अधिक वजन या मोटापा कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। जिसमें इंसुलिन रेजिस्टेंस (insulin resistance) या टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) होने का खतरा भी बढ़ जाता है। जब किसी को डायबिटीज की समस्या हो जाती है, तो उन्हें अपने चीनी या मीठे के सेवन को हमेशा ध्यान में रखना होता है। किसी भी तरह की चीनी या मीठा खानपान उनके ब्लड शुगर में अचानक बढ़ोतरी ला देता है। जो स्वास्थ्य के लिए जोखिमकारक हो सकता है। पर खानपान के साथ एक्सरसाइज डायबिटीज रोगियों के लिए एक जरूरी हेल्थ टिप है। पर किस समय और कौन सी एक्सरसाइज करना डायबिटीज (Best time to Exercise to control blood sugar) रोगियों के लिए बेहतर होगा, यह जानना बहुत जरूरी है।
आज दुनिया में लाखों लोग इंसुलिन रेजिसटेंस और टाइप 2 डायबिटीज से प्रभावित हैं। लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन का अनुमान है कि भारत में 101 मिलियन लोग देश की आबादी का 11.4% डायबिटीज से पीड़ित हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 136 मिलियन लोग या 15.3% लोग प्री-डायबिटीज़ से पीड़ित हो सकते हैं। टाइप 2 डायबिटीज इस स्थिति का सबसे आम रूप है।
यह अच्छी तरह से साफ हो चुका है कि मध्यम से जोरदार शारीरिक एक्टिविटी अधिक वजन/मोटापे वाले वयस्कों में ग्लूकोज होमियोस्टेसिस को बढ़ाती है, जिन्हें इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा है।
स्पेन में ग्रेनेडा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने हाल ही में ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म पर हल्की से लेकर हैवी शारीरिक एक्टिविटी तक के समय की भूमिका का अध्ययन किया। पिछले अध्ययनों से पता चला है कि फिजिकल एक्टिविटी ब्लड शुगर के स्तर में सुधार कर सकती है, और शोधकर्ता यह पता लगाना चाहते थे कि दिन के कौन से समय में सबसे अधिक शारीरिक एक्टिविटी होती है। क्या इससे सच में शरीर के प्रभाव में कोई अंतर पड़ता है।
शोधकर्ताओं ने हाल ही के शोध में पाया कि दिन के बाद सबसे अधिक सक्रिय रहने और 24 घंटे की ड्यूरेशन में रक्त शर्करा के स्तर के अधिक स्थिर रहने के बीच संबंध पाया।
शोधकर्ताओं ने यह देखने के लिए एक्सट्रीम ट्रायल के डेटा का उपयोग करके एक अध्ययन किया कि क्या मध्यम से तीव्र फिजिकल एक्टिविटी का समय ब्लड शुगर स्थिरता को प्रभावित करता है। उन्होंने 186 वयस्कों के एक समूह का अवलोकन किया, जो पुरुषों और महिलाओं के बीच समान रूप से विभाजित थे, जिनकी औसत आयु 46.8 वर्ष थी।
समूह के लिए औसत बॉडी मास इंडेक्स 32.9 था, जिसे CDC मोटापे के संकेत के रूप में बांटता है। प्रतिभागियों ने 14 दिनों तक शारीरिक एक्टिविटी को ट्रैक करने के लिए एक डिवाइस और ग्लूकोज के स्तर को ट्रैक करने के लिए एक निरंतर ग्लूकोज-मॉनीटरिंग डिवाइस पहना था। शोधकरर्ताओं ने हर दिन को अलग-अलग कारकों में बांटा।
निष्क्रिय – कोई मध्यम से जोरदार शारीरिक एक्टिविटी नहीं
सुबह – 06:00 और 12:00 के बीच कम से कम 50% (मध्यम से तीव्र) एक्टिविटी हुई
दोपहर – 12:00 और 18:00 के बीच कम से कम 50% एक्टिविटी हुई
शाम – 18:00 और 00:00 के बीच कम से कम 50% एक्टिविटी हुई
मिश्रित – प्रतिभागियों के पास ऐसा कोई समय ड्यूरेशन नहीं था, जहां उनकी मध्यम से जोरदार फिजिकल एक्टिविटी 50 % हुई हो।
जिन प्रतिभागियों पर अध्ययन किया जा रहा था उन लोगों ने हर रोज औसतन 24 मिनट मध्यम से तीव्र फिजिकल एक्टिविटी की। जब यह देखा गया कि क्या फिजिकल एक्टिविटी के समय ने ग्लूकोज के स्तर को प्रभावित किया है, तो वैज्ञानिकों ने शाम को एक्सरसाइज पूरी करने और कम ब्लड शुगर के स्तर के बीच एक संबंध पाया।
शाम के समय एक्सरसाइज पूरी करने वाले प्रतिभागियों के लिए 24 घंटे का औसत ग्लूकोज रीडिंग निष्क्रिय प्रतिभागियों के नोट किए गए रीडिंग की तुलना में 1.28 mg/dL कम था।
प्राथमिक लक्ष्य नियमित रूप से मध्यम से लेकर जोरदार एक्सरसाइज में करना होना चाहिए। एक बार जब हम ऐसा करने की नियमित दिनचर्या बना लेते हैं, तो ग्लूकोज रेगुलेशन को और बेहतर बनाने के लिए शाम को व्यायाम करने का लक्ष्य रख सकते हैं।
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