लाइफस्टाइल की इन आदतों पर ध्यान दे कम कर सकती हैं रूमेटाइड अर्थराइटिस का जोखिम

लाइफस्टाइल की आदतों में कुछ जरूरी बदलाव कर के आप इस समस्या के खतरे को कम कर सकती हैं। तो चलिए जानते हैं इस विषय पर थोड़ा विस्तार से।
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रूमेटाइड अर्थराइटिस से बचाव के लिए जीवनशैली में करें ये 5 बदलाव। चित्र : शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 23 Oct 2023, 09:25 am IST
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रूमेटाइड अर्थराइटिस गठिया का एक प्रकार है जो जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न का कारण बनती है। यह एक प्रकार ऑटोइम्यून डिजीज है जिसमें बॉडी इम्युनिटी शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती हैं। ऐसे में जॉइंट पर इसका असर पड़ता है और वे कमजोर हो जाती हैं। जेनेटिक्स, हार्मोनल और एनवायरमेंटल फैक्टर्स के कारण यह समस्या होती है। वहीं आपकी खराब जीवनशैली भी इसके लिए जिम्मेदार है।

संक्रमण, धूम्रपान, शारीरिक और भावनात्मक तनाव इसके लक्षणों को ट्रिगर कर सकती हैं। ऐसा नहीं है कि इस समस्या का निदान मुमकिन नहीं है, कुछ जरूरी चीजों को ध्यान में रखते हुए आप रूमेटाइड अर्थराइटिस को होने से रोक सकती हैं।

भारतीय योगा गुरु, योगा इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर और टीवी की जानी-मानी हस्ती डॉक्टर हंसाजी योगेंद्र ने बताया है कि लाइफस्टाइल की आदतों में कुछ जरूरी बदलाव कर के आप इस समस्या के खतरे को कम कर सकती हैं (how to prevent rheumatoid arthritis)। तो चलिए जानते हैं इस विषय पर थोड़ा विस्तार से।

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ये 5 तरह के आहार बढ़ा सकते हैं जोड़ों में दर्द और सूजन। चित्र शटरस्टॉक।

रूमेटाइड अर्थराइटिस से बचाव के लिए इन स्वस्थ आदतों को अपनाएं

1. डाइट का रखें विशेष ध्यान

हमेशा प्रोटीन और हेल्दी फैट युक्त ताजे खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। ध्यान रहे कि आप उन सभी पोषक तत्वों की उचित मात्रा ले रही हैं, जो आपके शरीर के लिए अनिवार्य हैं। इसके अलावा एंटी इन्फ्लेमेटरी फूड्स का सेवन करें जैसे कि हल्दी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है और आपके जोड़ों को आराम पहुंचाने के साथ ही मूड बूस्टर की तरह काम करती है।

इतना ही नहीं अपने गट हेल्थ को भी बनाए रखने की कोशिश करें, क्योंकि गट हेल्थ खाद्य पदार्थों में मौजूद पोषक तत्वों को हड्डियों में अवशोषित होने में मदद करता हैं और एक खराब गट हड्डियों को कमजोर कर सकता है।

2. नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में भाग लें

शारीरिक स्थिरता आपको तमाम बीमारियों का शिकार बना सकती है। यह न केवल आपकी हड्डियों एवं जॉइंट को प्रभावित करती है, बल्कि आपको मोटापा, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, सहित तमाम लाइफस्टाइल डिसऑर्डर के जोखिम को बढ़ा देती हैं।

अपनी पसंदीदा शारीरिक गतिविधियों में भाग लें, नियमित रूप से जिम जाकर 2 घंटे एक्सरसाइज करना जरूरी नहीं है, अपने बेड से उठे और कुछ देर नियमित रूप से टहलने की आदत बनाए। साथ ही यदि आपको डांसिंग या किसी भी खेल में दिलचस्पी है तो आप उन में भाग ले सकती हैं।

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3. धूम्रपान न करें

जैसा कि आप जानती हैं धूम्रपान का असर समग्र सेहत पर नकारात्मक रूप से पड़ता है। ठीक उसी प्रकार यह आपके जॉइंट और हड्डियों को भी कमजोर बना देती है। यदि आप अर्थराइटिस की समस्या से पीड़ित हैं और स्मोकिंग करती हैं, तो यह जॉइंट पेन को ट्रिगर कर सकता है। एक्सपर्ट स्मोकिंग से पूरी तरह से परहेज रखने की सलाह देती हैं।

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शराब को छोड़ना आसान नहीं है। मगर कुछ आसान तरीकों से आप अपनी बॉडी को डिटॉक्सिफाई कर सकते हैं। चित्र एडॉबीस्टॉक।

4. सीमित रखें शराब का सेवन

यदि आप शराब का सेवन करती हैं, तो इसकी मात्रा का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। एक सीमित मात्रा में शराब पिएं और इसकी फ्रीक्वेंसी का भी ध्यान रखें। शराब का अधिक सेवन डिहाइड्रेशन का कारण बनता है जिसकी वजह से ज्वाइंट लुब्रिकेशन पर असर पड़ता है और जोड़ों का दर्द ट्रिगर हो सकता है।

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साथ ही शराब इम्यूनिटी को भी प्रभावित करती है। यदि आप गठिया से बचना चाहती हैं, तो पार्टी में अल्कोहलिक कॉकटेल की जगह नॉन अल्कोहलिक मॉकटेल बेहतर ऑप्शन रहेगा।

5. बॉडी मास इंडेक्स मेंटेन रखना है जरूरी

आज कल की लाइफस्टाइल में एक हेल्दी वेट मेंटेन करना बहुत ही मुश्किल है। परंतु आपकी बॉडी मास इंडेक्स अर्थराइटिस को बढ़ावा देती है, साथ ही इसके लक्षणों को भी ट्रिगर कर सकती हैं। इसलिए एक संतुलित वेट मेंटेन करना बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको अपने डाइट पर ध्यान देने की आवश्यकता है साथ ही शारीरिक गतिविधियों में भाग लेती रहें। चाहें तो इसपर डॉक्टर और डाइटिशियन की राय ले सकती हैं।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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