चालीस की उम्र के बाद शरीर में कई बदलाव आते हैं। आपका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, शुगर क्रेविंग बढ़ जाती है, शरीर ऊर्जा की कमी महसूस करता है, स्टार्चयुक्त भोजन (चावल, पास्ता, ब्रेड) के लिए आपकी क्रेविंग्स बढ़ जाती हैं। जिसका असर नजर आता है बढ़ते हुए वजन के रूप में। इस उम्र में अगर लापरवाही की जाए तो ये आपके हॉर्मोन्स और बोन हेल्थ दोनों को प्रभावित कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप 40 के बाद वजन बढ़ने के कारण और उसे कंट्रोल करने के उपायों के बारे में जानें।
आमतौर पर 40 की उम्र के बाद बढ़ते वजन को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। विज्ञानिक मानते हैं कि शारीरिक व्यायाम और खानपान की सही आदत आपको समय से पहले बूढ़ा नहीं होने देती। यह वजन बढ़ने से रोकते हैं और आपको लंबी उम्र तक स्वस्थ बनाए रखते हैं। इसके बावजूद बिजी लाइफस्टाइल, मानसिक या भावनात्मक तनाव वजन बढ़ाने में योगदान करते हैं। इसलिए इस समय आपको अपने वजन के प्रति और भी ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है।
न्यूट्रीशनिस्ट अंजलि मुखर्जी कहती हैं, “40 की उम्र के बाद मेटाबॉलिज्म और हार्मोन के स्तर में बदलाव होने के कारण वेट प्रॉब्लम, डिप्रेशन, इर्रेगुलर मेंस्ट्रूअल साइकिल जैसी परेशानियां होती हैं। इसके साथ ही लिबिडो की कमी, मांसपेशियों में कमजोरी, ब्लोटिंग इत्यादि का सामना करना पड़ता है। ये सभी मिलकर आपके लिए मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ा सकते हैं।”
अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में अंजलि ने इस उम्र में वजन बढ़ने के कारण और कंट्रोल करने के उपायों के बारे में भी चर्चा की है।
अंजलि मुखर्जी के अनुसार 40 की उम्र के बाद वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण मेटाबॉलिज्म का धीमा होना है। इस स्थिति में शरीर पर्याप्त कैलोरी बर्न नहीं कर पाता है। जिस वजह से वेट गेन की समस्या होती है। यदि कोई महिला रोजाना एक्सरसाइज करती हैं, फिर भी बढ़ती उम्र के साथ उनके पेट के आसपास के हिस्से में एक्स्ट्रा चर्बी जमा होने लगती है। इसके अलावा हाइपरटाइरॉएडिज्म के कारण भी वजन अनियंत्रित होने लगता है।
शरीर में कैल्शियम की एक उचित मात्रा होना बहुत जरूरी है। आमतौर पर 30 की उम्र के बाद कैल्शियम कम होने लगता है जिसकी वजह से बोन लॉस होता है। ऐसे में शरीर में कैल्शियम की भरपूर मात्रा को बनाए रखने के लिए लो फैट डेयरी प्रोडक्ट, दाल, सोयाबीन, काली तिल, इत्यादि का नियमित सेवन करें।
40 के बाद शरीर में हो रहे बदलाव को देखते हुए अपनी डाइट कंट्रोल करना बहुत जरूरी है कैफीन के सेवन को सीमित रखें साथी किसी भी प्रकार के कार्बोनेटेड ड्रिंक और अल्कोहल से पूरी तरह से दूरी बना लें। इनका सेवन शरीर मैं कैल्शियम की कमी का कारण बनता है।
जैसा कि आप जानती होंगी 30 की उम्र के बाद आमतौर पर शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। इसलिए खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए साधारण पानी, फल और सब्जियों के जूस, कोकोनट वाटर इत्यादि का सेवन करें।
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अंजलि मुखर्जी के अनुसार 40 की उम्र के बाद भी खुद को फिट रखने के लिए अपनी डाइट में लो फैट हाई फाइबर फूड्स को शामिल करें। ग्रेन्स, दाल, बीन्स, फल, सब्जी, नट्स और सीड्स को अपनी नियमित डाइट का हिस्सा बनाएं। यह सभी खाद्य पदार्थ फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट जैसे महत्वपूर्ण मिनरल और विटामिन से भरपूर होते हैं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंइनका सेवन एजिंग प्रोसेस को धीमा कर देता है और आपको पूरी तरह से स्वस्थ रहने में मदद करता है। इतना ही नहीं यह त्वचा के लिए भी अधिक फायदेमंद होते हैं।
बढ़ती उम्र के साथ डाइट में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना जरूरी हो जाता है। हालांकि, हाई प्रोटीन डाइट लेने की आवश्यकता नहीं है परंतु एक उचित मात्रा में प्रोटीन मेंटेन करना अनिवार्य है।
जर्नल ऑफ ओबेसिटी मेटाबॉलिक सिंड्रोम द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार शरीर में प्रोटीन की उचित मात्रा आपको लंबे समय तक संतुष्ट रख सकती है और शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करती है।
बढ़ती उम्र के साथ शरीर कमजोर पड़ने लगती है और हम रेस्ट करना ज्यादा पसंद करते हैं। यदि आप खुद को स्वस्थ रखना चाहती हैं और वजन को बढ़ने से रोकना चाहती हैं तो अपने शरीर को सक्रिय रखने की कोशिश करें। यह आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और आपके बॉडी को स्वस्थ रहने में मदद करता है।
हर रोज कुछ वक्त खुले वातावरण में बिताएं। साथ ही हल्के एक्सरसाइज, योग इत्यादि में भाग ले सकती हैं। साथ ही समय निकालकर सुबह या शाम को वॉक पर जाएं। इससे आपकी जॉइंट पेन, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर ओबेसिटी जैसी तमाम लाइफस्टाइल डिसऑर्डर को नियंत्रित रखा जा सकता है।
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