क्रंचेस या V-अप्‍स : हमने पता लगाया, बैली फैट घटाने के लिए क्‍या है बेहतर

अगर आप भी बेली फैट घटाने की बेस्ट एक्सरसाइज ढूंढ रही हैं, तो हम आज आपके सारे सवालों का जवाब देते हैं।
चाहिए अगर फ्लैट बेली तो योग है एक अच्छा विकल्प। चित्र- शटर स्टॉक।
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 13:50 pm IST
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जब बात आती है फ्लैट बेली की, तो हमने क्रंचेस की भी बहुत तारीफ सुनी है और V अप्स की भी, लेकिन इन दोनों में से किसी एक को चुनना हो तो हम क्या करेंगे? यह चुनाव मुश्किल है। तो हमने पता लगाने की कोशिश की कि कौन सी एक्सरसाइज बेहतर है।

जानते हैं क्रंचेस के फायदे

पहले बात करते हैं उस एक्सरसाइज की जो जितनी कॉमन है उतनी ही असरदार भी।

क्रंचेस आपके एब्‍स को बिल्‍डअप करते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

फोकस- क्रंचेस का मुख्य केन्द्र अपर ऐब्स होते है।

असर- यह अपर ऐब्स को टोन करता है, बॉडी को शेप देता है और बेली फैट बर्न करता है।

कैसे करें– मैट पर पीठ के बल लेटें और घुटनों को मोड़ लें। हाथों को सर के पीछे रखें और अपर बॉडी को उठाएं। आपको कोर मसल्स में तनाव महसूस होगा, कुछ सेकंड होल्ड कीजिये और वापस शुरुआती पोजीशन में आ जाइये।
25 रेपेटीशन के 4 सेट्स करें।

ये गलतियां न करें- जल्दी-जल्दी क्रंचेस करने का फायदा कम होता है। जितना होल्ड करेंगी, उतना फायदा होगा।
साथ ही सर को सीधा रखें और कोर मसल्स से ही सारा मूवमेंट करें।

क्रंचेस की कमियां-

मुंबई बेस्ड फि‍टनेस और वेलनेस कोच रुचिका राय बताती हैं कि क्रंचेस करना काफी नहीं होता, क्योंकि अधिकतम फैट हमारे लोअर एब्डोमेन में होता है जिस पर इस एक्सरसाइज का कोई असर नहीं पड़ता।
इसलिए क्रंचेस करना फ्लैट बेली के लिए काफी नहीं है।
साथ ही गलत तरह से क्रंचेस करने से गर्दन और पीठ में दर्द भी हो सकता है।

V-अप्सस के फ़ायदे

फोकस-  V-अप्स का मुख्य फोकस अपर और लोअर ऐब्स पर बराबर होता है।
असर-  V-अप्सस करने से दो एक्सरसाइज के फायदे एक साथ मिलते हैं- क्रंचेस और लेग रेज़स। इसलिए V-अप्सर क्रंचेस से बेहतर होता है।
कैसे करें-   मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। पैर सीधे रखें। सांस छोड़ते हुए अपर बॉडी और पैरों को साथ में उठाएं और V का शेप बनाएं। पीठ सीधी रखें। 5 सेकंड होल्ड करें और सांस लेते हुए वापस लेट जाएं।
20 रेपेटीशन के 4 सेट करें।

V-अप बेली फैट को काटने में मदद करता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

ये गलतियां न करें-   इस एक्सरसाइज में सबसे जरूरी है पोज़ को होल्ड करना। कम से कम 3 सेकंड के लिए पोज़ को होल्ड करें वरना रिजल्ट नहीं मिलेंगे।

V-अप्स की कमियां

इस एक्सरसाइज में सिर्फ एक सावधानी बरतनी होती है, अगर आपने पीठ सीधी नहीं रखी, तो आप खुद को चोट मार सकते हैं।
क्या है निष्कर्ष
जैसा कि आप समझ ही गए होंगे, V-अप्सं ही बेहतर है। जर्नल ऑफ स्ट्रेन्थ एंड कंडीशनिंग रिसर्च की एक स्टडी के अनुसार 6 हफ़्तों तक अगर आप V-अप के 10 रेपेटीशन के 2 सेट रोज़ाना करती हैं तो आपको अपने बेली में बड़ा अंतर नज़र आएगा।

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अब तो हमने आपके लिए यह चॉइस और आसान कर दी है। V-अप्स को अपने एक्सरसाइज में शामिल कीजिये और पाइए फ्लैट बेली।

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