इन दिनों महिलाओं में सबसे अधिक थायरॉयड की समस्या देखी जा रही है। थायरॉयड के कारण तनाव, चिडचिडापन, मोटापा की समस्या आम है। कई बार सही जानकारी के अभाव में महिलाएं यह जान भी नहीं पाती हैं कि उन्हें थायरॉयड की समस्या है और वे जीवन भर कई तरह की दिक्कतों का सामना करती रहती हैं। बढ़ते वजन या मोटापा की एक वजह थायरॉयड भी हो सकता (can thyroid cause weight gain) है। थायरॉयड की समस्या क्या है और यह मोटापा से किस तरह जुड़ा है, इसके लिए हमने बात की पारस होस्पिटल, गुरुग्राम में सीनियर एंडोक्रिनोलोजिस्ट डॉ. आशुतोष गोयल से। उन्होंने इसके बारे में विस्तार से बताया।
डॉ. आशुतोष बताते हैं, ‘थायरॉयड ग्लैंड गले के निचले हिस्से में मौजूद होती है। यह तितली के आकार की ग्रंथि होती है। इससे टी-3, टी-4, टी एस एच (thyroid stimulating hormone) हॉर्मोन का सेक्रेशन होता है। इन हॉर्मोन की मात्रा यदि कम या ज्यादा हो जाती है, तो हमें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मेटाबोलिज्म रेट सहित शरीर के कई फंक्शन को भी थायरॉयड होर्मोन नियंत्रित करते हैं।’
थायरॉयड का अधिक निकलना या कम निकलना दोनों शरीर के लिए नुकसानदेह है। जब थायरॉयड ग्लैंड तेज गति से काम करने लगता है, तो थायरॉयड होर्मोन का सेक्रेशन अधिक हो जाता है। इसमें ग्लैंड की सक्रियता बढ़ जाती है। इसे हाईपर थायरॉयडिसम कहते हैं। जब थायरॉयड ग्लैंड धीमी गति से काम करने लगती है, तो थायरॉयड होर्मोन का सेक्रेशन कम हो जाता है। इसे हाइपोथायराइडिज्म कहा जाता है। थायरॉयड की समस्या ऑटो इम्यून डिजीज भी कहलाती है। जब थायरॉयड ग्लैंड के कामकाज में किसी प्रकार की दिक्कत होती है, तो यह समस्या होती है। इसके कारण मोटापा भी बढ़ जाता है।
डॉ. आशुतोष बताते हैं, ‘ हाइपोथायराइडिज्म की वजह से जब होर्मोन का सीकरेशन कम होने लगता है, तो शरीर का मेटाबोलिक रेट घट जाता है। इससे व्यक्ति कमजोर महसूस करने लगता है और वह आलस से भर जाता है। उसकी फिजिकल एक्टिविटी भी घट जाती है। इससे कैलोरी की खपत भी घट जाती है।
यह एक्स्ट्रा फैट के रूप में शरीर में जमा होने लगता है और उसका वजन बढ़ने लगता है। यदि किसी व्यक्ति का बढ़िया लाइफस्टाइल अपनाने के बावजूद वजन बढ़ रहा है, तो उसे तुरंत थायरॉयड की जांच करानी चाहिए। थाइरोइड भी ओबेसिटी का प्रमुख कारक हो सकता है।’
पबमेड सेंट्रल की स्टडी रिपोर्ट बताती है कि हाईपर की बजाय लोगों में हाइपोथायराइडिज्म की समस्या अधिक होती है।
तनाव और अवसाद में रहना
चीखना-चिल्लाना, छोटी- छोटी बात पर चिड़चिड़ाना
पीरियड में अनियमितता
कब्ज, ब्लोटिंग की समस्या
कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, वजन बढ़ना, ये सभी प्रमुख समस्या हैं।
यदि ऊपर बताये गये लक्षणों में कोई एक लक्षण भी दिखाई देता है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। थायरॉयड की जांच भी जरूर करा लें। जांच के आधार पर जो दवा दी जाती है, उसका सेवन जरूर करना चाहिए। यह ध्यान में जरूर रखना चाहिए कि यदि किसी महिला को थायरॉयड की समस्या है, तो वह साल में दो बार थायरॉयड की जांच जरूर कराए। यदि थायरॉयड की समस्या अधिक गंभीर होती है, तो उसे सर्जरी की भी सलाह दी जा सकती है।
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वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
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