योग के महत्व को आज पूरी दुनिया समझ चुकी है। यह न सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर काम करता है, बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव है। योग की जरूरत को समझते हुए आज करोड़ों लोगों की सुबह योगाभ्यास (Yoga Practice) के साथ होती है। अच्छी बात यह है कि हर उम्र और हर अवस्था के लिए योग में कुछ विशेष आसनों का उल्लेख है। जी हां, योग को आप गर्भावस्था के दौरान भी कर सकती है। बस जरूरत है कुछ चीजों का ध्यान रखने की।
हम सभी जनते हैं कि योगाभ्यास आपकी शारीरिक और मानसिक समस्याओं से निजात पाने का आसान तरीका है। इसके बावजूद ज्यादातर महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान योगा से दूरी बना लेती हैं। हालांकि इस अवस्था में सतर्कता बहुत जरूरी है, लेकिन ऐसे भी बहुत से योगासन हैं जो आपको गर्भावस्था की जटिलताओं से छुटकारा दिलाकर प्रसव को आसान बनाते हैं।
गर्भावस्था के पहले महीने से लेकर नौंवे महीने तक ऐसे कई योगासन हैं, जो आपको इस अवस्था के दौरान भी एक्टिव बनाए रखने में मदद करते हैं। यह आपके स्वास्थ्य और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए भी काफी कुशल है। योग की मुद्राएं आपकी सांस लेने की तकनीक पर काम करती हैं, जो सेहत के लिए काफी लाभदायक है।
ऐसा पाया गया है कि योग चिंता को कम करने और प्रेगनेंसी और प्रसव के दौरान महिलाओं को शांत रहने में मदद करने के लिए उत्तम है। यह महिलाओं की नींद में भी सुधार करता है। योग में आपके द्वारा उपयोग की जाने वाली श्वास तकनीकें आपको प्रसव के लिए तैयार होने में मदद कर सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान योग करने का लाभ यह भी हो सकता है कि आपको अपने बच्चे के जन्म के दौरान कम दर्द हो।
योग पर यूके में डॉ जेम्स न्यूहैम, न्यूकैसल विश्वविद्यालय, द्वारा एक शोध किया गया। जिसमें पाया गया कि कैसे योग के एकल और एकाधिक सत्र स्वस्थ गर्भवती महिलाओं के मूड और तनाव हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं। योग के एक सत्र में स्व-रिपोर्ट की गई चिंता को एक तिहाई और तनाव हार्मोन के स्तर को 14% तक कमी लाते देखा गया।
ताड़ासन प्रेगनेंसी के दौरान एक सुरक्षित योगासन है। योगा आसन को करने से शरीर में खून का संचार उचित प्रकार से होता है, जो गर्भ में पल रहे शिशु के लिए काफी अच्छा है। इसके अलावा इस आसन को रोजाना करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है और घुटनों व हाथों की मांसपेशियां भी स्वस्थ बनती हैं।
योग के सबसे पुराने ग्रंथों में से एक,हठ योग प्रदीपिका के अनुसार “एक लाश की तरह जमीन पर लेटना, शवासन कहलाता है। यह थकान को दूर करता है और दिमाग को आराम देता है। आमतौर पर इस आसन को योगा सेशन पूरा होने के बाद किया जाता है। क्योंकि यह एकमात्र ऐसा योगासन है जो शरीर को पूरी तरह से रिलैक्स कर देता है।
प्रेगनेंसी के दौरान शरीर को आराम देने के लिए यह योगासन बेहद काम आ सकता है। शवासन मन को शांत करता है और दिमाग से नकारात्मक विचारों को दूर करने में सहायता देता है। गर्भावस्था के दौरान इस आसन को करने से एंग्जाइटी दूर होती है और ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक होता है।
जैसे-जैसे आप प्रेगनेंसी के बीच के महीनों में आगे बढ़ेंगे आप के शिशु का आकार भी बढ़ने लगेगा। जिसके कारण आपका योग के दौरान आपका संतुलन बिगड़ सकता है । आपका उभार भी बढ़ेगा और आप अपना संतुलन खोने की संभावनाओं के बीच में होंगी।
ऐसे में किसी भी योग मुद्रा को अकेले में करना आपके लिए जोखिम से भरा रहेगा। किसी भी योग अभ्यास को करने से पहले किसी योगा ट्रेनर की सलाह या उनकी निगरानी में ही करें।
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