पेरेंट्स को हाई ब्लड प्रेशर है, तो उनकी मदद करेंगे ये योगासन

पेरेंट्स को अगर च्च रक्तचाप की समस्या है तो उसे नियंत्रित करने के लिए उन्‍हें योग, प्राणायाम और ध्यान की इन योगिक तकनीकों का अभ्यास करवाएं।
अपने पेरेंट्स की अच्छीे सेहत के लिए उन्हें नि‍यमित रूप से योग करने के लिए प्रेरित करें। फोटो: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 28 Apr 2022, 12:10 pm IST
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आपके मम्मी या पापा को हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) है या फिर होने की सम्भावना है। इसका पता लगाकर सही इलाज करवाना जितना ज़रूरी है। उतना ही ज़रूरी है इसे प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करना। जानिये कैसे योग के कुछ आसन उनकी मदद कर सकते हैं और भविष्य में आने वाली कई बीमारियों से भी बचा सकतें हैं।

आप अपने परिवार को अच्छी सेहत देने में सफल हो सकतें है, सिर्फ अपने माता-पिता को इन योग क्रियायों के लिए प्रोत्साहित करके। इसके द्वारा भविष्य में आने वाली कई बीमारियों से भी आप उन्हें बचा सकती हैं। योग न सिर्फ उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) को नियंत्रित करता है, बल्कि हमारी दिनचर्या में कई अहम बदलाव भी लाता है। अपनी व्यस्त दिनचर्या में से सिर्फ कुछ मिनट निकाल कर आप जीवन के कई साल बचा सकते हैं।

हम सभी अपने मम्मी-पापा और घर के अन्य बुजुर्गों से प्रेम करते हैं और चाहते है कि वे सदा हमारे साथ रहें। पर क्या आप जानते हैं कि हर 60 वर्ष से अधिक उम्र के दो-तिहाई भारतीय वयस्कों में उच्च रक्तचाप है ? यदि आपके माता-पिता उस आंकड़े की ओर बढ़ रहे हैं तो एक मौका योग को दें। ताकि योग उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करने में आपकी मदद कर सके।

योग आपके शारीरिक संतुलन में सुधार करता है, आपके फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है, आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाता है व इसके अन्य भी कई अतिरिक्त लाभ हैं जो आपको योग करने के प्रति आकर्षित कर सकते हैं। रोजाना योग, तनाव पर नियंत्रण, भरपूर नींद व ऐसा आहार जिसमें नमक की मात्रा कम हो, को लेना उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करने के लिए ही नहीं बल्कि इसे पूरी तरीके से खत्म करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

तो आइये, उच्च रक्तचाप की समस्या को खत्म करने के लिए प्राणायाम और ध्यान की इन योगिक तकनीकों का अभ्यास करें। (कृपया ध्यान दें: इन आसनों और तकनीकों को बहुत सावधानी से और धीरे-धीरे करने की आवश्यकता होती है।)

भस्त्रिका प्राणायाम

आसन करने का तरीका:

1. आरामदायक मुद्रा में बैठें, अपनी पीठ को सीधा करें और अपनी आँखें बंद करें।
2. अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें।
3. श्वास लें और अपने फेफड़ों को हवा से भरें व पूरी तरह से साँस छोड़ें।
4. साँस लेना और साँस छोड़ना 1:1 के अनुपात में किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप 6 बार सांस लेते हैं, तो आपको 6 बार ही साँस छोड़ना चाहिए।

अवधि: आप दिन में पांच मिनट के लिए इस श्वास तकनीक का अभ्यास करके शुरू कर सकते हैं और धीरे-धीरे समय के साथ इसे बढ़ा सकते हैं।

भस्त्रिका प्राणायाम के लाभ:

  •  पूरे शरीर को साफ करता है और टोक्सिन जैसे पदार्थों को बाहर निकालता है।
    फेफड़ों की श्वास क्षमता में सुधार करता है।
    शरीर में अतिरिक्त वसा को कम करता है।
    पाचन को बढ़ाता है।
    नर्वस सिस्टम को नियंत्रित करता है।
    रक्त को शुद्ध करता है।
    शरीर को स्फूर्ति देता है और आलस कम करता है।

भ्रामरी प्राणायाम

आसन करने का तरीका:
1. आरामदायक मुद्रा में बैठें, अपनी पीठ को सीधा करें और अपनी आँखें बंद करें।
2. अपने अंगूठे को कान का ट्रेगस पर रखें, बाहरी फ्लैप आपके कान पर।
3. अपनी तर्जनी उंगलियों को अपने माथे पर, अपनी मध्य उंगली को आंख के आंतरिक कोनों पर रखें और उंगलियों को अपने नासिका के कोनों पर रखें।
4. श्वास लें और अपने फेफड़ों को हवा से भरें। जैसे-जैसे आप सांस छोड़ते हैं, धीरे-धीरे मधुमक्खी की तरह गूंजने वाली आवाज करें।
5. अपना मुंह पूरे समय बंद रखें और महसूस करें कि आपके पूरे शरीर में ध्वनि का कंपन फैल रहा है।

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भ्रामरी योग काफी लाभदायक है, पर ध्यान रहे कि इसे बहुत सावधानी से करना है। फोटो: शटरस्टॉक

अवधि: आप दिन में पांच मिनट के लिए इस श्वास तकनीक का अभ्यास करके शुरू कर सकते हैं और धीरे-धीरे समय के साथ इसे बढ़ा भी सकते हैं।

भ्रामरी प्राणायाम के लाभ:

मन को शांत करता है और शरीर का कायाकल्प करता है।
स्वाद और सुगंध के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाता है।
तनाव और चिंता से छुटकारा दिलाता है।
गले की बेचैनी का इलाज करता है।
रक्तचाप को संतुलित करता है।
एकाग्रता में सुधार करता है।

सुपर पावर मेडिटेशन

यह एक ऐसा अभ्यास है जो आपके शरीर को काफी हद तक प्रभावित करता है जिससे आपका शरीर खुद को ठीक कर सकता है। ध्यान तकनीक आपके मनोदशा में सुधार कर सकती है, आपके मन को शांत कर सकती है और आराम करने में आपकी मदद कर सकती है।

इसका अभ्यास करने के लिए:
1. अपने पैरों के साथ फर्श पर बैठें और अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें। जैसे: एक पर्वत के ऊपर एक त्रिकोण के आकार में बैठना है।
2. इस स्थिति में, आपको अपने सीने में एक रिवर्स त्रिकोणीय ढाल की कल्पना करने की आवश्यकता है और फिर ध्यान करें।
3. ध्यान प्रक्रिया के दौरान, आपके द्वारा ली गई प्रत्येक श्वास आपको दुनिया की सभी ऊर्जाओं के स्वागत की अनुमति देती है। और, जैसे ही आप साँस छोड़ते हैं आप अपने भीतर से अवांछित टॉक्सिन पदार्थों, दुखों और नकारात्मकता को छोड़ते हैं।

योग शरीर और मन के लिए एक सर्वांगीण समाधान हो सकता है। योग सम्पूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है, याददाश्त को बढ़ाता है और हर मामले में आपके उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।

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