ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वार्न का हार्ट अटैक (Shane warne heart attack) से निधन अभी तक उनके समर्थक भुला नहीं पाए हैं। वे एक फिट खिलाड़ी थे और उनके निधन के बाद उनके प्रशंसक यह सोच कर हैरान थे कि इतना फिट खिलाड़ी कैसे इस बीमारी की चपेट में आ सकता है। हालांकि जानकारियां सामने आई हैं कि वे बीते 14 दिनों से लिक्विड डाइट पर थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि उनके हार्ट अटैक के पीछे का कारण लिक्विड डाइट हो सकता है।
इस खबर के बाद से यह लिक्विड डाइट पर ही सवाल उठने लगे हैं। हालांकि लिक्विड डाइट का प्रयोग बहुत सारे लोग खुद को डिटॉक्स करने और वेट लॉस के लिए करते हैं। पर यह जरूरी नहीं कि हर डाइट, हर एक को सूट करे। इसलिए आइए जाने हैं लिक्विड डाइट के बारे में सब कुछ।
दरअसल बीती 28 फरवरी को शेन ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से अपनी वेट लॉस जर्नी शुरू करने का ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि,ऑपरेशन श्रेड शुरू हो गया है (10 दिन में) और जुलाई तक आकार में वापस आना है। इसके ठीक 14 दिन बाद शेन वार्न की हार्ट अटैक के कारण मृत्यु हो गई।
इस पर डाइट पर कुछ भी कहने से पहले क्यों न विशेषज्ञ से इस पर परामर्श कर लिया जाए। इसके लिए फोर्टिस हॉस्पिटल, कल्याण की क्लिनिकल डाइटिशियन श्वेता महादिक से जानते हैं कि आखिर क्या होती है लिक्विड डाइट और यह आपको कैसे फायदा और नुकसान पहुंचा सकती है।
लिक्विड डाइट का अर्थ है पूरी तरह से ठोस खाद्य पदार्थ छोड़ देना और पूरी तरह से लिक्विड भोजन पर निर्भर हो जाना। ज्यादातर लोग इसे वजन घटाने का एक सरल उपाय मानते हैं। इस डाइट के दौरान सेवन किए जाने वाले भोजन में सूप, जूस और स्मूदी आम तौर पर शामिल होती हैं। लिक्विड डाइट को भी दो प्रकार में विभाजित किया गया है- पहला फुल लिक्विड, दूसरा क्लियर लिक्विड डाइट।
एक क्लियर लिक्विड आहार में, एक व्यक्ति केवल पानी, चाय और शोरबा जैसे स्पष्ट तरल पदार्थ ले सकता है। वहीं फुल लिक्विड डाइट में अधिक विविध स्वाद और अधिक पोषण मूल्य प्रदान करती है। एक व्यक्ति टमाटर के सूप जैसे विभिन्न प्रकार के गाढ़े तरल पदार्थों के अलावा अपने पसंदीदा खाद्य पदार्थों के शुद्ध संस्करण खाने में सक्षम हो सकता है।
श्वेता बताती हैं, “ऐसे कई फल और सब्जियां हैं जिनमें 80- 90% पानी होता है। फलों और सब्जियों का रस बहुत सारे खनिज और विटामिन प्रदान करता है, लेकिन प्रोटीन और वसा का बहुत कम स्रोत होता है। रसों में रेशे के धागों के टूटने के कारण हमें रेशों की आपूर्ति कम हो जाती है।
प्लायमाउथ विश्वविद्यालय में ह्यूमन न्यूट्रिशन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ गेल रीस का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति लिक्विड डाइट पर है तो एक हफ्ते के बाद थका हुआ महसूस करता है। तरल आहार लेना पौष्टिक रूप से संतुलित भोजन नहीं है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंशेन वॉर्न के हार्ट अटैक के पीछे लिक्विड डाइट जिम्मेदार है इसको लेकर कोई भी तथ्य फिलहाल सामने नहीं आए हैं। हालांकि लिक्विड डाइट को काफी लंबे समय से वजन घटाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और सर्जरी से पहले और सर्जरी के बाद भी डॉक्टर मरीज को लिक्विड डाइट पर रहने की सलाह देते हैं। लेकिन यह नुकसानदायक भी साबित हो सकता है।
श्वेता महादिक आगे बताती हैं,अच्छा पोषण सभी के लिए जरूरी है। एक तरल आहार शरीर को वह सब कुछ नहीं देता, जिसकी उसे आवश्यकता होती है और यह लंबे समय में बहुत हानिकारक हो सकता है। यदि कोई व्यक्ति कई हफ्तों तक तरल आहार लेता है, तो शरीर के लोहे के भंडार का उपयोग हो जाता है जिससे महिलाओं में एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है, मांसपेशियों में कमी आ जाती है और शरीर को सामान्य रूप से काम करने के लिए आंत, फेफड़े और लीवर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। अन्य संभावित दुष्प्रभावों में सिरदर्द, चक्कर आना, अत्यधिक थकान, दस्त या कब्ज शामिल हैं।
लिक्विड डाइट में अक्सर फोर्स डाइट के मुकाबले कम कैलरी होती हैं। PUB Med central का डाटा के अनुसार एक तरल भोजन प्रतिस्थापन आहार के लिए, दैनिक कैलोरी की कुल संख्या 500-1,500के बीच हो सकती है। ऐसे में एक लिक्विड डाइट आपकी वेट लॉस जर्नी में आपकी सहायता कर सकती है। हालाकी श्वेता सलाह देती हैं की वजन घटाने के लिए एक्सट्रीम डाइट एक स्थायी समाधान नहीं है।
विभिन्न प्रकार के क्रैश डाइट से कुछ स्वास्थ्य जोखिम भी हो सकते हैं, जैसे कि पित्त पथरी का खतरा बढ़ जाना। इसलिए सभी को संतुलित आहार का पालन करना चाहिए, जिसमें ढेर सारे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, बीन्स, नट्स और बीज शामिल हैं, साथ ही पूरे दिन सक्रिय रहने के तरीके खोजने चाहिए।
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