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मोटे होने का मतलब आलसी होना नहीं है, चलिए दूर करते हैं मोटापे से जुड़े कुछ मिथ्स

हर रोज आप जितनी कैलोरी ग्रहण करते हैं, अगर उतने ही अनुपात में बर्न नहीं कर पाते, तो मोटापा बढ़ने लगता है। पर इसका मतललब आपका आलसी होना नहीं है, बल्कि मोटापे के लिए कई और चीजें भी जिम्मेदार हो सकती हैं।
मोटापा घटाने के लिए डाइट मैनेजमेंट और व्यायाम के साथ कुछ और बातों का ख्याल रखना भी ज़रूरी है।चित्र : शटरस्टॉक
ज्योति सोही Updated: 23 Oct 2023, 09:10 am IST
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मोटापा यानि ओबेसिटी एक ऐसी बॉडी कंडीशन है, जो लोगों में कई कारणों से पनपने लगती है। मोटापा हमारे लिए हानिकारक है। हमारे लिए कई बीमारियों का कारण बन सकता है। मोटे लोग बॉडी शेमिंग का शिकार होते हैं, वगैरह वगैरह। अक्सर लोग इन सब बातों से परेशान हो जाते हैं। पहले आप ये जान लें कि मोटापा कोई बीमारी नहीं है बल्कि किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है। अगर आप भी इन मिथकों के चक्रव्यूह से बाहर आना चाहते हैं, तो जानिए वो पांच बातें, जो अक्सर मोटे लोगों के लिए चिंता कारण बन जाती हैं (Myths about obesity)

एक्सपर्ट की क्या है राय

इस बारे में सीके बिरला अस्पताल गुरूग्राम में नुट्रिशियन एंव डायटीटिक्स, एचओडी प्राची जैन का कहना है कि पीसीओडी और थायराइड समेत बहुत से कारणों से वज़न बढ़ने का खतरा रहता है। इसके लिए हमें कैलोरी डेफिसिंट डाइट लेनी चाहिए। डाइट में से कार्ब्स को कम करके प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स को एड करना चाहिए।

इसके अलावा डाइट में छिलके वाला अनाज और दालें शामिल करनी चाहिए। खाएं। सिज़नल फल और सब्जियां खाएं। साथ ही लो फैट वाला मिल्क, छाछ, पनीर लें। मीठा और तला भुना खाना अवाइड करें।

प्राची जैन के मुताबिक अगर आप 400 कैलोरी इनटेक करके उसे बर्न कर रही है, तो वो खाना आपको नुकसान नहीं पहुंचाएगा। अगर आप केवल 200 कैलोरी ही एक्सरसाइज़ के ज़रिए बर्न करेंगी, तो बाकी कैलोरीज़ शरीर में जमा होती चली जाएंगी।

मोटापे के बारे में क्या कहती हैं रिसर्च

अगर आपका बीएमआई यानि बॉडी मास इंडेक्स 18.5 से 24. 9 तक है, तो ये सामान्य वजन है। अधिक वजन को 25 से 29. 9 के बीएमआई के रूप में परिभाषित किया गया है। और वहीं 30 से ज्यादा बीएमआई वाले लोगों को ओबेस्ड लोगों की लिस्ट में रखा जाता है। अमेरिका के नेशनल हेल्थ एंड नुट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वे (National Health and Nutrition Examination Survey) के मुताबिक से प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि 2013 से 2014 में 37. 7 फीसदी एडल्ट मोटापे का शिकार हो चुके हैं।

चलिए जानते हैं मोटापे से जुड़े कुछ मिथ्स और उनकी सच्चाई

खानपान की गलत आदतों की वजह से हुआ मोटापा दिल की सेहत के लिए भी नुकसानदेह है। चित्र:शटरस्टॉक

1 मोटापा घटाने के लिए कम खाओ, ज्यादा काम करो

आमतौर पर यही कहा जाता है कि कम खाओ पतले हो जाओगे। ज्यादा घूमा फिरा करो और फिज़िकल एक्टिविटी को अपने रूटीन का हिस्सा बनाओ। अगर हम कहें, कि केवल ज्यादा कैलोरी इनटेक से मोटापा बढ़ने लगता है, तो ये सही नहीं हैं।

डाइट मैनेजमेंट और व्यायाम करने के साथ साथ कुछ और बातों का ख्याल रखना भी ज़रूरी है। बहुत बार हार्मोनल इम्बैलेंस, नींद पूरी न हो पाना, तनाव रहना, पुराना दर्द और पाचन संबधी विकार भी मोटापे को निमंत्रण देने का काम करते हैं। दरअसल, ओवरइटिंग मोटापे का कारण नहीं बल्कि किसी समस्या का लक्षण साबित हो सकता है।

2 मोटापे से डायबिटीज़ का खतरा रहता है

नुट्रिशियन एंव डायटीटिक्स, एचओडी प्राची जैन का कहना है कि ओवरवेट का कारण हेरिडिटी, इंसुलिन सिक्रीट न होना, खराब लाइफस्टाल और तनाव हो सकता है। इन सब चीजों के चलते डायबिटीज़ का रिस्क रहता है।

मेडिकल न्यूज टुडे के मुताबिक प्रैग्नेंसी के दौरान होने वाले गेस्टेशनल डायबिटीज़ के लिए ओबेसिटी एक कारण साबित हो सकता है। वर्ल्ड ओबेसिटी आर्गनाइजे़शन के रिसर्च के मुताबिक यूरोप में तेज़ी से बच्चों में मोटापे की समस्या बढ़ रही है। रिसर्च के मुताबिक 2025 तक, हर पांच में से एक बच्चा अधिक वजन और मोटापे से प्रभावित होगा।

3 मोटे लोग आलसी होते हैं

हर मोटा व्यक्ति आलसी हो, ये ज़रूरी नहीं है। मेडिकल न्यूज़ टुडे के मुताबिक साल 2011 में की गई एक स्टडी सामने आई है। इस अध्ययन में पाया गया है कि 4 दिनों के लिए 20 साल की उम्र से लेकर 79 वर्ष की आयु तक के 2,832 वयस्कों के गतिविधि स्तर को मापने के लिए एक्सेलेरोमीटर का उपयोग किया।

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

बीएमआई चेक करें

वजन बढ़ने के साथ उनके कदम की गिनती कम हो गई, लेकिन कुछ खास अंतर देखने को नहीं मिला है। हेल्दी लोग 8,819 कदम चले, ओवरवेट लोग 8,506 कदम चले और मोटापे के शिकार लोग 7,546 कदम चले। ऐसे में ये कहना पूरी तरह से गलत है कि ओबेस लोग लेज़ी होते हैं।

मोटापा प्रजनन स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालता है। चित्र:शटरस्टॉक

4 अगर आप मोटे लोगों के साथ रहते हैं, तो मोटे हो जाते हैं

मोटापे और जेनेटिक्स में कोई आसामन्य अंतर नहीं है। अगर आप किसी रेलेटिव को मोटापा है, तो ज़रूरी नहीं कि वो समस्या आपके अंदर भी विकसित होने लगे। मेडिकल न्यूज़ टुडे के मुताबिक वैज्ञानिकों ने उन जीन्स को डिस्कवर किया है, जो ओबेसिटी का कारण साबित होती हैं या इसकी संभावना बढ़ा देती है। सीडीसी बताता है कि सभी मोटे लोगों में कोई एक जेनेटिक कारण नहीं मिलता है। ऐसा नहीं है कि अगर आपके पिता या भाई आगेसिटी के शिकार है, तो आप भी हो जाएंगे।

साल 2006 में जीनोम.वाइड एसोसिएशन स्टडीज़ में मोटापे से जुड़े 50 से अधिक जीन पाए गए हैं, जिनका प्रभाव बेहद कम दिख रहा है। एफटीओ जीन मोटापे से संबधित है। साल 2011 के एक अध्ययन के अनुसार, केवल 20 से 30 फीसदी ही लोगों में इसकी संभावना पाई गई है।

5 मोटापे का सेहत पर कोई प्रभाव नहीं होता है

कई कारणों से होने वाला मोटापा शरीर में हाई ब्लडप्रेशर, हार्ट डिज़ीज और ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण सिद्ध हो सकता है। रिसर्च के मुताबिक शरीर में टोटल वेट का 5 से 10 फीसदी वज़न कम होने से ब्लड प्रैशर, ब्लड कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर में सुधार नज़र आने लगता है।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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