Paschimottanasana : पश्चिमोत्तानासन वेट लॉस के साथ देता है और भी फायदे, जानिए इसके अभ्यास का सही तरीका
दिनभर काम में मसरूफ रहने के बाद महिलाएं शारीरिक थकान का सामना करती है। चाहे आप कामकाजी हैं या होममेकर उम्र के साथ मांसपेशियों में ऐंठन और तनाव की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में शरीर में एनर्जी का स्तर बनाए रखने के लिए अक्सर लोग मल्टी विटामिन और कई प्रकार के सप्लीमेंटस का सेवन करते हैं। अगर आप प्राकृतिक ढ़ग से शरीर को तनावमुक्त रखकर एक्टिव और हेल्दी बनाए रखना चाहते हैं, तो पश्चिमोत्तानासन बेहद फायदेमंद है। ज़मीन पर बैटकर किए जाने वाले इस योगासन से शरीर को कई फायदे मिलते है। जानते हैं योग एक्सपर्ट से कि पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana) महिलाओं के लिए क्यों है फायदेमंद।
पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास क्यों करें (Importance of Paschimottanasana)
इस बारे में योग एक्सपर्ट सुमिता गुप्ता बताती हैं कि पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करने से तनाव की समस्या हल हो जाती है और पाचनतंत्र भी उचित बना रहता है। दरअसल, इस योगासन को करने से रीढ़ की हड्डी, इन्नर थाइ की मांसपेशियों और हैमस्ट्रिंग में खिंचाव आता है। इससे लोअर बॉडी को मज़ूबती मिलती है और गर्भाशय की क्षमता में भी सुधार आने लगता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से पेट की मांसपेशियों की मज़बूती बढ़ती है और पेट पर जमा चर्बी को कम किया जा सकता है।
जानें पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करने के फायदे (Benefits of Paschimottanasana)
1. नींद न आने की समस्या होगी हल
पश्चिमोत्तानासन शरीर रिलैक्स होने लगता है और ऐंठन कम हो जाती है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर का ब्लड सर्कुलशन बढ़ जाता है और नर्वस सिस्टम सक्रिय होने लगता है। सुबह उठकर और रात को सोने से पहले इसका अभ्यास करने से तनाव को दूर करके मानसिक स्वास्थ्य को फायदा मिलता और नींद न आने की समस्या हल हो जाती है।
2. पेट पर जमा चर्बी को करे कम
पश्चिमोत्तानासन से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे कैलोरी स्टोरेज से बचा जा सकता है। आगे की ओर झुककर किए जाने वाले इस योगासन से पेट के आस पास और थाइज़ पर जमा चर्बी बर्न होने लगती है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है और पोश्चर में सुधार आने लगता है।
3. पाचनतंत्र को करे मज़बूत
वे लोग जो अक्सर ब्लोटिंग, पेट दर्द, अपच और कब्ज की शिकायत करते हैं, उनके लिए ये योगासन बेहद कारगर है। पश्चिमोत्तानासन करने के लिए ज़मीन पर बैठकर आगे की ओर झुकने से पैनकियाज़ और डाइजेस्टिव ऑर्गन अपना कार्य नियमित रूप से करते हैं।
4. गर्भाशय की कार्यक्षमता में लाए सुधार
इस योगासन को करने से पेल्विक एरिया में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है, जिससे इसकी कार्यक्षमता में सुधार होता है। ये योग मुद्रा महिलाओं में रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने में मददगार साबित होती है। बैठेकर आगे की ओर झुकने से मासिक धर्म चक्र में दर्द और हैवी ब्लीडिंग को भी नियंत्रित कर सकता है।
5. कमर दर्द से राहत
वे महिलाएं, जो पीठ के निचले हिस्से में दर्द का अनुाव करती हैं। उनके लिए इस योगासन का अभ्यास आवश्यक है। इसके लिए हैमस्ट्रिंग मसल्स और रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आने लगता है, जिससे मसल्स में बढ़ने वाली इंफ्लामेशन को रोका जा सकता है। साथ ही कमर में बढ़ने वाली स्टिफनेस से भी राहत मिलती है।
जानें पश्चिमोत्तानासन करने की विधि (Tips to do Paschimottanasana)
- इस योगासन को करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं और दोनों टांगों को एकदम सीधा कर लें। इस दौरान गहरी सांस लें।
- अब दोनों बाजूओं को उपर लेकर जाएं और फिर कमर को आगे की ओर झुकाते हुए हाथों को पैरों से छूएं। अब सांस को छोड़ें।
- इस दौरान घुटनों को मोड़ने से बचें और सिर को घुटनों के मध्य टिका लें। अब दोनों हाथों को जमीन पर टिकाएं।
- शरीर की क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करे। इस दौरान सांस को नियंत्रित करना आवश्यक है। दिन में दो बार इसे अवश्य करें।
- वे लोग जो बिगनर्स हैं, उन्हें शुरूआत में इस योगासन को करने से मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होने लगता है।