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सांस लेने की क्षमता बढ़ाता है मकरासन, रेस्पिरेटरी प्रोब्लम्स का है सबसे असरदार समाधान

प्रदूषण का स्तर बढ़ने से खांसी की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में दवाओं से बचने के लिए योगाभ्यास बेहद कारगर उपाय है। मकरासन का अभ्यास करने से अस्थमा और ब्रोंकाइटिस से राहत मिलती हैं और तनाव से भी बचा जा सकता है।
मकरासन के दौरान चेस्ट की मासंपेशियां स्ट्रेच होती हैं। इससे सांस पर नियंत्रण बढ़ने लगता है, जिससे ब्रीदिंग के दौरान होने वाली समस्या कम हो जाती है। चित्र-शटरस्टॉक.
Updated On: 4 Nov 2024, 11:04 am IST

वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर सांस संबधी समस्याओं का कारण साबित हो रहा है। इसके चलते खांसना, छींकना और सांस लेने में तकलीफ बढ़ रही है। ऐसे में अन्य उपायों और दवा के अलावा योगासन से बेहतरीन रेमिडी है। इसकी मदद से न केवल स्ट्रेस कम होने लगता है बल्कि फेफड़ों को भी मज़बूती मिलती है। दिन की शुरूआत योगासन से करने से शरीर दिनभर एक्टिव और हेल्दी बना रहता है। जानते हैं मकरासन के फायदे (Makarasana benefits) और इसे करने की विधि

इस बारे में योग एक्सपर्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि मकरासन को करने के दौरान चेस्ट की मासंपेशियां स्ट्रेच होती हैं। इससे सांस पर नियंत्रण बढ़ने लगता है, जिससे ब्रीदिंग के दौरान होने वाली समस्या कम हो जाती है। नियमित अभ्यास से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ जाता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य उचित बना रहा है। साथ ही तनाव और एंग्ज़ाइटी से बचा जा सकता है। वे लोग जो हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त है, उन्हें एक्सपर्ट की सलाह से ही इसे करना चाहिए। इसके अलावा गर्भवती महिलाएं और इनडाइजेशन का सामना करने के दौरान इसे करने से परहेज करना चाहिए।

नियमित रूप से इस योगसन को करने से छाती में फैलाव आता है, जिससे सांस लेने में सुधार होता है। साथ ही सांस संबंधी समस्याओं के लक्षणों में कमी आने लगती है। मकरासन को करने से अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी सांस संबंधी समस्याओं से राहत मिलती हैं।

मकरासन को करने से अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी सांस संबंधी समस्याओं से राहत मिलती हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

जानें मकरासन को करने के फायदे (know the benefits of Makarasana)

1. तनाव को करे दूर

इस योगासन को करने से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ जाता है, जिससे ब्रेन एक्टिव रहता है और एकाग्रता बढ़ने लगती है। साथ ही बेवजह चिंतित रहने की समस्या हल हो जाती है। सुबह उठकर रोज़ाना इसका अभ्यास करने से फोकस बढ़ता है और मानसिक थकान कम होने लगती है।

2. शरीर के पोश्चर में लाए सुधार

मकरासन से रीढ़ की हड्डी को मज़बूती मिलती है और शरीर के पोश्चर में आने वाले बदलाव को सुधारा जा सकता है। इसके अलावा हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स और स्पाइनल एक्सटेंसर समेत अन्य मसल्स ग्रुप को आराम मिलता है। दिन में दो बार इस योगासन का अभ्यास शरीर को फायदा पहुंचाता है।

मकरासन से रीढ़ की हड्डी को मज़बूती मिलती है और शरीर के पोश्चर में आने वाले बदलाव को सुधारा जा सकता है। चित्र : अडोबीस्टॉक

3. सांस लेने की क्षमता में लाए सुधार

इस योगासन के दौरान शरीर विश्राम मुद्रा में रहता है। डायाफ्राम से सांस लेने से विश्राम में मदद मिलती हैए और पीठ के निचले हिस्से में बढ़ने वाले दर्द को कम किया जा सकता है। साथ ही सांस लेने की आदतों में सुधार आने लगता है। इस योगासन से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ता है, जिससे ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ जाता है।

4. शरीर के लचीलेपन को बढ़ाएं

स्पाइन से लेकर हिप्स में बढ़ने वाले तनाव को कम करने में ये यांगासन अह्म भूमिका निभाता है। इससे मांसपेशियों के तनाव को दूर करके शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है। दिनभर काम करने के चलते कंधों और गर्दन में बढ़ने वाले दर्द से भी राहत मिल जाती है। वे लोग जो घुटनों के दर्द से परेशान हैं, उन्हें भी इसका अभ्यास करना चाहिए।

5. पाचनतंत्र को बनाए मज़बूत

त्योहारों से शरीर में बढ़ने वाली ब्लोटिंग, कब्ज, पेट दर्द और अपच की समस्या बढ़ती है। इससे राहत पाने के लिए रोज़ाना मकरासन का अभ्यास करें। इससे पेट के मसल्स में आने वाले खिंचाव से पाचन संबधी समस्याएं हल होती है। साथ ही मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है, जिससे वेटलॉस में मदद मिलती है।

योगासन के दौरान सांस को नियंत्रित रखें और शरीर की क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करें। चित्र : अडोबीस्टॉक

जानें मकरासन को करने की विधि (steps of Makarasana)

  • इस योगासन को करने के लिए पेट के बल मैट पर लेट जाएं। अब दोनों टांगों को आपस में जोड़ लें और कमर को सीधा करें।
  • अब शरीर के उपरी हिस्से को उपर की ओर उठाएं और फिर दोनों बाजूओं को चेहरे के पास लेकर आएं और आपस में जोड़ लें।
  • इसके बाद सिर को बाजूओं के उपर टिका कर रखें और गहरी सांस लें और फिर धीरे धीरे छोड़ें। पैरों की उंगलियों के सहारे शरीर को बैलेंस करें।
  • योगासन के दौरान सांस को नियंत्रित रखें और शरीर की क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करें।

लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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