आपका बॉडी पोस्चर आपकी पर्सनालिटी को दर्शाता है। कोविड के बाद वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन स्टडी कल्चर की वजह से हम सभी के पोस्चर पर बेहद नकारात्मक असर पड़ा है और यह पूरी तरह से बिगड़ चुकी है। बैठने और खड़े होने के वक्त हमारा शरीर किस आकार में होता है उसे हम पोस्चर कहते हैं। एक अच्छे पोस्चर में रहना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आपके स्केलेटन, मसल्स, लिगामेंट सभी स्थिर और स्थाई रहते हैं।
लगातार गलत पोस्चर में रहने के कारण हमारी रीढ़ की हड्डियों पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है। ऐसे में कमर, गर्दन दर्द और अन्य शारीरिक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए एक अच्छा पोस्ट मेंटेन करना बेहद महत्वपूर्ण है।
भारतीय योग इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर हंसा जी योगेंद्र ने हेल्दी पोस्चर मेंटेन करने के लिए कुछ प्रभावी टिप्स दिए हैं। तो चलिए जानते हैं हम सभी आखिर किस तरह एक सही पोस्चर बनाए रख सकते हैं (how to improve posture)।
1. बैठते हुए अपने एक पैर को दूसरे पैर पर ना चढ़ाएं ऐसा करने से आपके एक पैर की मांसपेशियों ओवरस्ट्रेस हो सकती हैं लंबे समय तक इस प्रकार का पोस्टर मेंटेन करने से आपके स्पिन की एलाइनमेंट बदल सकती है
2. लो सीटेड सोफा और अधिक मुलायम कुर्सी, काउच आदि पर लंबे समय तक नहीं बैठें, कुछ देर तक रिलैक्स करने में कोई बुराई नहीं है।
3. सोते वक्त पतले मुलायम तकिए का इस्तेमाल करें जिससे कि आपकी गर्दन का पोस्चर बना रहे।
4. भारी सामान उठाते वक्त अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। ध्यान रहे कि आप वजन का भार अपने दोनों शरीर पर सामान्य रूप से दे रही हों। लगातार शरीर के एक ओर अधिक भार देने से कंधे और कमर के निचले हिस्से का पोस्चर बिगड़ सकता है।
5. यदि आप छोटे बच्चे की मां हैं और अपने बच्चे को गोद में कैरी करती हैं, तो उनके पोस्चर के साथ-साथ अपने बॉडी पोस्चर का भी ध्यान रखें। रीढ़ की हड्डियों को सीधा रखने की कोशिश करें और लंबे समय तक एक ही हाथ से बच्चे को पकड़े न रहें।
1. ऑफिस में बैठते वक़्त अपनी रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखें और अपने टखनों को सतह पर पूरी तरह से फ्लैट रखें। अपने कमर और घुटनों को एक सामान्य लेवल में रखने की कोशिश करें।
2. यदि आप लंबे समय तक बैठी रहती हैं तो अपनी पीठ को अपने चेयर के पिछले हिस्से से सपोर्ट दें, परंतु ध्यान रहे कि उस दौरान भी आपकी रीढ़ की हड्डियां बिल्कुल सीधी हों। इसके लिए आप टॉवल या मार्केट में मौजूद अन्य कंफर्ट पिलो का इस्तेमाल कर सकती हैं।
3. लंबे समय तक झुक कर ना बैठे खासकर ज्यादातर लोग लैपटॉप और डेस्कटॉप का इस्तेमाल करते हुए रीड की हड्डियों को झुका लेते हैं तो इस बात का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है इसके साथ ही एक उचित समय के गैप पर बॉडी मूवमेंट जरूरी है इसलिए जब भी समय मिले कुछ देर वॉक करें।
4. यदि आप कॉलिंग का काम करती हैं और इस दौरान बार-बार टेलीफोन का इस्तेमाल होता है, तो फोन स्ट्रेन का खतरा बना रहता है। अपने कंधे पर टेलीफोन लगाकर लंबे समय तक बात करने से आपके गर्दन और कंधों में ट्विस्ट आ सकता है। इसके लिए आप हेडसेट का इस्तेमाल करें।
5. यदि आपका काम भारी सामान उठाने से संबंधित है, तो ऐसे में यह समझना बेहद महत्वपूर्ण है कि आखिर सामान उठाने का सही तरीका क्या है। किसी भी पोजीशन में किसी भी पोस्चर में सामान कैरी करने से बचें।
यह एक्सरसाइज चेस्ट को स्ट्रेच करता है और आपकी बाजुओं को खोल देता है। यह आपके शोल्डर को चौड़ा करते हुए आपके बॉडी पोस्चर में सुधार करता है।
दोनों हाथों को पीछे की ओर लेकर जाएं और अपने हाथों को नमस्ते पोजीशन में एक साथ जोड़ लें।
अब अपने शरीर को कमर के पास से बिल्कुल सीधा रखते हुए आगे की ओर झुकाए। बॉडी को फर्श के बिल्कुल पैरेलल रखें।
कुछ देर तक इस मुद्रा में बनी रहें, उसके बाद सामान्य मुद्रा में वापस आ जाए।
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सेतुबंध का अर्थ है सेतु का बनना। यह आसन लोअर बैक मसल्स कोई स्ट्रेच करता है और रिलैक्स रखता है। ऐसे में आपकी बैठने की मुद्रा में सुधार आता है साथ ही जब आप खड़ी होती हैं, तो कमर के पास से झुकाव महसूस नहीं करती।
फर्श पर लेट जाएं और अपने घुटनों को मोड़ ले, टखने से सतह पर पकड़ बनाए रखें।
इस दौरान दोनों हाथों को अपने अगल-बगल बिल्कुल सीधा रखें।
धीरे-धीरे अपने नितंबों और धड़ को ऊपर की ओर उठाएं।
अपने शरीर को एक पुल का आकार देना है।
सामान्य श्वास के साथ 10-30 सेकेंड तक इस स्थिति में बनी रहें।
आपको केवल कंधे और सिर को फर्श के संपर्क में रखना है।
फिर सांस छोड़ते हुए, धीरे-धीरे मूल स्थिति में वपास लौट आएं।
यह योगासन आपकी लोअर बैक को मजबूती प्रदान करता है। इसका नियमित अभ्यास आपके बैठने के पोस्चर को स्थापित करने में मदद करता है। साथ ही यह रीढ़ की हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद है।
बिल्कुल सीधी खड़ी हो जाएं और इस दौरान अपनी रीढ़ की हड्डियों को पूरी तरह से सीधा रखने की कोशिश करें।
सांस को अंदर लें और दोनों हथेलियों को ऊपर की ओर उठाते हुए एक दूसरे से जोड़ लें।
सांस को बाहर छोड़ें फिर सांस अंदर लें और अपनी एड़ियों को उठाएं।
साथ ही अपने हाथों को भी ऊपर की ओर स्ट्रेच करें।
इस मुद्रा में कुछ देर तक बनी रहे और सामान्य सांस लेती रहें।
अब अपनी एड़ियों को नीचे रखें, 10 सेकंड का गैप लें और इसे फिर से दोहराएं।
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