जानिए आपके लिए क्यों जरूरी है हर योग सेशन के बाद शवासन करना

क्या आप मुश्किल से मुश्किल योग मुद्रा करने के बावजूद शवासन नहीं करते है?अगर आप फिटनेस फ्रीक हैं और स्वस्थ रहने के लिए नियमित योगाभ्यास करती हैं ,तो बेहतर परिणामों के लिए आपको इसका सही रुटीन पता होना चाहिए।
Apne yoga session ke baad zaroor kare savasana
योग सेशन के शुरुआत या बाद में भी किया जा सकता है शवासन। चित्र: शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Updated: 23 Oct 2023, 09:57 am IST
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योग में शवासन सबसे आसान मुद्रा मानी जाती है। लेकिन अगर आप व्यायाम करने के बाद इसे नहीं करते हैं, तो यह गलत है। इस आसन में एक मृत शरीर की भांति लेटे रहना पड़ता है। अक्सर समय की कमी के कारण अधिकांश लोग इस आसन को स्किप कर देते हैं। जबकि ऐसा करना सही नहीं है। योगासन करने के बाद अपने थके हुए शरीर को थोड़ी देर विश्राम देने के लिए शवासन करना जरूरी है। एक सही योगासन का चक्र मुद्राओं के साथ शुरू होकर विश्राम पर अंत होना चाहिए।

क्या है शवासन? 

यह योग विज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण आसन है। आम धारणा है कि शवासन बेहद सरल आसन है। जबकि हकीकत यह है कि शवासन योग विज्ञान के सबसे कठिन आसनों में से एक है। ये आसन देखने में बेहद सरल लगता है, लेकिन इसमें सिर्फ लेटना ही नहीं होता। इसमें अपने मन की भावनाओं और शरीर की थकान दोनों पर एक साथ नियंत्रण पाना होता है। 

शवासन योग सेशन के बाद किया जाता है। इसे करने से डीप हीलिंग (deep healing) के साथ ही शरीर को गहराई तक आराम भी मिलता है। इस आसन को तब भी किया जा सकता है जब आप बुरी तरह से थके हों और आपको थोड़ी ही देर में वापस काम पर लौटना हो। शवासन का अभ्यास आपको ताजगी ​और ऊर्जा भी देगा।

Savasana yog session ke baad kiya jaata hai
शवासन योग सेशन के बाद किया जाता है। चित्र: शटरस्टॉक

कैसे करें शवासन? 

  • सबसे पहले अपने योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। ये सुनिश्चित करें कि आसन करने के दौरान कोई भी आपको डिस्टर्ब न करे। किसी तकिये या कुशन का इस्तेमाल न करें। सबसे अच्छा यही है कि आप जमीन पर लेटें। 
  • अपनी आंखें बंद कर लें। 
  • अब दोनों टांगों को एक दूसरे से अलग-अलग कर लें। इस बात का ध्यान रखें कि आप पूरी तरह से रिलैक्स हों और आपके पैरों के दोनों अंगूठे अपनी  साइड की तरफ मुड़े हो। 
  • आपके हाथ आपके शरीर से थोड़ी दूरी पर हो। अपनी  हथेलियों को खुला, लेकिन ऊपर की तरफ रखें। 
  • अब धीरे-धीरे शरीर के हर हिस्से की तरफ ध्यान देना शुरू करें, शुरुआत पैरों के अंगूठे से करें। जब आप ऐसा करने लगें, तो सांस लेने की गति एकदम धीमी कर दें। धीरे-धीरे आप गहरे मेडिटेशन में जाने लगेंगे। 
  • ध्यान रहे जैसे ही आपको आलस या उबासी आए सांस लेने की गति तेज कर दें। आपको शवासन करते हुए कभी भी सोना नहीं है। 
yah aasan aapko tanaav se raahat dilaata hai
यह आसन आपको तनाव से राहत दिलाता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
  • यह आपको धीरे-धीरे पूरी तरह रिलैक्स करने लगेगा। मन में सोचें कि जब आप सांस ले रहे हैं, तो वह पूरे शरीर में फैल रही है। लेकिन जब आप सांस छोड़ रहे हैं, तो शरीर शांत होता जा रहा है। आपका फोकस सिर्फ खुद और अपने शरीर पर ही रहेगा। ध्यान दें आपको सोना नहीं है।  
  • 10-12 मिनट के बाद, जब आपका शरीर पूरी तरह से रिलैक्स हो जाए और नई ताजगी को महसूस करने लगे तो, बाईं तरफ करवट ले लें। दोनों आंखों को बंद रखें। एक मिनट तक इसी स्थिति में लेटें रहें। इसके बाद धीरे-धीरे उठें और फिर पालथी मारकर या सुखासन में बैठ जाएं। 
  • कुछ गहरी सांसें लें और धीरे-धीरे आंखें खोल दें।

शवासन करते समय रखें इन बातों का ख्याल 

शवासन को करना बेहद सुरक्षित है और कोई भी इसका अभ्यास कर सकता है। लेकिन अगर डॉक्टर ने किसी मेडिकल कंडीशन की वजह से आपको पीठ के बल लेटने से मना किया है, तो इस आसन का अभ्यास बिल्कुल भी न करें। 

अगर आप शवासन करने से पहले कंधे, सीने और पीठ में जकड़न महसूस कर रहे हैं, तो आपके कंधे फर्श को छू नहीं सकेंगे। अगर आप जबरन इसे करने की कोशिश करेंगे तो आपकी गर्दन दर्द करने लगेगी। इसलिए यह योगासन करते समय जबरदस्ती न करें। 

यहां जानिए आपके लिए क्यों फायदेमंद हैं शवासन करना 

रोज योग करने के बाद 8-10 मिनट तक शवासन का अभ्यास करना चाहिए। इससे अपनी खोई हुई ऊर्जा मिलने के साथ ही आपको डिप्रेशन और तनाव से मुक्ति मिलेगी। इसके कुछ अन्य फायदें है: 

Aapko puri tarah relax karta hai yah aasan
आपको पूरी तरह रीलैक्स करता है यह आसन। चित्र: शटरस्टॉक

1. शरीर को ध्यान (meditation) की स्थिति  में लाना 

शवासन आपको ध्यान की स्थिति में ले जाता है, जिससे आपके थके हुए सेल्स और टिशू दुबारा रिपेयर हो जाते हैं। यह स्ट्रेस से भी छुटकारा देता है। 

2. रीलैक्स और शांत करना 

ये आपका वर्कआउट खत्म करने के लिए एक बेहतरीन आसन है। इसे करते ही आप रीलैक्स और शांत हो जाएंगे। यह आपकी थकान को दूर करके आपके शरीर में ऊर्जा का संचार करता है। आपके रोजमर्रा के काम और एक्सरसाइज के बीच संतुलन बनाता है शवासन। 

3. हाई ब्लड प्रेशर और एंग्जायटी से राहत 

जब आपका शरीर आराम की स्थिति में आ जाता है, तो आपका ब्लड प्रेशर का स्तर गिरने लगता है। यह मुद्रा आपके दिल को आराम देने में मदद करता है जिसके कारण आप ऐंगज़ाइटी या घबराहट का अनुभव नहीं करते है। 

Yah aasan aapke blood pressure ko niyantrit karta hai
यह आसन आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है। चित्र-शटरस्टॉक.

4. ऊर्जा के स्तर को बढ़ाना 

सिर्फ 10 मिनट तक शवासन करने से आपको ऐसी ऊर्जा का अनुभव होगा, जैसा बाकी किसी उपाय से पहले कभी नहीं हुआ था। ये आपकी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने में भी मदद करता है।

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5. मेमोरी तेज करता है शवासन 

मेडिटेशन का सीधा फायदा ये है कि ये फोकस और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है। जब आप शवासन कर रहे होते हैं तो अपने आप आपका ध्यान शरीर के हर हिस्से पर अपने आप ध्यान केंद्रित करने लगता है। आपका दिमाग अपने आप ही एकाग्रता और याददाश्त को मजबूत करने लगता है।

तो अगर आप जल्दबाजी में या शवासन को सरल आसान समझकर इसे स्किप करते है तो वक्त आ गया है कि यह आपके योग रूटीन में शामिल हो।

यह भी पढ़ें: अपने कंधो को मजबूत बनाने के लिए फिटनेस रुटीन में शामिल करें ये 3 योगासन

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