बढ़ती उम्र में बच्चों के शरीर में कई बदलाव आते हैं, जिनमें से ज्यादातर बदलाव साधारण होते हैं। लेकिन वही कई बदलाव ऐसे भी होते हैं जिन पर समय से ध्यान देने की आवश्यकता होती है। जैसे कि कम उम्र में तेजी से वजन बढ़ना। वैसे तो चबी बच्चे सभी को क्यूट लगते हैं। लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है बच्चें का हेल्दी होना। फूड ट्रेंड्स के चलते अक्सर बच्चों का ईटिंग पैटर्न खराब हो गया है। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक डिवाइजिस के इस्तेमाल से बच्चें फिजिकल एक्टिविटीज से भी दूर हो गए हैं। जो छोटी उम्र में उनके बढ़ते वजन और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
आज इसी समस्या पर बात करते हुए हम ऐसी 5 टिप्स बताएंगे, जो बच्चों का वजन कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकती हैं।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की रिसर्च के मुताबिक लगभग 5 में से 1 बच्चा मोटापे से ग्रस्त पाया गया हैं। रिसर्च में पाया गया कि मोटापे से ग्रस्त बच्चे को अस्थमा, स्लीप एपनिया, हड्डी और जोड़ों की समस्या होने के साथ टाइप 2 डायबीटीज और हार्ट डिजीज होने का ज्यादा खतरा रहता है।
इसके साथ ही बचपन से वयस्क बनने तक स्ट्रोक, कैंसर, और समय से पहले मृत्यु, व मानसिक समस्याएं होने का जोखिम हो सकता है।
फास्ट फूड के ट्रेंड ने बच्चों को सबसे ज्यादा आकर्षित किया है। मजबूर होकर पेरेंट्स को भी बच्चों की जिद्द माननी पड़ती है। लेकिन आपकी यही लापरवाही आपके बच्चें के ओवरवेट होने का कारण बन सकती है।
इस समस्या से बचने के लिए आप उन्हें हेल्दी फूड खाने की आदत डाल सकती हैं। जैसे कि कोई भी हेल्दी चीज खाते हुए एंजॉय करना। बच्चें आपको कॉपी करने की कोशिश में धीरे-धीरे हेल्दी फूड खाने लगेंगे।
इसके साथ ही आप बाहर के बजाय घर पर ही हेल्दी और कलरफुल चीज़े बना सकती हैं। जो बच्चों का ध्यान धीरे-धीरे घर के खाने पर ले आएगा।
आजकल ज्यादातर बच्चों को मोबाइल या टीवी देखते हुए खाना खाने की आदत होती है। लेकिन इसके कारण बच्चों को ओवरईटिंग और अनहेल्दी खाने की आदत पड़ जाती है। इसलिए बच्चों को बेड या सोफे के बजाय डाइनिंग टेबल पर फेमिली के साथ मील एंजॉय करने की आदत बनानी चाहिए। आपकी निगरानी में वो हेल्दी ईटिंग सीख पाएंगे।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक जो बच्चें फेमिली के साथ बैठकर मील एंजॉय करते हैं। उनके ओवरईटिंग करने की कम संभावना होती हैं।
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वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंइलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस ने फिजिकल एक्टिविटीज से बच्चों का मानों नाता ही खत्म कर दिया हो। जिस कारण आजकल बच्चों का स्क्रीन टाइमिंग भी ज्यादा होता है। बॉडी का मूवमेंट न होने पर कैलोरी बर्न होने के बजाय फेट के रूप में शरीर में जमने लगती है। जो छोटी उम्र में अधिक वजन होने का कारण बनती है।
इसलिए आपको बच्चों के स्क्रीन टाइमिंग और फिजिकल एक्टिविटी के बीच बैलेंस बनाने की जरूरत है। इसके लिए आप खेल-खेल में बच्चों को एक्सरसाइज करने की आदत डाल सकती हैं।
आपको बच्चों को खेल-खेल में हेल्दी ईटिंग की जरूरत सीखानी होगी। जैसे कि जो बच्चें फ्रूटस और सब्जियां नही खाते, वो जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। खेल-खेल में बच्चें ज्यादा सीख पाते हैं। इससे वो धीरे-धीरे इसे आदत बना लेंगे।
आपको बच्चों की डाइट से शुगर और स्पाइसी फूड बिल्कुल कट ऑफ करने की आवश्यकता होगी। क्योंकि शुगर एक्स्ट्रा कैलोरी बढ़ाकर वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। वही स्पाइसी फूड एसिडिटी के साथ पेट की समस्याओं का कारण बनता है। बच्चों को मार्केट के शेक और सॉफ्ट ड्रिंक्स की बजाय घर के हेल्दी मिल्क शेक लेने की आदत बनाएं।
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