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सुबह या शाम : अपनी जरूरतों के हिसाब से जानिए आपको कब करना चाहिए व्यायाम

सुबह सनलाइट के साथ और शाम को सनसेट के बाद, दोनों ही वक्त आपका शरीर अलग-अलग तरह से रिएक्ट करता है। जिस तरह खाने का सही समय पता होना जरूरी है, उसी तरह अपनी आवश्यकताओं के अनुसार ही आपको वर्कआउट का टाइम चुनना चाहिए।
Published On: 30 May 2024, 05:00 pm IST
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एक्सरसाइज के लिए समय निकालना व्यस्त शेड्यूल और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के चलते एक बहुत बड़ा संघर्ष होता है। चित्र : शटरस्टॉक

कुछ लोग अर्ली राइजर होते हैं और वे सुबह जल्दी उठकर एक्सरसाइज करना पसंद करते हैं। जबकि कुछ के लिए नाइट आउल या निशाचर शब्द इसलिए इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि सनसेट के बाद ज्यादा कम्फर्टेबल और एनर्जेटिक महसूस करते हैं। लेकिन क्या समय का व्यायाम के परिणामों पर कोई प्रभाव पड़ता है? क्या कोई एक निश्चित समय आपके व्यायाम के प्रभावों को घटा या बढ़ा सकता है? जवाब है हां, जानना चाहते हैं कैसे, तो इस लेख को अंत तक पढ़ें।

वर्कआउट टाइम के लिए किया गया शोध

फ्रंटियर में दिन के कुछ खास समय में ट्रेनिंग को फिट करने के लाभ को निर्धारित करने के लिए, एक छोटे से अध्ययन में 27 सक्रिय महिलाओं और 20 पुरुषों को लिया गया और 12 सप्ताह के दौरान उनकी फिटनेस प्रगति को देखा गया।

प्रतिभागियों ने एक ही बेसलाइन फिटनेस स्तर से शुरुआत की। अध्ययन ने ताकत की प्रगति, पेट की चर्बी घटाने और अन्य स्वास्थ्य संकेतकों के विभिन्न उपायों की निगरानी की। शोधकर्ताओं ने यह सुनिश्चित किया कि प्रतिभागियों ने एक समान मैक्रोन्यूट्रिएंट वाले डाइट का पालन किया हो।

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अपने शरीर को समझकर आप अरने वर्कआउट का समय निर्धारित कर सकते है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

क्या रहे सुबह व्यायाम करने के लाभ

सक्रिय लोगों के इस अध्ययन में, महिला प्रतिभागियों ने सुबह 6 से 8 बजे के बीच अपनी स्ट्रेंथ ट्रेनिग को पूरा किया। इसमें जंप स्क्वाट जैसे व्यायामों से निचले शरीर की शक्ति में सुधार हुआ, बल्कि कूल्हे और पेट की चर्बी में भी कमी देखी गई।

अध्ययन में स्पष्ट बताया गया कि शरीर के वजन में बदलाव न होने पर भी शरीर की संरचना में ये अनुकूल परिवर्तन हुए, इस बात को भी समझना जरूरी है।

मूड और अपर बॉडी पर काम करता है ईवनिंग वर्कआउट

शाम को वर्कआउट 6:30 से 8:30 बजे करने के मामले में, इस समूह की महिला प्रतिभागियों को ऊपरी शरीर की ताकत, शक्ति और सहनशक्ति बढ़ाने में बेहतर सफलता मिली।

शारीरिक संरचना के संदर्भ में, शाम को व्यायाम करने वाली महिलाओं ने भी कुल शरीर की वसा में कमी का अनुभव किया, लेकिन सुबह की कसरत करने वाली महिलाओं की तुलना में ये थोड़ा कम था।

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इसके बजाय, उन्हें समग्र मांसपेशियों की वृद्धि में बेहतर सफलता मिली, जिसे फिटनेस लक्ष्यों को देखते समय ध्यान में रखना उपयोगी हो सकता है। अध्ययन में देखा गया कि, शाम को व्यायाम करने से ऊपरी शरीर की मांसपेशियों के प्रदर्शन में सुधार हो सकता है, और संभवतः मूड में सुधार हो सकता है।

पुरुषों के लिए, जिन्होंने शाम को व्यायाम किया, उन्होंने सुबह के फिटनेस ग्रुप के समान शरीर की संरचना में समान परिवर्तन का अनुभव किया, लेकिन शाम को व्यायाम करने से ब्लड प्रेशर में अधिक महत्वपूर्ण कमी आई।

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ट्रेनिंग सेशन में कम से कम एक बार स्वयं नियमित रूप से कुछ मिनटों के लिए वार्मअप वर्कआउट करें। चित्र- अडोबी स्टॉक

वेट लॉस के लिए कब करें वर्कआउट?

कई लोगों के लिए, एक्सरसाइज के लिए समय निकालना व्यस्त शेड्यूल और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के चलते एक बहुत बड़ा संघर्ष होता है। लेकिन शोध से पता चलता है कि आपके व्यायाम की दिनचर्या का समय वास्तव में आपके वजन घटाने की गति को प्रभावित कर सकता है।

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यह केवल व्यक्तिगत पसंद के बारे में नहीं है, यह सर्कैडियन रिदम से भी संबंधित है, जिसे हमारी आंतरिक घड़ियों के रूप में भी जाना जाता है। प्रकाश और अंधेरे से प्रभावित ये जैविक चक्र मेटाबॉलिज्म और ऊर्जा के स्तर सहित विभिन्न शारीरिक कार्यों को व्यवस्थित करते हैं।

हमारी सर्कैडियन रिदम इस बात में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं कि हमारा शरीर पूरे दिन ऊर्जा का उपयोग कैसे करता है। इस रिदम को समझकर, हम बेहतर वजन प्रबंधन के लिए अपने वर्कआउट को संभावित रूप से अनुकूलित कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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