सर्दियों के मौसम में बहुत से लोग अचानक से वेट गेन करना शुरू कर देते हैं, इसके पीछे कई स्थितियां जिम्मेदार हो सकती हैं।आखिर ऐसा क्यों होता है? क्या इसके लिए गिरता तापमान जिम्मेदार है, या विंटर सुपरफूड्स? सर्दी के मौसम में ज्यादातर लोग आलसी और सुस्त हो जाते हैं, और इस दौरान खुदको पूरी तरह से एक्टिव रख पाना बेहद मुश्किल होता है। कहीं शारीरिक स्थिरता तो नहीं है, इस मौसम वेट गेन (winter weight gain) के लिए जिम्मेदार?
इस बारे में जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, मुंबई की डाइटिशियन, डॉक्टर जिनल पटेल से बात की। डॉक्टर ने विंटर वेट गेन से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताइ हैं। तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से।
जैसे-जैसे तापमान गिरता जाता है और दिन ठंडा होता जाता है, लोग घरों से बाहर निकलना कम कर देते हैं। वहीं अपने बिस्तर के गर्म वातावरण में खुद को कंफर्ट कर लेते हैं। इस दौरान बहुत से लोगों के नियमित वर्कआउट सेशन पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं, और बॉडी सर्दियों के मुकाबले ठंड में उतनी फ्लैक्सिबल नहीं रहती, जिसकी वजह से वेट गेन हो सकता है।
आमतौर पर सर्दियों में लोग हाई कैलरी फूड्स लेना शुरू कर देते हैं। अधिकतर लोगों की डाइट में चाय, कुकीज, कॉफ़ी लेने की फ्रीक्वेंसी बढ़ जाती है। वहीं विंटर क्रिसमस और न्यू ईयर का सीजन है और इस दौरान सबसे ज्यादा केक और हाई कैलरी फूड्स खाए जाते हैं, जो फेस्टिवल वेट गेन का कारण बन सकते हैं। इतना ही नहीं सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए कई मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है, जैसे की हलवा, चिक्की, तिल से बने मीठे व्यंजन आदि। यह सभी बॉडी वेट को बढ़ावा दे सकते हैं।
सर्दियों में आमतौर पर लोगों को ज्यादा नींद आती है। बाहर ठंड होने की वजह से लोग अपने कोजी कंबल में घुसे रहते हैं, और ऐसे में आंख लग जाना बिलकुल सामान्य है। स्लीप रूटीन में बदलाव आने के कारण आपके वजन पर प्रभाव पड़ता है। बॉडी वेट मेंटेन करने के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी है, परंतु अपने शारीरिक गतिविधियों को अवॉयड कर दिन का 10 से 12 घंटा सोने में बिताना वजन कम करने की जगह वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है।
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सर्दियों में हार्मोनल फ्लकचुएशन हो सकता है। दिन की रोशनी के समय में बदलाव होने से सार्कार्डियन रिदम डिस्टर्ब हो जाता है, जिसकी वजह से बॉडी में मेलाटोनिन और सेरोटोनिन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है। यह दो ऐसे हार्मोन हैं, जो नींद, मूड और भूख को रेगुलेट करने में मदद करते हैं। इन हारमोंस में बदलाव आने के कारण व्यक्ति अधिक सोता है, हाई कैलरी फूड्स के लिए क्रेव करता है और कई बार स्ट्रेस पर नियंत्रण नहीं रख पाता जिसकी वजह से वेट गेन का सामना करना पड़ सकता है।
विंटर सीजन क्रिसमिस और न्यू ईयर जैसे फेस्टिवल्स का मौसम है। इन फेस्टिवल्स को लोग अल्कोहल के साथ सेलिब्रेट करते हैं। इसके अलावा सर्दी के मौसम में रम बॉडी को गर्म रखती है और रिलैक्सेशन को बढ़ावा देती है। जिसकी वजह से सर्दी में लोग अधिक मात्रा में शराब पीना शुरू कर देते हैं। वहीं कई ऐसे खाद्य पदार्थ भी हैं, जिन्हें बनाने में शराब का इस्तेमाल किया जाता है। शराब में अधिक मात्रा में कैलरी पाई जाती है, जो आपकी बॉडी हारमोंस को प्रभावित करते हुए वेट गेन का कारण बन सकती हैं।
सर्दियों में सूरज की किरणों से प्यारा और कुछ भी नहीं होता, इसलिए हमें इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। नियमित रूप से दिन का कुछ समय सनलाइट में बिताने का प्रयास करें, इससे आपका मूड बेहतर होगा साथ ही साथ वेट मैनेजमेंट में भी मदद मिलेगी। हालांकि, सनलाइट में जाने से पहले उचित मात्रा में सनस्क्रीन अप्लाई करना न भूले।
यदि आप घर के बाहर जाकर वर्कआउट और एक्सरसाइज नहीं करना चाहती हैं, तो घर के अंदर नियमित रूप से कुछ देर शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने का प्रयास करें। इसके लिए योग, जुंबा, एरोबिक्स, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज आदि में भाग ले सकती हैं। इससे आपको कैलरी बर्न करने के साथ ही, फिट रहने में मदद मिलेगी। साथ ही साथ सर्दियों में खाना खाने के बाद 10 से 15 मिनिट वॉक करना न भूलें। यह आपके पाचन क्रिया को संतुलित रखेगा, जो वेट लॉस में आपकी मदद करेंगे।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंसर्दियों में शराब और सिगरेट का कंजक्शन बढ़ जाता है, ऐसे में इनसे जितना हो सके उतना परहेज रखने की कोशिश करें। शराब और सिगरेट भी बढ़ते वजन का एक मुख्य कारण हो सकते हैं।
ठंड के मौसम में अक्सर लोग कम पानी पीते हैं, जिसकी वजह से बॉडी डिहाइड्रेटेड हो जाती है। डिहाइड्रेशन भी वेट गेन को बढ़ावा देता है, इसलिए उचित मात्रा में पानी पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखने का प्रयास करें। साथ ही यह बॉडी टॉक्सिंस को बाहर निकलने में मदद करेगा और आपके वेट मैनेजमेंट को बढ़ावा देगा।
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