योग एक ऐसी साधना है, जो तन और मन को संतुलित कर विभिन्न मुद्राओं से इंद्रियों को अपने वश में करने में मदद करतh हैं। इसके अभ्यास से शरीर न केवल रोग मुक्त होने लगता है बल्कि इससे मन को शांति और सुकून की भी प्राप्ति होती है। चित्त को एकाग्र करने में मददगार योग मुद्राओं का नियमित अभ्यास बेहद आवश्यक है। जानते हैं योग के प्रकार और योग सूत्र का महत्व।
जर्नल ऑफ फिजिकल एक्टिविटी एंड हेल्थ के मुताबिक ब्रेन हेल्थ को मज़बूत बनाने के लिए दिनभर में 20 मिनट योगाभ्यास करना आवश्यक है। इससे मेंटल हेल्थ को मज़बूती मिलती है और विचारों में स्थिरता आने लगती है।
भारत की संस्कृति का अटूट हिस्सा योग आधुनिक जीवनशैली के लिए बेहद उपयोगी है। इसके अभ्यास से मन के अंदर उत्साह और तन में एनर्जी का प्रवाह बढ़ जाता है। इसी के मद्देनज़र हर साल लोगों को योग के प्रति जागृत करने के लिए विश्व योग दिवस मनाया जाता है। इस साल मनाए जाने वाले विश्व योग दिवस 2024 की थीम योगा फॉर सेल्फ और सोसायटी है।
जीवन को संतुलित करने के मनाए जाने वाले योग के बारे में योगाचार्य सौम्या चावला बताती हैं कि दिनभर में कुछ मिनट से लेकर 1 घंटा किया जाने वाला योग बाकी 23 घंटों तक मस्तिष्क को एक्टिव रखता है और शरीर को तनाव मुक्त रखने में मदद करता है। इससे व्यक्ति के बॉडी पोश्चर के अलावा व्यवहार में भी परिवर्तन महसूस होने लगता है। योग से पहले शरीर को ट्यून करना आवश्यक है। इसके लिए आंखें बंद कर लें और सभी प्रकार के विचारों से मुक्त हो जाएं।
तन और मन में संतुलन बैठाले वाले विन्यास योग को फ्लो योग भी कहा जाता है। चार योग क्रियाओं के इस समूह में कुंभकासनए अष्टांग नमस्कारए भुजंगासन और अधोमुख शवासन का अभ्यास किया जाता है। इसके नियमित अभ्यास से मानसिक स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है और शरीर भी रोगमुक्त रहता है। इसके अभ्यास से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है और तनाव से राहत मिलने लगती है।
इसके निरंतर अभ्यास से मेंटल हेल्थ बूस्ट होती है और किसी कार्य को करने के लिए फोकस भी बढ़ने लगता है।
शरीर के पोश्चर में आने वाले बदलाव में बेहद लाभकारी सिद्ध होता है। इससे शरीर में स्टेमिना बिल्ड होने लगता है।
ब्लड सर्कुलेशन को स्टीम्यूलेट करने में भी विन्यास योग की विशेष भूमिका है। इससे ऑक्सीजन का प्रवाह शरीर में बढ़ता है।
इससे मसल्स स्ट्रेच होते हैं, जिससे शरीर का लचीलापन बढ़ जाता है और उम्र से पहल बढ़ने वाले दर्द की रोकथाम की जा सकती है।
शरीर पर नियंत्रण करके मन को संतुलित इच्छाओं की ओर अग्रसर करना हठयोग है। इस प्राचीन योग पद्धति का मकसद शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखना है। शारीरिक मुद्राओं की मदद से शरीर एक्टिव रहता है और मन शांत हो जाता है। इसकी मदद से शरीर को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। आध्यात्मिक साधना के लिए हठ योग का प्रयोग किया जाता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंरोज़ाना इसका प्रयास करने से इम्यून सिस्टम बूस्ट होने लगता है।
पीठ में बढ़ने वाले दर्द से राहत मिलती है और पोश्चर में सुधार आने लगता है।
तनाव से राहत मिल जाती है और रोजमर्रा के जीवन में बढ़ने वाली मूड विकारों की समस्या भी हल होने लगती है।
शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ जाता है और त्वचा संबधी समस्याएं हल होने लगती है।
इसका अभ्यास गर्म कमरे के भीतर किया जाता है। जहां का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस और 40 फीसदी आद्रता के साथ किया जाता है। इससे शरीर में लचीलापन बढ़ता है और मांसपेशियों के विकास में मदद मिलती है। गर्म वातावरण में स्ट्रेचिंग करने से शरीर तनाव मुक्त होने लगता है और शरीर में बढ़ने वाली स्टिफनेस को दूर करने में मदद मिलती है। इसे फैट बर्नर योग भी कहा जाता है। हॉट योग 26 योगासनों का समूह है, जिसमें 24 आसन और दो प्राणायम शामिल किए जाते हैं।
वेटलॉस यात्रा में इन योगासनों को शामिल करने से चर्बी को बर्न करने में मदद मिलती है।
इसके नियमित अभ्यास से शरीर में लचीलापन बढ़ जाता है और शरीर में बढ़ने वाले दर्द से राहत मिलती है।
इसके अलावा कोशिकाओं में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ जाता है। इससे शरीर में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसेगुड हार्मोन रिलीज़ होते हैं।
शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे आलस्य और कमज़ोरी से राहत मिलने लगती है। शरीर एक्टिव रहता है।
अष्ट और अंग से मिलकर बने अष्टांग योग में आठ अंगों को मिलाकर किया जाता है। इसमें योग के आठ आयामों का अभ्यास किया जाता है। यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, विषय, धारणा, ध्यान और समाधि को एकीकृत किया जाता है। इससे शारीरिक शक्ति बढ़ने के साथ मानसिक स्पष्टता को भी बल मिलता है। साथ ही पूर्ण कल्याण की प्राप्ति होती है। योग मुद्राओं को क्रम से किए जाने के कारण शरीर को कई प्रकार के फायदे मिलते हैं। इन्हें करने में 1 घंटा 30 मिनट का समय लगता है। इसमें 3 चीजों पर फोकस किया जाता है, जिसमें सांस लेना, छोड़ना और दृष्टि महत्वपूर्ण है।
इसके नियमित अभ्यास से मन को शांति और शुद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा फोकस बढ़ने लगता है।
इससे टांगों की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है और मांसपेशियों का विकास भी होने लगता है।
रक्त का प्रवाह नियमित हो जाता है, जिससे ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। इससे शरीर में तनाव का स्तर कम होने लगता है।
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