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Pistol Squats : लटका हुआ पेट अंदर कर सकता है पिस्टल स्क्वाट, जानिए इसे करने का आसान तरीका

शरीर के बढ़ते वज़न को नियंत्रित करने के लिए लोग कई प्रकार की एक्सरसाइज़ को वर्कआउट रूटीन में शामिल कर लेते है। अगर आप बिना जिम जाएं मसल्स को मज़बूत बनाकर हेल्दी वेटलॉस करना चाहती हैं, ते ऐसे में पिस्टल स्क्वैट बेहद फायदेमंद है।
इस सिंगल लेग स्क्वैट्स को करने के लिए शरीर को एक पांव के वज़न पर बैठकर डीप स्क्वैट्स करना पड़ता है। चित्र- अडोबीस्टाॅक
Updated On: 12 Nov 2024, 08:56 am IST

वेटलॉस के लिए अक्सर व्यायाम की मदद ली जाती है। अधिकतर महिलाएं पेट पर जमा चर्बी से परेशान नज़र आती हैं। इसे दूर करने के लिए कई कार्डियो तो कभी हाई इंटैसिटी एक्सरसाइज़ की मदद ली जाती है। अगर आप आसान तरीके से बिना जिम जाएं वज़न को कम करने का उद्देश्य बना चुकी हैं, तो पिस्टल स्क्वाट की मदद से इसमें सफलता अवश्य मिल सकती है। इस संगल लेग स्क्वाट से चर्बी को बर्न करने के अलावा शरीर में लचीलापन और मज़बूती बढ़ने लगती है। जानते हैं पिस्टल स्क्वाट के फायदे और इसे करने की विधि भी।

क्या है पिस्टल स्क्वैट्स (What is Pistol squats)

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार इस एक्सरसाइज़ को करने से घुटने का जोड़ मुड़ता है। सिंगल लेग्ड स्क्वाट से हैमस्ट्रिंग की सक्रियता बढ़ने लगती है और खिंचाव महसूस होने लगता है। इससे ग्लूट मसल्स भी एक्टिव होने लगते हैं।

लटकता पेट कम कर सकता है पिस्टल स्क्वैट्स

पोषण और फिटनेस कोच, बैक2फिट वेलनेस क्लिनिक की फाउंडर, डॉ. रुम्पा दास बताती हैं कि शरीर में जमा चर्बी को दूर करने के लिए पिस्टल स्क्वैट्स को रोज़ाना वर्कआउट रूटीन में शामिल करना चाहिए। इस सिंगल लेग स्क्वैट्स को करने के लिए शरीर को एक पांव के वज़न पर बैठकर डीप स्क्वैट्स करना पड़ता है। आप चाहें, तो किसी रॉड की मदद से भी इसे किया जा सकता है। इस दौरान शरीर के संतुलन को बनाए रखना आवश्यक है। इससे पीठ में बढ़ने वाला दर्द और थाइ फैट से भी मुक्ति मिल जाती है। शुरूआत में शरीर की क्षमता के अनुसार इस एक्सरसाइज़ को करें।

इस दौरान शरीर के संतुलन को बनाए रखना आवश्यक है। इससे पीठ में बढ़ने वाला दर्द और थाइ फैट से भी मुक्ति मिल जाती है।चित्र- अडोबीस्टाॅक

जानते हैं पिस्टल स्क्वैट्स के फायदे

1. मसल्स स्ट्रेंथ को बढ़ाए

मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाने में मदद करने वाले पिस्टल स्क्वाट के नियमित अभ्यास से ग्लूट्स और कोर मसल्स को फायदा मिलता है। इन मसल्स की मज़बूती से शरीर के निचले हिस्से की मज़बूती बढ़ जाती है। साथ ही कभी पी, तो कभी कमर में बढ़ने वाले दर्द को नियंत्रित करके शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है।

2. शरीर रहता है संतुलित

पोश्चर में आने वाले बदलाव को रोकने के लिए पिस्टल स्क्वाट फायदेमंद है। एक्सरसाइज़ के दौरान एक पैर से शरीर का संतुलन बनाए रखने से पोश्चर में सुधार होने लगता है। साथ ही मसल्स की टाइटनेस बढ़ने लगती है। साथ ही आपके टखनों के आसपास की मांसपेशियां शरीर को स्थिर रखने में भी मदद करती हैं।

3. वज़न कम करने में है मददगार

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एक्सरसाइज़ साइंस की रिपोर्ट के अनुसार इस एक्सरसाइज़ को रोज़ाना करने से ग्लूट्स को टोन रखने में मदद मिलती है। इससे पेट की मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ने लगता है, जिससे पेट पर जमा चर्बी कम होने लगती है और शरीर एक्टिव हो जाता है। अत्यधिक वज़न शारीरिक अंगों में दर्द को भी बढ़ा देता है। इसे करने से शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन कम होने लगती है।

इस एक्सरसाइज़ को रोज़ाना करने से ग्लूट्स को टोन रखने में मदद मिलती है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

4. स्पाइन को बनाए मज़ूबत

स्पाइन में होने वाले दर्द को कम करने के लिए इस एक्सरसाइज़ की मदद ली जा सकती है। इस एक्सरसाइज़ को करने से पूरा वज़न पैरो पर बढ़ने लगता है। ऐसे में पैर और कोर मसल्स में सुधार आने लगता है और पीठ सीधी होने के चलते स्पाइन की मज़बूती बढ़ने लगती है।

जानें पिस्टल स्क्वैट करने की विधि (How to perform pistol squats)

  • इसे करने के लिए ज़मीन पर सीधे खड़े हो जाएं और पैरों को मज़बूती से टिका कर रखे। अब घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं।
  • दाई टांग को आगे बढ़ाएं और दूसरे पैर को वहीं रहने दें। इस दौरान पीठ को सीधा रखने का प्रयास करें।
  • शरीर का वज़न आगे वाली टांग पर लेकर आएं। शरीर की क्षमता के अनुसार इस एक्सरसाइज़ का अभ्यास करें।
  • उसके बाद दाई टांग को पीछे लाकर बाई टांग से भी इसी प्रक्रिया को दोहराएं। इससे शरीर का संतुलन बना रहता है।
  • शुरूआत में 30 सेकण्ड तक इस पोज़िशन में बने रहें। अब दोनों पैरों को एक साथ लेकर आ जाएं और फिर धीरे से उठें।
  • वे लोग जो बिगनर्स हैं, वे किसी रॉड, दीवार या फिर दीवार का सहारा लेकर इस एक्सरसाइज़ की प्रैक्टिस करे। 
  • इस एक्सरसाइज़ के दौरान शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए किसी रॉड या दीवार की सहायता ले सकते हैं।   

लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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