हम सभी ने कभी न कभी मसल्स फटिग यानी की मांसपेशियों में थकान का अनुभव जरूर किया होगा। कुछ लोगों में ये समस्या अधिक फ्रिक्वेंटली देखने को मिलती है, तो कुछ लोगों को ये कभी कभार परेशान करती है। अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, परंतु इन्हें इसी तरह से छोड़ देना आपको बेहद कमजोर और सुस्त बना सकता है। जिसकी वजह से आपकी नियमित गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं। ऐसे में इस बारे में सभी को जरूरी जानकारी होनी चाहिए।
मांसपेशियों में थकान (Muscle Fatigue) के कारण और इससे डील करने के टिप्स को समझने के लिए हेल्थ शॉर्ट्स ने वॉकहार्ट हॉस्पिटल मीरा रोड मुंबई के सुपर स्पेशलिटी कंसलटेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर ग्रीस एल भालेराव से बात की। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं इस बारे में सब कुछ।
मांसपेशियों की थकान एक ऐसी स्थिति है जहां आपकी मांसपेशियां स्ट्रेंथ उत्पन्न करने या कांट्रेक्शन मेंटेन रखने की क्षमता को खो देती हैं। यह इंटेंस और प्रोलांग्ड फिजिकल एक्टिविटी के रूप में नजर आ सकता है, जिससे आपकी मांसपेशियां कमजोर, थकी हुई और दर्द महसूस कर सकती हैं।
यह एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, जो देखभाल से अपने आप ठीक हो जाती हैं। हालांकि, यदि मांसपेशियों की थकान लगातार बनी रहती है, तो यह एक अंतर्निहित चिकित्सा समस्या या असंतुलन का संकेत हो सकता है, जिसे संबोधित करने की आवश्यकता है।
शारीरिक ऊर्जा की कमी: ऐसा तब होता है जब शरीर के ऊर्जा भंडार, जैसे ग्लाइकोजन और एटीपी, शारीरिक गतिविधि के दौरान फिर से भरने की तुलना में तेजी से उपयोग होता है।
मेटाबॉलिक वेस्ट प्रोडक्ट्स जमा होना: शारीरिक गतिविधियों के दौरान, मांसपेशियां लैक्टिक एसिड जैसे मेटाबॉलिक वेस्ट प्रोडक्ट का उत्पादन करती हैं, जो मांसपेशियों में जमा हो सकते हैं और थकान का कारण बन सकते हैं।
मांसपेशियों तक पर्याप्त ब्लड नहीं पहुंचना: मांसपेशियों को ठीक से काम करने के लिए ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की निरंतर आपूर्ति की आवश्यकता होती है। एथेरोस्क्लेरोसिस या पेरीफेरल आर्टरी डिजीज जैसी स्थितियों के कारण ब्लड फ्लो प्रभावित होता है, जिसकी वजह से मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता और इनमें थकान महसूस हो सकता है।
हाई टेंपरेचर और ह्यूमिडिटी: गर्म और आर्द्र वातावरण में व्यायाम करने से अत्यधिक पसीना निकलता है जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिसकी वजह से मांसपेशियों में थकान महसूस होता है।
हाइट: अधिक ऊंचाई पर, हवा में कम ऑक्सीजन होती है, जो शारीरिक गतिविधि को अधिक कठिन बना देती हैं और मांसपेशियों में थकान पैदा कर सकती है।
शोर और वाइब्रेशन: तेज शोर और लगातार कंपन के संपर्क में आने से मांसपेशियों में थकान हो सकती है।
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बीएमआई चेक करेंतनाव: साइकोलॉजिकल तनाव मांसपेशियों में तनाव और थकान का कारण बन सकता है, खासकर इस स्थिति में गर्दन और कंधे की मांसपेशियों में थकान महसूस होता है।
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एंजाइटी: चिंता मांसपेशियों में तनाव और हाइपरवेंटिलेशन का कारण बन सकती है, जिससे मांसपेशियों में थकान महसूस होती रहती है।
डिप्रेशन: डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को अधिक थकान और सुस्ती का अनुभव होता रहता है, जो मांसपेशियों की थकान में योगदान कर सकते हैं।
इस स्थिति में मासपेशियों में कमजोरी, दर्द, क्रैंप्स, आदि महसूस हो सकता है। इसके अलावा शारीरिक गतिविधियों को करने की कैपेसिटी काम हो जाती है और पूरे दिन थकान महसूस होता रहता है। इसके अलावा यदि आप मसल्स फटिग की शिकार हो चुकी हैं, तो ऐसे में सामान्य उसे पेशियां के दर्द और थकान को रिकवर होने में बहुत अधिक समय लग सकता है।
अगर आप मांसपेशियों की थकान से जूझ रही हैं, तो ऐसे में आपको अपनी मांसपेशियों को रिकवर करने का समय देना चाहिए। अगर आप इन्हें और ज्यादा थकाना शुरू कर देंगी, तो स्थिति गंभीर हो सकती है। इसलिए कुछ दिन तक अपनी बॉडी को रेस्ट दें ताकि आप पूरी तरह से रिकवर कर पाएं।
मांसपेशियों को सही से कार्य करने के लिए पूरी तरह से हाइड्रेटेड रहने की आवश्यकता होती है। हाइड्रेशन ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को मांसपेशियों तक पहुंचाता है और मांसपेशियों में जमें वेस्ट प्रोडक्ट्स को बाहर निकालने में मदद करता है। इस स्थिति में पूरे दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर अपने बॉडी को पूरी तरह से हाइड्रेटेड रखने से, आपको मांसपेशियों की थकान से रिकवर करने में मदद मिलेगी।
अगर आपको मांसपेशियों में अत्यधिक थकान का अनुभव हो रहा है, तो आपको अपनी मांसपेशियों को अच्छी तरह मसाज करना चाहिए। स्ट्रेचिंग और मसाज दोनों ब्लड फ्लो को बढ़ा देते हैं, जिससे कि मांसपेशियों तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचता है। साथ ही मांसपेशियां एक्टिवेट हो जाती हैं, जिससे कि इन्फ्लेमेशन कम होता है और मांसपेशियों का थकान भी धीरे-धीरे दूर हो जाता है।
पोषक तत्वों की कमी भी मांसपेशियों के थकान का एक प्रमुख कारण है, ऐसे में शरीर को पर्याप्त पोषण देना बहुत जरूरी है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और हेल्दी फैट से भरपूर संतुलित आहार लें इससे आपकी मांसपेशियों को कुशलतापूर्वक कार्य करने और प्रभावी ढंग से ठीक होने में मदद मिलती है। इससे मांसपेशियों की कार्यक्षमता बढ़ जाती है और रिकवरी में सहायता मिलती है। अपने दैनिक आहार में लीन मीट, साबुत अनाज, फल, सब्जियां और हेल्दी फैट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करने पर विचार करें।
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