा और तर्जनी को बाहर की ओर फैलाना चाहिए।
  7. अपनी आंखें बंद रखें और जब तक चाहें इस मुद्रा में बने रहें।

अवधि:

इस मुद्रा का अभ्यास दिन में दो बार 5 से 15 मिनट तक कर सकती हैं।

4. लिंग मुद्रा

संस्कृत में लिंगम लिंग-पुरुष प्रजनन अंग को दर्शाता है। यह मुद्रा उन लोगों के लिए मददगार है जो मधुमेह से पीड़ित हैं। मोटापा और मधुमेह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं जो आपके दिल को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसका अभ्यास करने से मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल और वजन को नियंत्रण में रखने में मदद मिल सकती है, जिससे आपका कोलेस्ट्रोल लेवल दुरुस्त और हृदय स्वास्थ्य ठीक रहता है।

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