आज के दौर में जहां हर काम के लिए मशीन या उपकरण उपलब्ध हैं, निष्क्रिय होना एक आम समस्या है। ऐसे में हेल्दी खाने को भी पचाना मुश्किल लेकिन जरूरी हो जाता है। इसलिए कुछ योगासन ऐसे हैं जो शरीर की हड्डियों को मजबूत, रक्त प्रवाह को बढ़ाने और पाचन को स्वस्थ रखने में मददगार होते हैं। उनमें से एक है शलभासन (locust pose)। इस आसन में आप शलभ यानी टिड्डे (locust) की मुद्रा में होते हैं।
इस आसन के प्रभाव को जानने के लिए हेल्थशॉट्स ने योग एक्सपर्ट, यूएस योग एलायंस सर्टिफाइड, प्रमाणित मास्टर रेकी हीलर और यूके योग एलायंस सर्टिफाइड, प्री नेटल और पोस्ट नेटल योग टीचर, साक्षी भगत से बात की। जानिए इस आसन के बारे में क्या हैं उनका कहना।
योग विशेषज्ञ साक्षी भगत का मानना है, “आधुनिक दुनिया में, लोगों ने बस और कार जैसे परिवहन के नए साधनों को अपनाया है। परिवहन के साथ-साथ डेस्क वर्क और वर्चुअल मीटिंग ने न केवल एजिंग पेरेंट्स, बल्कि युवा पीढ़ी को भी प्रभावित किया है। इससे कटिशूल (Katishool) नामक एक बहुत ही आम समस्या हो गई है। इसमें ‘कटि’ का अर्थ है पीठ के निचले हिस्से और ‘शूल’ का अर्थ है दर्द।”
वह आगे कहती हैं, “शलभासन या भुजंगासन जैसे आसन का अभ्यास करने से पीठ के निचले हिस्से के दर्द में काफी राहत मिल सकती है। दिन के किसी भी समय किसी भी आयु वर्ग द्वारा इसका अभ्यास किया जा सकता है।”
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