हमारे शरीर की सभी मांसपेशियां एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं, ऐसे में कोई छोटी सी लापरवाही भी कई समस्याओं का कारण बन सकती है। इसी प्रकार गर्दन के दर्द की समस्या पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। क्योंकि इसे जरा भी नजरअंदाज करना सिरदर्द और कमर दर्द का भी कारण बन जाता है। लंबे समय तक एक ही पोस्चर में बैठना या गलत एक्सरसाइज इसका मुख्य कारण हो सकता है। लेकिन अगर आपको लंबे समय से यह समस्या बनी हुई है, तो यह चिंता का कारण भी हो सकता है।
इस विषय पर गहनता से जानने के लिए हमनें बात कि डॉ विपुल गुप्ता, चीफ – न्यूरोइंटरवेंशनल सर्जरी एंड को-चीफ स्ट्रोक यूनिट आर्टेमिस हॉस्पिटल (गुरुग्राम) । जिन्होंने हमें इस समस्या के बारें में गहनता से समझाया
सिर का पूरा भार हमारी गर्दन पर रहता है, जिससे इसमें खिंचाव या चोट लगने का खतरा ज्यादा रहता है। एक्सपर्ट डॉ विपुल गुप्ता के मुताबिक गर्दन में दर्द के लिए ये कारण जिम्मेदार पाए गए हैं –
स्मार्ट फोन, लैपटॉप इस्तेमाल करने या बिना सिर और गर्दन हिलाए लंबे समय तक किताब पढ़ने से मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है। इस कारण गर्दन में दर्द की समस्या हो सकती है।
कभी-कभी टक्कर या सिर के झटके जैसी चोटों के कारण भी गर्दन के सॉफ्ट टिशुज में खिंचाव आ सकता है।
बोन स्पर्स कभी-कभी रीढ़ की हड्डी से आने वाली नसों पर भी दबाव डाल सकते हैं जिसके कारण गर्दन में दर्द होने लगता है।
जैसे-जैसे व्यक्ति बूढ़ा होता जाता है, उसके जोड़ों में हल्की-फुल्की चोटें आने से गर्दन में दर्द की समस्या होने लगती है।
डॉ विपुल गुप्ता का कहना है कि गर्दन से सिर तक जाने वाला दर्द कई समस्याओं का कारण हो सकता है, लेकिन सबसे आम सरवाइकोजेनिक सिरदर्द (cervicogenic headache) के रूप में जाना जाता है।
जहां सिर के पिछले हिस्से में गर्दन का दर्द महसूस होने लगता है। यह आमतौर पर व्हिपलैश ( गर्दन की चोट) के कारण होता है या गर्दन में हल्का-सा खिचाव आने के कारण होता है। माइग्रेन जैसी समस्या में भी गर्दन का दर्द महसूस हो सकता हैं, ऐसे में हमारा शरीर सिरदर्द का भार गर्दन पर डालता है।
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए डॉ विपुल गुप्ता ने बताया कि वैसे तो गर्दन के दर्द से राहत पाने के लिए कई टिप्स और टेक्निक इस्तेमाल की जाती हैं।
कुछ लोगों को केवल दवाओं से ही राहत मिल जाती है। तो वही कई लोगों को कमजोर मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए फिजिकल थिरेपी की आवश्यकता होती है। साथ ही जिन मामलों में गर्दन की नर्व ब्लॉक हो जाती है, वहां सर्जरी करना ही एकमात्र विकल्प होता है।
यह भी पढे – डायबिटीज कंट्रोल कर सकती है खाना खाने के बाद 15 मिनट की सैर, मिलेंगे और भी फायदे
डॉ विपुल गुप्ता के मुताबिक गर्दन और सिरदर्द को कम करने के लिए इन आसान टिप्स को फॉलो किया जा सकता हैं-
कभी-कभी हम अनजाने में अनहेल्दी वर्कप्लेस में काम करते हैं, जहां हमें कई घंटों तक एक ही जगह पर बैठे रहने होता हैं। इससे रीढ़, गर्दन और साथ ही पोस्चर के साथ भी कई समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए अगर आपको लंबे समय तक काम करना है, तो वर्कप्लेस पर खास ध्यान दें।
गर्दन के दर्द और सिरदर्द से राहत पाने के लिए अपनी स्लीप पोजिशन में बदलाव करने के साथ पर्याप्त नींद लेना बेहद आवश्यक है।
एक्सपर्ट के मुताबिक इस समस्या के समाधान के लिए एक्सरसाइज या योगा करना बेहतर हो सकता है। फिजिकल एक्टिविटी की आदत गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और दर्द से राहत पाने में भी मदद कर सकती है।
जिस प्रकार तनाव कई स्वास्थ्य का सामान्य कारण बन गया है। ठीक इसी तरह, गर्दन की मांसपेशियों पर भारी मात्रा में तनाव डालने से गर्दन में दर्द या चोट लगने का खतरा भी बढ़ सकता है। जिसके कारण स्ट्रेस मैनेजमेंट करना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है।
यह भी पढे – सेहत के लिए अच्छा नहीं है बार-बार पेन किलर लेना, पेट से लेकर ब्रेन तक को पहुंचता है नुकसान
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।