चंद्र नमस्कार (Moon Salutation) दो शब्दों से मिलकर बना है, ‘चंद्र’ का अर्थ है ‘चंद्रमा’ और ‘नमस्कार’ का अर्थ है ‘नमस्कार करना’। चंद्र नमस्कार का अभ्यास सूर्य नमस्कार की तरह किया जाता है। आसनों का क्रम सूर्य नमस्कार के समान है। चंद्र नमस्कार में अर्ध चंद्रासन (Half Moon Pose) अश्व संचलानासन (Ashwa Sanchalanasana or Horse riding pose) के बाद किया जाता है।
अर्ध चंद्रासन एक महत्वपूर्ण आसन है। यह एकाग्रता और संतुलन विकसित करता है। शुरुआत में चंद्र नमस्कार सूर्य नमस्कार की तुलना में अधिक कठिन लग सकता है। इसमें श्वास लेना, छोड़ना और सांस रोकना सभी क्रम में लंबे समय तक चलते हैं। चंद्र नमस्कार पूरे शरीर को फायदा (moon salutation benefits) पहुंचाता है।
चंद्र नमस्कार का अभ्यास शाम या रात में बढ़िया तरीके से किया जाता है। खासकर जब चंद्रमा दिखाई दे। यह जरूरी है कि इन आसनों का अभ्यास करने से पहले पेट खाली हो।
27 नवंबर 2023 को कार्तिक पूर्णिमा है। इस दिन फुल मून (Full Moon) रहता है। चंद्रमा की रोशनी या चांदनी भी स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से लाभप्रद है। फुल मून में ध्यान-योग करने से तनाव दूर (moon salutation benefits) होता है। मन रिलैक्स होता है और शांति मिलती है।
मून सेलूटेशन यानी चंद्र नमस्कार (moon salutation benefits) आपको ऊर्जा से भरपूर बना सकता है। स्ट्रेस में होने या मन में किसी प्रकार की उथल-पुथल होने पर यह दिमाग को शांत करता है। यह मन और तन दोनों को आराम और सुकून प्रदान करता है। चंद्र नमस्कार रीढ़, हैमस्ट्रिंग, पैरों के पिछले हिस्से और पेट की मांसपेशियों में भी खिंचाव और मजबूती लाता है। यह ब्लड सर्कुलेशन, श्वसन और पाचन तंत्र के कामकाज को भी संतुलित करता है।
सांस छोड़ें। पैरों को मिलाकर और आंखें बंद करके सीधे खड़े हो जाएं। अपनी हथेलियों को नमस्कार मुद्रा में अपनी छाती के सामने एक साथ रखें। पूरे शरीर को आराम दें।
सांस लें। बाजुओं को कंधे की चौड़ाई से दूर रखते हुए सिर के ऊपर उठाएं। भुजाओं, सिर और धड़ को थोड़ा पीछे की ओर झुका लें। कमर में दर्द हो तो पीछे न झुकें। केवल धड़ को सीधा रखते हुए बाजुओं को ऊपर उठाएं।
सांस छोड़ें। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए हिप्स से आगे की ओर झुकें। उंगलियों या हथेलियों को पैरों के दोनों ओर मैट को छूते हुए लाएं। माथे को घुटनों के करीब लाएं। ज्यादा स्ट्रेस नहीं लें। हैमस्ट्रिंग टाइट होने पर शुरुआत में घुटनों को थोड़ा मोड़कर रखें।
सांस लें। दोनों हथेलियों को पैरों के बगल में चटाई पर रखें। दाहिने पैर को पीछे की ओर उतना फैलाएं जितना आरामदायक हो। एक ही समय में बाएं घुटने को मोड़ें। बायां घुटना और टखना एक दूसरे के ऊपर टिका होना चाहिए। हाथ या उंगलियों के सिरे चटाई को छू रहे हों। थोड़ा पीछे झुकें या सीधे देखते रहें।
सांस लें। अश्वसंचालन मुद्रा को बनाए रखते हुए बाहों को ऊपर उठाएं। सिर के ऊपर फैलाएं। पीठ को मोड़ें और ऊपर देखें। उंगलियों के सिरे से लेकर पैर की उंगलियों के सिरे तक एक हल्का सा वक्र है, जो अर्धचंद्र के समान है। थोड़ी देर के लिए इस मुद्रा में बने रहें।
सांस रोकें। हथेलियों को पैरों के दोनों ओर फर्श पर वापस लाएं। बाएं पैर को दायें पैर के पास वापस लाएं। ध्यान दें कि पैर, नितंब और धड़ एक पंक्ति में हों। कंधे और कलाइयां फर्श से लंबवत एक दूसरे के ऊपर टिकी होनी चाहिए। दृष्टि सामने बनाए रखें।
सांस छोड़ें। हथेलियों और पैरों को जहां वे हैं, वहीं रखते हुए घुटनों, छाती और ठुड्डी को एक साथ चटाई पर रखें। कोहनियों को मोड़कर छाती के करीब रखें। कूल्हे और पेट चटाई से ऊपर उठे रहें। पहले घुटनों को नीचे करें, फिर छाती और ठुड्डी को।
सांस छोड़ें। हाथों और पैरों को उसी स्थान पर रखते हुए सरकाएं और छाती को ऊपर उठाएं। कोहनियां थोड़ी मुड़ी हुई हों। कंधे स्थिर और गर्दन से दूर रहें। सिर को पीछे झुकाएं। सर्वाइकल संबंधी समस्या होने पर सिर को पीछे की ओर न झुकाएं।
सांस छोड़ें। हाथों और पैरों को एक ही स्थिति में रखें। बैक को ऊपर उठाने और एड़ियों को चटाई पर नीचे करने के लिए हाथ की ताकत का उपयोग करें। हाथों और पैरों को सीधा रखते हुए और पर्वत का आकार लेते हुए स्पाइन को लंबा करें। आर्म कंधे की चौड़ाई से अलग हों और पैर एक-दूसरे के करीब हों।
सांस लें। दायें पैर को हाथों के बीच आगे लायें। बाएं घुटने को एक साथ चटाई पर नीचे करें। पेल्विस को आगे की ओर धकेलें। धड़ को उठाएं। सिर को पीछे झुकाएं या सीधे देखते (moon salutation benefits) रहें।
सांस लें।
सांस छोड़ें।
सांस लें।
सांस छोड़ें।
यह दाहिने पैर से चंद्र नमस्कार की आधी परिक्रमा है। बाकी आधा चक्कर बाएं पैर से किया जाता है। इससे चंद्र नमस्कार (moon salutation benefits) का पूरा एक चक्र बनता है।
आप शुरुआत में चंद्र नमस्कार (moon salutation benefits) के एक या तीन पूर्ण चक्र कर सकती हैं। धीरे-धीरे अपनी क्षमता बढ़ाते हुए राउंड की संख्या बढ़ा सकती हैं।
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