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Muscle Cramps: जानिए क्यों होती है मांसपेशियों में बार–बार ऐंठन और इसे कैसे ठीक करना है

मांसपेशियों में बढ़ने वाली ऐंठन को दूर करने के लिए व्यायाम शरीर के लिए फायदेमंद साबित होता है। इससे उठने बैठने में होने वाली तकलीफ और सीढ़िया चढ़ने में जोड़ों पर बढ़ने वाले प्रेशर को कम किया जा सकता है।
मांसपेशियों में ऐंठन का मुख्य कारण व्यायाम के दौरान मांसपेशियों की थकान या उनका अधिक उपयोग है। चित्र – अडोबीस्टॉक
Published On: 9 Jan 2025, 08:00 am IST

सर्दियों के मौसम में अक्सर शारीरिक अंगों में ऐंठन बढ़ने लगती है। कभी कमर में दर्द, तो कभी टांगों के मसल्स में क्रैंप्स का सामना करना पड़ता है। मांसपेशियों में बढ़ने वाली ऐंठन को दूर करने के लिए व्यायाम शरीर के लिए फायदेमंद साबित होता है। इससे उठने बैठने में होने वाली तकलीफ और सीढ़िया चढ़ने में जोड़ों पर बढ़ने वाले प्रेशर को कम किया जा सकता है। दरअसल, उम्र के साथ शरीर में बढ़ने वाली पोषण की कमी इस समस्या का कारण साबित होती है। सबसे पहले जानते हैं कि मसल्स क्रैंम्प क्या है और इसे दूर करने के लिए किन एक्सरसाइज़ को रूटीन में शामिल करें (How to deal with muscle cramps) ।

मसल्स क्रैंम्प क्या है और इसके कारण (Causes of muscle cramps)

मांसपेशियों में ऐंठन उस वक्त बढ़ने लगती है, जब कोई मांसपेशी सिकुड़ने लगती है और उसे आराम नहीं मिल पाता है। दरअसल, मांसपेशियों में ऐंठन का मुख्य कारण व्यायाम के दौरान मांसपेशियों की थकान या उनका अधिक उपयोग है। इसके अलावा निर्जलीकरण भी मांसपेशियों में ऐंठन को ट्रिगर (How to deal with muscle cramps) करने लगता है। पानी की कमी से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन बढ़ने लगता है, जिससे मांसपेशियों का कार्य बाधित होने लगता है। साथ ही वे लोग जो व्यायाम से पहले स्ट्रेचिंग नहीं करते हैं। उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ता है।

इस बारे में फिज़ियोथेरेपिस्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि शरीर में बढ़ने वाली मसल्स टाइटनेस यानि मांसपेशियों की ऐंठन को दूर करने के लिए स्ट्रेचिंग आवश्यक है (How to deal with muscle cramps) । खासतौर से काफ मसल्स, हैमस्ट्रिंग और क्वाड्रिसेप्स को स्ट्रेच करें। शरीर की क्षमता के अनुसार व्यायाम करने से बॉडी एक्टिव और हेल्दी रहती है। इससे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है और मसल्स रिलैक्स होते हैं।

स्ट्रेचिंग और रिलैक्सिंग एक्सरसाइज़ शरीर को रिलैक्स करती है। चित्र: शटरस्टॉक

मसल्स क्रैंम्प को दूर करने के लिए एक्सरसाइज़ (Exercise to deal with muscle cramps)

1. स्टैंडिंग काफ स्ट्रेच (Standing calf stretch)

  • इसे करने के लिए दीवार के सामने खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को वॉल पर टिका लें। अब दाएं पैर को आगे बढ़ाएं।
  • दाएं पैर की उंगलियों को दीवार से लगाएं और कमर से शरीर को आगे की ओर झुकाएं। जहां तक संभव हो शरीर को आगे लेकर जाएं।
  • 30 सेकण्ड तक इसी पोज़िशन में रहने के बाद पीछे आ जाएं। अब बाएं पैर को भी इसी तरह आगे लेकर जाएं।
  • रोज़ाना इस एक्सरसाइज़ का अभ्यास करने से मसल्स क्रैंप्स से राहत मिलती है।

2. बट किक्स (Butt kicks)

  • ये एक कार्डियो एक्सरसाइज हैं, जिससे हैमस्ट्रिंग और ग्लूट्स को मजबूती मिलती हैं। इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं।
  • कमर को सीधा कर लें। अब एक जगह पर खड़े होकर एक एक कर टागों को पीछे लेकर जाएं और हिप्स को छूने का प्रयास करें।
  • भागने की मुद्रा में खड़े रहें और बाजूओं व टांगों को उसी प्रकार से आगे से पीछे की ओर लेकर जाएं। इससे क्रैप्स से राहत मिलती है।
  • शरीर की क्षमता के अनुसार इस एक्सरसाइज़ का अभ्यास करें। इससे शरीर का लचीलापन बढ़ने लगता है।
ये एक कार्डियो एक्सरसाइज हैं, जिससे हैमस्ट्रिंग और ग्लूट्स को मजबूती मिलती हैं। चित्र : अडॉबीस्टॉक

3. साइड लंजिज (Side lunges)

  • इस लोअर बॉडी मूवमेंट से ग्लूट्स को मज़बूती मिलती है और शरीर का संतुलन बना रहता है।
  • इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के मध्य दूरी बनाकर रखें। अब दोनों हाथों को आपस में पकड़ लें।
  • उसके बाद दाई टांग को बाहर की ओर लेकर जाएं और उस मसल्स को स्ट्रेच करें। फिर अपने स्थान पर ले आएं।
  • अब बाई टांग को भी इसी प्रकार से बाहर की ओर लेकर जाएं और फिर अपने स्थान पर वापिस लेकर आएं।
  • नियमित रूप से इसका अभ्यास करे। इससे शरीर का लचीलापन बढ़ने लगता है और ऐंठन से भी राहत मिलती है।
इस लोअर बॉडी मूवमेंट से ग्लूट्स को मज़बूती मिलती है और शरीर का संतुलन बना रहता है। चित्र : शटरस्टॉक

4. हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच (Hamstring stretch)

  • इसे करने के लिए जमीन पर लेट जाएं और कमर को एक दम सीधा कर लें। इसके बाद दाएं पैर पर टावल रैप कर लें।
  • अब दाई टांग को उपर उठाएं और टावल को दोनों हाथों से पकड़कर नीचे की ओर खींचने का प्रयास करें।
  • तौलिया न होने पर दोनों हाथों का इस्तेमाल करें। शरीर की क्षमता के मुताबिक इस एक्सरसाइज़ को करें। इससे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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