ज्यादातर लोग सिर्फ इतना जानते हैं कि योगासन करने से दिल स्वस्थ रहता है। हालांकि योग स्वस्थ जीवनशैली का महत्वपूर्ण अंग है। पर वास्तविकता यह है कि योग हर बीमारी का इलाज नहीं है। इसकी भी कुछ सीमाएं होती हैं। सभी योगा पोज सांस लेने के व्यायाम के साथ ही होते हैं। इसलिए आपके श्वसन तंत्र को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिलता है। योग ब्लड सर्कुलेशन को भी व्यापक तरीके से प्रभावित करता है। जो कभी कभार दिल के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आप अपने हृदय स्वास्थ्य का ठीक से ख्याल रख सकें, इसलिए आज हम उन योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हृदय रोगियों को नहीं करने चाहिए।
असल में, योग से जुड़े ऐसे कई सवाल हैं, जो आजकल कार्डियोलॉजिस्ट से बड़े स्तर पर पूछे जा रहे हैं। यदि आप दिल के मरीज हैं और योग करते हैं, तो आपको इन सवालों के जवाब जानना बहुत जरूरी है। तो चलिए आज हम आपको ऐसे प्राणायाम के बारे में बताएंगे, जिसे किसी भी दिल के मरीज को करने से बचना चाहिए।
डॉ. सुधांशु शेखर परिदा, कार्डियक साइंसेज, मैक्स हेल्थ केयर हॉस्पिटल मानते हैं कि योग हृदय की सभी समस्याओं का समाधान है। हम सभी कुछ ऐसे आसनों का अभ्यास करते हैं जो हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं। पर आपको यह भी समझना होगा कि योग सभी हृदय रोगों का इलाज नहीं है और इसकी अपनी सीमाएं हैं।
डॉ. परिदा के मुताबिक, आपको ऐसे पोज़ से बचना चाहिए, जो आपके दिल पर अधिक दबाव डालें। उल्टे पोज़ से बचने का प्रयास करें, क्योंकि हृदय आपके पैरों और हाथों को आपूर्ति करने के लिए गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध रक्त पंप करता है, जिससे हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है।
इस मुद्रा के लिए बहुत ताकत और एक संतुलित श्वास पैटर्न की जरूरत होती है, जो आपके दिल पर बहुत अधिक दबाव डाल सकती है। जिससे हृदय तेजी से रक्त पंप कर सकता है। इस प्रकार हृदय को अधिक पंप करना हार्ट डिजीज (Heart disease risk) को और अधिक बढ़ा सकता है।
इस आसन का अभ्यास करने के लिए, आपको अपनी पीठ के बल लेटना होगा और अपने हाथों द्वारा समर्थित पैरों और कूल्हों को उठाना होगा। जिन लोगों को दिल के दौरे का जोखिम होता है, उन्हें इस मुद्रा से पूरी तरह से बचना चाहिए। यह आपके शरीर पर ब्लड को निचले शरीर में प्रसारित करने के लिए दबाव डाल सकता है। इससे ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ सकता है, जो कि दिल से मरीजों के लिए नुकसानदेह है।
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यह एक उलटी मुद्रा है, जो हृदय को गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध ब्लड पंप करके उसे निचले शरीर में दबाव बनाने के लिए मजबूर करती है। गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध ब्लड पंप करना हार्ट के लिए बिलकुल भी सहीं नहीं है। साथ ही ये सीने में दर्द उठने का खतरा भी पैदा कर सकता है। इसलिए हार्ट के मरीज को इस योग को करने से बचना चाहिए।
यह योग मुद्रा भी आपके निचले शरीर को ब्लड सर्कुलेट करने के लिए कारगर है। ये योग गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ रक्त को प्रसारित करने की वजह बनता है। जिससे अंग पर दबाव बढ़ता है। यह हृदय की तरफ रक्त की मात्रा भी बढ़ा सकता है, जो कि जोखिम से भरा हुआ है।
इस आसन में आपको अपने कंधों पर खड़े होकर, ऊपरी शरीर पर पूरी तरह से दबाव डालना होता। जब आप इस मुद्रा में होते हैं, तो आपके हृदय को रक्त के प्रसार के लिए गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जो दिल पर अधिक दवाब डालता है।
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बीएमआई चेक करेंडॉ. सुधांशु शेखर सुझाव देते हैं कि दिल के मरीज को इस तरह के सभी योगासन को करने से बचना चाहिए, जिससे आपके दिल पर दवाब पड़े। साथ ही आपको उन योगासनों को करने से भी बचना चाहिए, जो आपके ब्लड सर्कुलेशन और ब्लड प्रेशर को इस प्रकार से प्रभावित करें कि इसका दबाव आपके दिल पर अधिक हो। ऐसे में सही तरीका यही है कि दिल के मरीज किसी भी योगासन को करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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