अगर आप हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, अनिंद्रा और तनाव से बचना चाहती हैं, तो एक ही उपाय है। अपन वजन कंट्रोल करें। इसमें एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट आपकी मददगार हो सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं वजन कंट्रोल करके आप अपनी उम्र के सात साल बचा सकती हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे, यह एक ब्रिटिश अध्ययन में सामने आया है।
एक्सरसाइज का मकसद सिर्फ छरहरी काया हासिल करना नहीं होना चाहिए। लोगों का वजन घटाने पर जोर देना कहीं ज्यादा जरूरी है। खासकर तब जब बात टाइप-2 डायबिटीज, हृदयरोग और स्ट्रोक से मौत का खतरा घटाने की हो तो।
‘यूरोपियन एंड इंटरनेशनल कांग्रेस ऑन ओबेसिटी’ में गुरुवार को पेश एक ब्रिटिश अध्ययन में कुछ ऐसी ही सलाह दी गई है।
शोधकर्ताओं ने पाया :
मोटापे से जूझ रहा व्यक्ति अपने वजन में 13 फीसदी की कमी लाकर टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम में 42 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। उसके उच्च रक्तचाप और अनिद्रा की समस्या का शिकार होने की आशंका भी 25 फीसदी तक घट जाती है।
वहीं, कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने और गठिया पनपने के खतरे में भी 20 प्रतिशत तक की कमी आती है। खास बात यह है कि स्वास्थ्य संबंधी सभी फायदे तब भी देखने को मिलते हैं, जब वजन में कमी के बावजूद व्यक्ति का ‘बीएमआई’ 30 से ऊपर बना रहता है।
‘बीएमआई’ यानी ‘बॉडी मास इंडेक्स’ व्यक्ति की लंबाई और वजन का अनुपात है। जिन लोगों का बीएमआई 25 से ऊपर होता है, उन्हें मोटापे की श्रेणी में रखा जाता है। अध्ययन के नतीजे बीते आठ साल में ब्रिटेन में हुई 5.5 लाख वयस्कों की सर्जरी से जुड़े आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित हैं।
– वजन में 13% कटौती लाने पर 42% घट जाता है टाइप-2 डायबिटीज का खतरा।
-25% तक कम हो जाता है उच्च रक्तचाप, अनिद्रा का शिकार होने का जोखिम।
-20% तक कम हो जाता है कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने और गठिया पनपने का जोखिम।
डेनमार्क की हेल्थकेयर फर्म ‘नोवो नॉरडिस्क’ ने 51 साल की औसत उम्र वाले सभी प्रतिभागियों का वजन चार साल के अंतराल पर नापा। इस दौरान 60 हजार प्रतिभागियों ने कम से कम 10 फीसदी वजन घटा लिया था। उनके बीच वजन में कटौती की औसत दर 13 फीसदी थी।
बावजूद इसके ज्यादातर मोटापे के दायरे में आते थे। हालांकि, उनमें टाइप-2 डायबिटीज, हृदयरोग, स्ट्रोक, गठिया, अनिद्रा जैसी घातक बीमारियों का जोखिम काफी कम हो गया था।
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन की वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ ने मोटापे को सबसे गंभीर बीमारी करार दिया है। उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों का बीएमआई 35 से ऊपर होता है, उनकी औसत जीवन प्रत्याशा सात साल तक घट जाती है। इसलिए जरूरी है कि फास्टफूड, मीठे और तैलीय पकवानों के सेवन में कमी लाकर और नियमित रूप से योग-व्यायाम करके अपने वजन को नियंत्रित रखनी की कोशिश करें।
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